सनी देओल के फैन का अनोखा अंदाज: 'जाट' फिल्म देखने ट्रैक्टरों के काफिले के साथ पहुंचे थिएटर
उज्जैन में सनी देओल के फैन राकेश जाट ने 'जाट' फिल्म देखने के लिए 15 ट्रैक्टर और 322 लोगों के काफिले के साथ पीवीआर पहुंचकर सबको हैरान कर दिया। जानिए इस अनोखी दीवानगी की पूरी कहानी।

उज्जैन में सनी देओल के फैंस ने एक बार फिर अपनी दीवानगी का ऐसा नजारा पेश किया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। सुपरस्टार सनी देओल की हालिया रिलीज फिल्म ‘जाट’ को देखने के लिए उनके फैन राकेश जाट ने अपने गांव से 15 ट्रैक्टर, 12 फोर-व्हीलर और 40 मोटरसाइकिल के साथ करीब 322 लोगों का काफिला लेकर उज्जैन के नानाखेड़ा स्थित पीवीआर कॉसमॉस मॉल पहुंचे। डीजे की धुन पर थिरकते हुए यह काफिला जब थिएटर पहुंचा, तो शहरवासियों की आंखें खुली की खुली रह गईं। यह नजारा न केवल रोमांचक था, बल्कि सनी देओल के प्रति उनके फैंस की अटूट भक्ति को भी दर्शाता है।
सनी देओल की दीवानगी: गांव से थिएटर तक का अनोखा सफर
सनी देओल की फिल्मों के प्रति फैंस का जुनून कोई नई बात नहीं है। उनकी फिल्में, चाहे वह ‘गदर’ हो, ‘गदर 2’ हो या अब ‘जाट’, हमेशा दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाती हैं। उज्जैन के बकानिया गांव के राकेश जाट और उनके परिवार की सनी देओल के प्रति दीवानगी तो और भी अनोखी है। राकेश जाट ने अपने गांव के लोगों को फिल्म दिखाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों का काफिला तैयार किया और पूरे उत्साह के साथ पीवीआर पहुंचे। यह नजारा देखकर हर कोई उनकी तारीफ करने लगा।
राकेश जाट के मामा संदीप जाट ने बताया कि उनके नाना स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण जाट सनी देओल के सबसे बड़े फैन थे। साल 2001 में ‘गदर’ रिलीज होने के बाद से उनकी दीवानगी इस कदर बढ़ी कि वह रोजाना फिल्म देखने थिएटर जाते थे। इतना ही नहीं, उन्होंने गांव के मंदिर में टीवी और वीसीआर लगवाकर हर किसी को ‘गदर’ दिखाने का इंतजाम किया। गांव में उन्हें ‘गदर सेठ’ के नाम से जाना जाता था। उनकी इस दीवानगी को परिवार ने बरकरार रखा। 2023 में ‘गदर 2’ के लिए भी राकेश जाट ने गांववालों को ट्रैक्टरों से थिएटर पहुंचाया था, और अब ‘जाट’ के लिए भी उन्होंने ऐसा ही किया।
‘जाट’ फिल्म: स्वाभिमान और संघर्ष की कहानी
‘जाट’ फिल्म जाट समुदाय के स्वाभिमान, साहस, देशभक्ति और न्याय की भावना को दर्शाती है। सनी देओल का दमदार अभिनय और फिल्म का गहरा संदेश दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। फिल्म में दिखाया गया है कि स्वाभिमान किसी राजा या राजनेता का नहीं, बल्कि एक किसान का होता है। यह संदेश जाट समुदाय के साथ-साथ हर उस व्यक्ति को प्रेरित करता है, जो अपने मूल्यों और सम्मान के लिए संघर्ष करता है।
फिल्म की कहानी और सनी देओल का किरदार दर्शकों के बीच गहरी छाप छोड़ रहा है। उज्जैन में राकेश जाट और उनके काफिले का उत्साह इस बात का सबूत है कि ‘जाट’ न केवल एक फिल्म है, बल्कि एक भावना है, जो लोगों को जोड़ रही है। ट्रैक्टरों पर सवार होकर थिएटर पहुंचने वाले फैंस का जोश देखकर साफ है कि सनी देओल की लोकप्रियता आज भी बरकरार है।
सनी देओल: फैंस के दिलों का बादशाह
सनी देओल की फिल्में हमेशा से ही दर्शकों के लिए खास रही हैं। उनकी फिल्मों में देशभक्ति, पारिवारिक मूल्य और सामाजिक संदेश हमेशा प्रमुखता से उभरकर सामने आते हैं। ‘जाट’ में भी सनी देओल ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है। उज्जैन के इस अनोखे नजारे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सनी देओल के फैंस उनकी फिल्मों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
शहर में चर्चा का विषय बना यह नजारा
उज्जैन के पीवीआर कॉसमॉस मॉल में ट्रैक्टरों का काफिला और डीजे की धुन पर थिरकते लोग शहर में चर्चा का विषय बन गए। स्थानीय लोगों ने इस अनोखे उत्साह की जमकर तारीफ की। यह नजारा न केवल सनी देओल की लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक फिल्म समुदाय को एकजुट कर सकती है।
फैंस की दीवानगी की नई मिसाल
सनी देओल की ‘जाट’ फिल्म ने न केवल अपने कथानक और अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है, बल्कि फैंस की दीवानगी को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उज्जैन के राकेश जाट और उनके काफिले ने ट्रैक्टरों के साथ थिएटर पहुंचकर साबित कर दिया कि सनी देओल के फैंस का जुनून अतुलनीय है। यह कहानी हर सनी देओल फैन के लिए प्रेरणा है कि अपने पसंदीदा स्टार के लिए प्यार और उत्साह को कैसे जाहिर किया जा सकता है।