बुरहानपुर में नंदी की हत्या के खिलाफ बजरंग दल का उग्र आंदोलन, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में नंदी की हत्या का मामला बढ़ता जा रहा है। बजरंग दल ने गौ हत्या के खिलाफ उग्र आंदोलन किया और प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। पढ़ें पूरी खबर।

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में नंदी बैल की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। नंदी की हत्या के विरोध में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आज ग्राम सारोला में एक विशाल रैली आयोजित की और उग्र आंदोलन का बिगुल फूंका। इस आंदोलन के दौरान बजरंग दल ने गौ माता के सम्मान में जोरदार नारे लगाए और चेतावनी दी कि अगर गौ हत्या की घटनाओं पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो वे चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन करेंगे। साथ ही, बजरंग दल ने यह भी कहा कि इस मामले की समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
मध्य प्रदेश में गौ हत्या पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और राज्य सरकार ने इस पर सख्त कानून भी बनाया है। फिर भी, बुरहानपुर जिले में गौ हत्या की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले कुछ समय से बुरहानपुर में गौ हत्या से संबंधित मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
आज सुबह ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक कंटेनर पकड़ा, जिसमें गोवंश लाए जा रहे थे। इस कंटेनर को पुलिस के हवाले कर दिया गया, हालांकि कंटेनर का चालक और परिचालक मौके से फरार हो गए। यह घटना भी इस बात की पुष्टि करती है कि गौ हत्यारे लगातार सक्रिय हैं और प्रशासन के खिलाफ खुली चुनौती दे रहे हैं।
बजरंग दल का आंदोलन और चेतावनी
ग्राम सारोला में बजरंग दल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर एक विशाल रैली आयोजित की, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान नंदी की हत्या के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया गया और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की गई। बजरंग दल ने एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपते हुए यह चेतावनी दी कि अगर गौ हत्या की घटनाओं पर काबू नहीं पाया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि गौ हत्या करने वालों को कड़ी सजा मिले, और जिन लोगों ने इन हत्याओं में सहयोग किया है, उन्हें भी सख्त सजा दी जाए।
बजरंग दल ने यह भी सुझाव दिया कि दोषियों पर रासुका के तहत कार्रवाई हो और उनके घरों, मकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाए। यह कदम न केवल अपराधियों के लिए एक चेतावनी होगा, बल्कि यह समाज में गौ हत्या के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देगा।
ग्राम सारोला में नंदी की हत्या का घटनाक्रम
ग्राम सारोला के लोग नंदी बैल को अपनी आस्था का प्रतीक मानते थे। यह नंदी बैल सभी के घर रोटी खाने के लिए जाता था और उसे पूजा भी की जाती थी। यह बैल गांववासियों के बीच लोकप्रिय था और ग्राम के लोग इसे आदर के साथ रखते थे। लेकिन 27 जनवरी को यह नंदी अचानक गायब हो गया। ग्रामीणों ने इसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इस घटना के बाद, गांववालों ने शिकारपुरा थाने में नंदी के गुम होने की शिकायत दर्ज करवाई।
लेकिन, अगले दिन यानी 30 जनवरी को गांव के पास तालाब के किनारे नंदी बैल के शरीर के अवशेष मिले। इसके बाद गांववालों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने शिकारपुरा थाने का घेराव किया और पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। पुलिस ने इस मामले में जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
पुलिस कार्रवाई और प्रशासन का दायित्व
पुलिस इस मामले में गहरी जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। पुलिस ने आरोपियों को जल्द सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। इस बीच, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन से मांग की है कि गौ हत्यारों के खिलाफ कोई नरमी न बरती जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले।
गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत
मध्य प्रदेश में गौ हत्या पर प्रतिबंध है और इस पर कड़े कानून बनाए गए हैं। हालांकि, इन कानूनों का प्रभावी तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण गौ हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। गौ हत्यारे हर जगह सक्रिय हैं और प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं।
बजरंग दल का यह आंदोलन इसी समस्या को लेकर है। वे चाहते हैं कि गौ हत्या को पूरी तरह से रोका जाए और इस अवैध गतिविधि में लिप्त सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने इस पर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो वे फिर से उग्र आंदोलन करेंगे।
प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता
मध्य प्रदेश में गौ हत्या का मामला गंभीर होता जा रहा है। बुरहानपुर में नंदी बैल की हत्या ने यह मुद्दा और भी तूल पकड़ लिया है। बजरंग दल ने इस पर अपनी आवाज उठाई है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, पुलिस और प्रशासन को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि गौ हत्या जैसी घटनाओं पर काबू पाया जा सके। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो बजरंग दल और अन्य संगठन और उग्र आंदोलन कर सकते हैं, जो स्थिति को और भी जटिल बना सकता है।