धुले: आगरा रोड पर दुकानों में भीषण आग, लाखों का नुकसान, बिजली विभाग पर आरोप
धुले के आगरा रोड पर देर रात तीन-चार दुकानों में लगी भीषण आग से लाखों का नुकसान। शॉर्ट सर्किट को कारण बताया जा रहा है, बिजली वितरण विभाग पर लापरवाही का आरोप। पूर्व मेयर ने की कार्रवाई की मांग।

- भीषण अग्निकांड: धुले के आगरा रोड पर देर रात तीन-चार दुकानों में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, लाखों का नुकसान
- बिजली विभाग पर आरोप: दुकान मालिकों का दावा- शाम को दी गई शिकायत को नजरअंदाज करने से हुआ हादसा
- पूर्व मेयर की मांग: चंद्रकांत सोनार ने बिजली विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की
महाराष्ट्र के धुले शहर के आगरा रोड इलाके में बीती रात एक भीषण अग्निकांड ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। देर रात तीन से चार दुकानों में अचानक आग लग गई, जिसने आसपास के लोगों में दहशत फैला दी। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही पलों में कई दुकानें इसकी चपेट में आ गईं। स्थानीय लोगों और दमकल विभाग की तत्परता से आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक लाखों रुपये का नुकसान हो चुका था। इस घटना ने बिजली वितरण विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आग लगने का कारण और शुरुआत
जानकारी के मुताबिक, आग की शुरुआत एक बैग की दुकान से हुई, जहां शॉर्ट सर्किट को इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है। यह आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास की तीन-चार दुकानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। रात का समय होने के कारण दुकानें बंद थीं, जिसके चलते तुरंत नुकसान का आकलन करना मुश्किल था। लेकिन प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, चार से पांच दुकानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, और कुछ व्यापारियों का कहना है कि नुकसान इससे भी ज्यादा हो सकता है।
दमकल विभाग का प्रयास
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग हरकत में आया। मौके पर पांच दमकल गाड़ियां और कर्मचारी तुरंत पहुंचे। कड़ी मशक्कत के बाद करीब डेढ़ से दो घंटे की मेहनत से आग पर काबू पाया गया। दमकल कर्मियों की त्वरित कार्रवाई की वजह से आग को और फैलने से रोका गया, वरना नुकसान और भयावह हो सकता था। स्थानीय लोगों ने भी दमकल विभाग की तारीफ की, लेकिन साथ ही बिजली वितरण विभाग पर गुस्सा भी जाहिर किया।
बिजली वितरण विभाग पर लापरवाही का आरोप
दुकान मालिकों का आरोप है कि यह हादसा बिजली वितरण विभाग की लापरवाही का नतीजा है। एक दुकानदार ने बताया कि शाम 8 बजे उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को शॉर्ट सर्किट की आशंका के बारे में सूचित किया था। लेकिन अधिकारियों ने इस शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन, दुकानें बंद होने के बाद रात में आग ने तांडव मचाया। दुकान मालिकों का कहना है कि अगर समय रहते बिजली विभाग ने कार्रवाई की होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था।
पूर्व मेयर ने उठाए सवाल
धुले के पूर्व मेयर चंद्रकांत सोनार ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि बिजली वितरण विभाग की लापरवाही के कारण यह बड़ा हादसा हुआ। सोनार ने स्पष्ट किया कि उनका शिष्टमंडल बिजली विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगेगा और इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग करेगा। उन्होंने पालक मंत्री जयकुमार रावल से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है।
व्यापारियों की मांग
आग से प्रभावित दुकानदारों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि उनकी रोजी-रोटी इस हादसे की भेंट चढ़ गई है। कई दुकानदारों ने बताया कि उनकी दुकानों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। व्यापारियों ने प्रशासन से नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द राहत देने की गुहार लगाई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
फिलहाल, प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच कमेटी गठित की गई है। साथ ही, बिजली वितरण विभाग से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्थानीय पुलिस ने भी घटनास्थल का दौरा किया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।
त्वरित कार्रवाई की जरूरत
धुले के आगरा रोड पर हुए इस अग्निकांड ने न केवल व्यापारियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि बिजली वितरण विभाग की लापरवाही को भी उजागर किया। यह घटना एक चेतावनी है कि ऐसी लापरवाही भविष्य में और बड़े हादसों को न्योता दे सकती है। प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर दोषियों को जवाबदेह ठहराए और प्रभावित व्यापारियों को उचित मुआवजा प्रदान करे।