अंतर्राज्यीय अवैध हथियार तस्करी में थाना खकनार की बड़ी कार्रवाई: 2 गिरफ्तार, 40 हजार कीमत के हथियार जब्त
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में थाना खकनार पुलिस ने अवैध हथियार तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया। 2 आरोपियों से 02 हस्तनिर्मित पिस्टल, 02 मैगज़ीन और मोबाइल फोन बरामद। आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज। पूरी खबर पढ़ें।
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मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित थाना खकनार की पुलिस ने अवैध हथियारों के निर्माण, तस्करी और परिवहन के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अंतर्राज्यीय आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस ऑपरेशन के दौरान 02 हस्तनिर्मित पिस्टल, 02 मैगज़ीन और एक मोबाइल फोन जब्त किए गए, जिनकी कुल कीमत लगभग 40,000 रुपये आंकी गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक बुरहानपुर श्री देवेंद्र कुमार पाटीदार के निर्देशन में हुई, जिन्होंने जिले के सभी थाना प्रभारियों को अवैध हथियारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था।
पुलिस की सूचना और त्वरित कार्रवाई
11 फरवरी, 2025 को थाना खकनार के प्रभारी निरीक्षक अभिषेक जाधव को एक गोपनीय सूचना मिली कि ग्राम खकनार के शमशान घाट के पास अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले दो संदिग्ध व्यक्ति मौजूद हैं। सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस टीम ने तुरंत एक्शन मोड में काम किया। टीम में सब-इंस्पेक्टर अमित हनोतिया, हेड कॉन्स्टेबल शादाब अली, कॉन्स्टेबल जितेंद्र चौहान और सुनिल धुर्वे शामिल थे।
संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी
शमशान घाट पहुंचने पर पुलिस को दो व्यक्ति संदेहास्पद हरकतें करते नजर आए। उनके हुलिए मुखबीर द्वारा दी गई जानकारी से मेल खा रहे थे। पुलिस टीम ने चालाकी से उन्हें घेर लिया और पूछताछ शुरू की। आरोपियों ने खुद को मुकुल सिंह (26 वर्ष) और रूबेन (29 वर्ष) बताया। दोनों का ताल्लुक आगरा, उत्तर प्रदेश से था।
आरोपियों का पूरा ब्योरा और पूर्व इतिहास
1. मुकुल सिंह: जघन्य अपराधों का "पुराना खिलाड़ी"
- - पिता का नाम: प्रताप सिंह भारती
- - जाति: धोबी
- - निवास: राजपुर चुंगी के पास चौराहा, आगरा (उ.प्र.)
- - पूर्व इतिहास:
- - थाना न्यू आगरा: अपराध क्रमांक 1192/2018 (धारा 120बी, 323, 376, 504, 506 IPC)
- - थाना हिरपर्वत: अपराध क्रमांक 361/2020 (धारा 25/3 आर्म्स एक्ट)
मुकुल सिंह पहले ही अवैध हथियारों और यौन हिंसा के मामलों में संलिप्त रह चुका है। उसके खिलाफ पुलिस को अक्सर गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ता रहा है।
2. रूबेन: नया नहीं, मगर संदिग्ध
- - पिता का नाम: नरसी सिंह
- - जाति: जाटव
- - निवास: सेक्टर 10, आवास विकास कॉलोनी, आगरा (उ.प्र.)
रूबेन का नाम पहली बार अवैध हथियारों के मामले में सामने आया है, लेकिन पुलिस उसके संभावित गिरोह संबंधों की जांच कर रही है।
जब्त सामग्री और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित वस्तुएं जब्त कीं:
- - 02 हस्तनिर्मित देशी पिस्टल (स्थानीय बंदूक निर्माताओं द्वारा बनाई गई)
- - 02 खाली मैगज़ीन
- - 01 मोबाइल फोन
इन सामग्रियों की कुल कीमत 40,000 रुपये आंकी गई। गिरफ्तारी के बाद थाना खकनार में अपराध क्रमांक 72/2025 दर्ज करते हुए आर्म्स एक्ट की धारा 25(1-B)(a) के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
पुलिस की रणनीति और टीम की भूमिका
इस सफल ऑपरेशन के पीछे पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार पाटीदार के निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंतर सिंह कनेश व एसडीओपी नेपानगर निर्भय सिंह अलावा का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। थाना प्रभारी अभिषेक जाधव ने बताया कि मुखबीर सूचना के आधार पर टीम ने रातों-रात काम किया और आरोपियों को पकड़ने में सफल रही।
स्टाफ की सराहनीय पहल
- - निरीक्षक अभिषेक जाधव: ऑपरेशन की कमान संभाली।
- - सब-इंस्पेक्टर अमित हनोतिया: फील्ड इंटेलिजेंस एकत्र करने में अहम भूमिका।
- - हेड कॉन्स्टेबल शादाब अली और टीम: आरोपियों को घेरने और गिरफ्तार करने में सक्रिय।
अवैध हथियार तस्करी: समाज के लिए खतरा और पुलिस की चुनौती
अवैध हथियारों का निर्माण और तस्करी न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गंभीर खतरा है। ये हथियार अक्सर डकैती, हत्या और आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल होते हैं। बुरहानपुर पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर सक्रिय गिरोह अक्सर सस्ते दामों पर हथियार बेचकर युवाओं को गलत रास्ते पर धकेलते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है यह केस?
- अंतर्राज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश: आरोपियों का आगरा से जुड़ाव दर्शाता है कि यह गिरोह दो राज्यों में सक्रिय है।
- हस्तनिर्मित हथियारों का बाजार: स्थानीय स्तर पर बनाए गए पिस्टल ग्रामीण और शहरी इलाकों में आसानी से बेचे जाते हैं।
- मोबाइल फोन का रोल: जब्त फोन से गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष: सुरक्षा के प्रति पुलिस की प्रतिबद्धता
थाना खकनार की यह कार्रवाई साबित करती है कि सूचना और सतर्कता के बल पर बड़े अपराधी भी पुलिस के हाथों सुरक्षित नहीं हैं। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार पाटीदार ने कहा, "हमारी टीम 24x7 अवैध हथियारों के खिलाफ काम कर रही है। यह सफलता उन लोगों के लिए चेतावनी है जो कानून को मजाक समझते हैं।"
इस मामले ने यह भी उजागर किया है कि राज्यों के बीच बेहतर समन्वय और इंटेलिजेंस शेयरिंग से अंतर्राज्यीय अपराधों पर लगाम लगाई जा सकती है। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें ताकि ऐसे गिरोहों को जड़ से खत्म किया जा सके।