बुरहानपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का सामूहिक गायन
बुरहानपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार राष्ट्रगीत ‘‘वंदे-मातरम’’ और राष्ट्रगान ‘‘जन-गण-मन’’ का सामूहिक गायन किया गया। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
बुरहानपुर, में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार, प्रत्येक माह की पहली तारीख को कार्य दिवस के प्रारंभ होने से पूर्व कलेक्ट्रेट कार्यालय में राष्ट्रगान ‘‘जन-गण-मन’’ और राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे-मातरम’’ का सामूहिक गायन आयोजित किया जाता है। इस कड़ी में आज गुरुवार को बुरहानपुर के संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में इन दोनों गीतों का सामूहिक गायन किया गया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर राष्ट्रीयता की भावना को प्रगाढ़ किया।
सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार आयोजन
गुरुवार की सुबह कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस सामूहिक गायन का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रभक्ति को प्रोत्साहित करना था। प्रत्येक माह की पहली तारीख को यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, ताकि सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में देशभक्ति का जज़्बा बना रहे और वे अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहें। सामान्य प्रशासन विभाग के इन निर्देशों का पालन करते हुए बुरहानपुर कलेक्ट्रेट में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिससे यह कार्यक्रम सरकारी कार्यालयों में एक आदर्श बन गया है।
कार्यक्रम में अधिकारियों की उपस्थिति
इस अवसर पर बुरहानपुर कलेक्ट्रेट के महत्वपूर्ण अधिकारियों ने भी भाग लिया। अपर कलेक्टर श्री वीरसिंह चौहान, संयुक्त कलेक्टर श्री अशोक कुमार जाधव और डिप्टी कलेक्टर श्री राजेश पाटीदार ने इस कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा, कलेक्ट्रेट कार्यालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस सामूहिक गायन में शामिल हुए। सभी उपस्थित लोगों ने एकजुट होकर ‘‘वंदे-मातरम’’ और ‘‘जन-गण-मन’’ का गायन किया, जिससे कार्यालय परिसर में राष्ट्रप्रेम की भावना का संचार हुआ।
सामूहिक गायन का महत्व
राष्ट्रीय गीत ‘‘वंदे-मातरम’’ और राष्ट्रगान ‘‘जन-गण-मन’’ का सामूहिक गायन हमारे राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक धरोहर और भारत की विविधता में एकता को दर्शाता है। इन गीतों के माध्यम से हम अपने राष्ट्र के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को व्यक्त करते हैं। इन गानों का गायन देशवासियों को एकजुट करने, एक समान उद्देश्य के लिए काम करने और देश की सेवा करने के प्रति प्रेरित करने का काम करता है।
विशेष रूप से सरकारी कार्यालयों में इस प्रकार के आयोजन से अधिकारियों और कर्मचारियों के मनोबल में भी वृद्धि होती है और वे अपने कर्तव्यों को अधिक जिम्मेदारी से निभाने के लिए प्रेरित होते हैं। यह सामूहिक गायन उनके लिए एक सशक्त संदेश के रूप में कार्य करता है, जो उन्हें अपने राष्ट्रीय दायित्व को याद दिलाता है।
राष्ट्रभक्ति और एकता का प्रतीक
कलेक्ट्रेट कार्यालय में यह सामूहिक गायन सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और एकता का प्रतीक बन चुका है। इस कार्यक्रम से यह संदेश जाता है कि प्रशासन और नागरिक एकजुट होकर देश की सेवा कर सकते हैं और इसके लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना चाहिए। यह अवसर न केवल कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनता है।
इस सामूहिक गायन में हर कोई एकजुट होकर इन गीतों का उच्चारण करता है, जिससे कार्यालय में एक विशेष माहौल बन जाता है। इस प्रकार के आयोजन से जनता में भी राष्ट्रप्रेम की भावना जागृत होती है और यह सुनिश्चित होता है कि आने वाली पीढ़ियां भी अपने देश के प्रति इसी तरह की श्रद्धा और सम्मान बनाए रखें।
राष्ट्रभक्ति की स्वर लहरियां: कलेक्ट्रेट में सामूहिक गायन का उत्सव
इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि कलेक्ट्रेट कार्यालय जैसे सरकारी प्रतिष्ठानों में राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का सामूहिक गायन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि राष्ट्रीयता की भावना को प्रगाढ़ करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस प्रकार के आयोजनों से सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में एकजुटता, सम्मान और देशभक्ति की भावना उत्पन्न होती है।
आखिरकार, यह सामूहिक गायन न केवल सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इससे यह संदेश जाता है कि हम सभी को अपने देश की सेवा के लिए कर्तव्यों का पालन करते हुए हमेशा एकजुट रहना चाहिए।
इस अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर ‘‘वंदे-मातरम’’ और ‘‘जन-गण-मन’’ का सामूहिक गायन किया, जो देशभक्ति की भावना को और भी मजबूत बनाता है।