ग्वालियर में सीमांकन के दौरान हिंसा, 14 पर एफआईआर दर्ज: जानिए पूरी घटना

ग्वालियर के हुरावली मेहरा गांव में सीमांकन के दौरान दो पक्षों के बीच हिंसा हुई। इस घटना में पटवारी की गाड़ी तोड़ी गई, 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज।

ग्वालियर में सीमांकन के दौरान हिंसा, 14 पर एफआईआर दर्ज: जानिए पूरी घटना
सीमांकन के दौरान हिंसा, 14 पर एफआईआर दर्ज

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: ग्वालियर जिले के सिरोल थाना क्षेत्र के हुरावली मेहरा गांव में सीमांकन के दौरान एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसमें हिंसा का मामला उत्पन्न हुआ। यह घटना तब हुई जब राजस्व विभाग की टीम हाईकोर्ट के आदेश पर भूमि का सीमांकन करने गांव में आई थी। इस विवाद में दो पक्षों के बीच भारी संघर्ष हुआ, जिसमें 40 से 50 लोग शामिल थे।

सीमांकन के दौरान विवाद की शुरुआत

राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हुरावली मेहरा गांव में भूमि सीमांकन का कार्य कर रहे थे, जब अचानक दो पक्षों के बीच भूमि के अधिकार को लेकर झगड़ा हो गया। यह झगड़ा इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने लाठी-डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। गवाहों के अनुसार, स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि राजस्व टीम को मौके से भागना पड़ा।

पटवारी की गाड़ी तोड़ी गई

झगड़े के दौरान पटवारी अजय सिंह राणा की गाड़ी को भी तोड़ दिया गया। राजस्व टीम के सदस्य और अधिकारी अपनी जान की सुरक्षा के लिए वहां से भागे। तहसीलदार सिटी सेंटर अनिल राघव, राजस्व निरीक्षक (आरआई) और पटवारी को खेतों में दौड़कर अपनी जान बचानी पड़ी। इस घटना से संबंधित राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह स्थिति बेहद तनावपूर्ण थी और उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भागने का फैसला लिया।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

पटवारी अजय सिंह राणा ने इस घटना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें आवेदक पक्ष के भागीरथ पाल और अनावेदक पक्ष के बारेलाल पाल के परिवार के सदस्य शामिल हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।

घटना के बाद गांव में तनाव

ग्वालियर के हुरावली मेहरा गांव में हुए इस हिंसक संघर्ष के बाद गांव में तनाव का माहौल पैदा हो गया है। दोनों पक्षों के बीच इस विवाद को सुलझाने के लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिस ने इस क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात किया है ताकि किसी भी प्रकार की और हिंसा से बचा जा सके।

भूमि विवादों का बढ़ता मामला

ग्वालियर और मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भूमि विवादों का मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। इस प्रकार के विवादों में अक्सर हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जिससे न केवल संबंधित पक्षों को बल्कि पूरे क्षेत्र को भी नुकसान होता है। यह घटना यह दर्शाती है कि भूमि विवादों को सुलझाने के लिए ज्यादा संवेदनशीलता और समन्वय की आवश्यकता है, ताकि स्थिति और जटिल न हो।

न्यायालय और प्रशासन की भूमिका

हाईकोर्ट के आदेश पर किए जा रहे सीमांकन कार्य में इस प्रकार के विवादों का सामना करना प्रशासन के लिए एक चुनौती बन जाता है। राजस्व विभाग की टीमों को जब भूमि विवादों से संबंधित कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ता है, तो इससे प्रशासन की नकारात्मक छवि बनती है। हालांकि, प्रशासन और न्यायालय दोनों ने इस प्रकार की घटनाओं पर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

क्या कदम उठाए जाएंगे?

इस घटना के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन और पुलिस इस प्रकार के विवादों को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे। भूमि विवादों के समाधान के लिए एक समुचित कानूनी प्रक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता है, ताकि आगे इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही, स्थानीय प्रशासन और पुलिस को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि विवाद जल्द सुलझे और स्थिति नियंत्रण में रहे।

भूमि विवाद की समस्या

ग्वालियर के हुरावली मेहरा गांव में सीमांकन के दौरान हुई हिंसा ने यह साबित कर दिया है कि भूमि विवादों को सुलझाना अब और भी जटिल हो चुका है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि राजस्व विभाग को इस तरह के विवादों में समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे विवादों को बढ़ने से रोका जा सके। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में त्वरित और ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।