अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा 51 सूत्रीय ज्ञापन

ग्वालियर में अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों की 51 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। आंदोलन के पहले चरण में यह कदम उठाया गया है।

अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा 51 सूत्रीय ज्ञापन
संयुक्त मोर्चा ग्वालियर

ग्वालियर, राज्य के कर्मचारियों, पेंशनरों और अन्य कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा एक 51 सूत्रीय ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया। यह ज्ञापन राज्य सरकार से कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और उनकी विभिन्न मांगों के समाधान के लिए सौंपा गया है। मोर्चा ने यह ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम दिया है। इस ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों और पेंशनरों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई है।

ज्ञापन सौंपने का पहला चरण

संयुक्त मोर्चा के ग्वालियर इकाई ने यह आंदोलन शुरू किया है और पहले चरण के रूप में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में राज्य के नियमित कर्मचारियों, संविदा कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 51 प्रमुख मांगों का समावेश है। इन मांगों में उनके सेवा शर्तों में सुधार, वेतन वृद्धि, पेंशन की बेहतर व्यवस्था, कर्मचारियों की सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।

मोर्चा के नेताओं का आह्वान

ज्ञापन देने के दौरान मोर्चा के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे। मोर्चा के जिला अध्यक्ष रणबीर सिंह सिकरवार ने बताया कि इस ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पहला कदम है और अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया तो आंदोलन को और बढ़ाया जाएगा। मोर्चा के अन्य सदस्यों ने भी इस आंदोलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की और एकजुट होकर आगे की रणनीति पर चर्चा की।

कर्मचारियों के हितों की रक्षा की आवश्यकता

इस ज्ञापन में राज्य के कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं में सुधार करने की अपील की गई है, ताकि उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। खासकर पेंशनरों के लिए सरकार से विशेष ध्यान देने की मांग की गई है, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो चुकी है। साथ ही, संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए स्थायी रोजगार की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है।

अगले चरण की तैयारी

रणबीर सिंह सिकरवार ने बताया कि यह सिर्फ एक शुरूआत है और यदि सरकार ने इन मांगों को अनदेखा किया, तो अगला चरण और भी सख्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में यह कदम पहले चरण के रूप में उठाया गया है, लेकिन राज्य के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की पहल की जाएगी।

प्रमुख नेता और कार्यकर्ता की उपस्थिति

ज्ञापन सौंपने के दौरान मोर्चा के प्रमुख सदस्य जैसे रविंद्र त्रिपाठी, मुकेश मौर्य, मोहन सिंह कुशवाह, राज कुमार वर्मा, कोमल सिंह, उमेश तिवारी, धर्मवीर शुक्ला, महादेव सिंह गोयल और कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। इन सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर कर्मचारियों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का यह कदम उठाया है।

सरकार के प्रति चेतावनी

यह ज्ञापन राज्य सरकार को चेतावनी देने के रूप में देखा जा रहा है कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन के अगले चरण में और अधिक कड़े कदम उठाए जाएंगे। मोर्चा के नेताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष करेंगे, ताकि कर्मचारियों को उनके अधिकार मिल सकें।

कर्मचारियों की एकजुटता और संघर्ष का संदेश

कुल मिलाकर, अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी मांगों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यदि सरकार ने उनकी मांगों को सही तरीके से निपटाने में गंभीरता नहीं दिखाई, तो कर्मचारियों का यह आंदोलन राज्यभर में तेजी से फैल सकता है।

सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

यह संघर्ष कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए है, जो लंबे समय से नजरअंदाज किए गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस ज्ञापन को कितनी गंभीरता से लेती है और इस पर जल्द प्रतिक्रिया देती है या नहीं।

इस ज्ञापन के माध्यम से ग्वालियर के कर्मचारियों और पेंशनरों ने अपने हक के लिए एकजुट होकर एक मजबूत संदेश दिया है। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह उनकी मांगों को सही तरीके से सुलझाए।