उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रहस्यमयी लूट: आखिर किसने कर दी वारदात? 150 CCTV फुटेज ने खोला राज!

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर एक युवक ने टिकट काउंटर से 35,000 रुपये लूटे। पुलिस ने 150+ CCTV फुटेज की मदद से हिमांशु कश्यप को गिरफ्तार किया। पूरी कहानी पढ़ें।

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर रहस्यमयी लूट: आखिर किसने कर दी वारदात? 150 CCTV फुटेज ने खोला राज!
उज्जैन रेलवे स्टेशन पर लूट

हाइलाइट्स
  • पैसों की तंगी ने इंदौर के युवक को बनाया लुटेरा, उज्जैन रेलवे स्टेशन पर मिर्च पाउडर से की लूट
  • 150+ CCTV कैमरों ने पकड़ा शातिर हिमांशु को, 35,000 की लूट का सपना जेल में टूटा
  • प्लेटफॉर्म 8 पर तेजी से लूट, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने अपराधी को सलाखों के पीछे पहुंचाया

उज्जैन: पैसों की कमी इंसान को क्या-क्या नहीं करवा सकती? ऐसा ही कुछ हुआ इंदौर के एक युवक के साथ, जिसने तंगहाली से परेशान होकर उज्जैन रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर लूट की वारदात को अंजाम दिया। लेकिन कहते हैं ना, अपराध का रास्ता कभी लंबा नहीं चलता। 150 से ज्यादा CCTV कैमरों की मदद से पुलिस ने इस शातिर लुटेरे को धर दबोचा। आइए, आपको बताते हैं इस घटना की पूरी कहानी, बिल्कुल आसान और बोलचाल की भाषा में।

क्या हुआ था उस दिन?

बात 3 मई की शाम की है, जब उज्जैन रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 एकदम शांत था। टिकट काउंटर पर कर्मचारी यशित सोनकर अपनी ड्यूटी कर रहे थे। तभी अचानक एक शख्स वहां पहुंचा, और पलक झपकते ही यशित की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डाल दिया। यशित कुछ समझ पाते, उससे पहले ही वो शख्स 35,000 रुपये लेकर फरार हो गया। सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझ ही नहीं आया।

लेकिन ये कोई साधारण चोरी नहीं थी। रेलवे स्टेशन जैसी भीड़भाड़ वाली जगह पर ऐसी वारदात ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) को हिला दिया। दोनों ने इसे गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू कर दी।

पुलिस ने कैसे पकड़ा?

पुलिस के पास शुरुआत में कोई सुराग नहीं था। GRP के एसपी संतोष कोरी ने बताया, "हमें नहीं पता था कि लुटेरा कौन है, कहां से आया। लेकिन हमने हार नहीं मानी।" इसके बाद पुलिस ने स्टेशन और आसपास के इलाकों में लगे 150 से ज्यादा CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले। घंटों की मेहनत के बाद आखिरकार वो शख्स कैमरे में कैद हो गया।

फुटेज से उसकी शक्ल मिली, और फिर साइबर सेल की मदद से उसकी पहचान हुई। नाम था हिमांशु कश्यप उर्फ गोलू, जो इंदौर के कुम्हारखाड़ी इलाके का रहने वाला था। पुलिस ने तकनीक और अपनी सूझबूझ से उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने सारा जुर्म कबूल कर लिया।

लूट की वजह क्या थी?

हिमांशु की कहानी सुनकर हैरानी होती है। वो दोना-पत्तल की छोटी सी फैक्ट्री चलाता था, लेकिन पैसों की तंगी से परेशान था। जल्दी अमीर बनने का सपना देखते हुए उसने लूट का रास्ता चुना। उसने बताया कि उसने कई दिनों तक टिकट काउंटर की रेकी की थी। प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर कम भीड़ देखकर उसे लगा कि वो आसानी से बच निकलेगा। लेकिन CCTV कैमरों ने उसका सारा प्लान फेल कर दिया।

पुलिस ने उसके पास से 28,000 रुपये भी बरामद कर लिए। बाकी पैसे कहां गए, ये अभी साफ नहीं है, लेकिन इतना तय है कि उसका "अमीर बनने" का सपना जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।

तकनीक और पुलिस की तारीफ

ये घटना बताती है कि आज के जमाने में अपराध छुपाना आसान नहीं। 150 से ज्यादा CCTV कैमरों की नजर और पुलिस की तेजी ने हिमांशु को सजा दिलाई। ये न सिर्फ एक वारदात का अंत है, बल्कि ये भी सबक है कि गलत रास्ता चुनने का अंजाम अच्छा नहीं होता।

आखिरी बात

उज्जैन रेलवे स्टेशन की इस लूट ने सबको चौंका दिया। पैसों की तंगी ने एक आम इंसान को लुटेरा बना दिया, लेकिन पुलिस और तकनीक ने उसे सबक सिखा दिया। अगर आपके पास भी कोई परेशानी है, तो मेहनत का रास्ता चुनें, क्योंकि अपराध का रास्ता हमेशा अंधेरे में ले जाता है।