टीकमगढ़ में एसडीओ और महिला क्लर्क की रहस्यमयी मुलाकात: पति ने बंद कर दिया दरवाजा, पुलिस पहुंची सुबह!
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में मंडला वन विभाग के एसडीओ और महिला क्लर्क के बीच रात 1:30 बजे मुलाकात पर पति ने ताला लगा दिया। जानें कैसे पुलिस ने दोनों को थाने ले जाकर छोड़ा और क्यों चर्चा में है यह केस।
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मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में मंडला वन विभाग के एक सब-डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) और महिला क्लर्क के बीच रात 1:30 बजे हुई मुलाकात ने स्थानीय स्तर पर तहलका मचा दिया है। घटना तब और गंभीर हो गई जब महिला के पति ने दोनों को कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया और पुलिस को सूचना दी। इस मामले में एसडीओ के "सरकारी काम" के दावे और पति के "अवैध संबंध" के आरोपों के बीच पुलिस व विभागीय जांच जारी है। आइए, विस्तार से जानते हैं पूरा मामला:
क्या हुआ था उस रात?
1 जनवरी 2025 की रात, मंडला वन विभाग के एसडीओ अपने सरकारी वाहन से 335 किलोमीटर का सफर तय कर टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ इलाके में पहुंचे। उनका लक्ष्य था वन विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात एक महिला कर्मचारी से मिलना। महिला के पति के अनुसार, उन्हें पहले से ही अपनी पत्नी और एसडीओ के बीच संदिग्ध संबंधों का अंदेशा था। इसलिए वह रात भर घर के बाहर छिपकर निगरानी करते रहे। जैसे ही एसडीओ घर में घुसे, पति ने दरवाजे पर ताला लगा दिया और पुलिस को बुला लिया। अगली सुबह जब दोनों ने दरवाजा खटखटाया, तो सामने पुलिस और पति खड़े थे।
पति के आरोप vs एसडीओ का बचाव
पति की शिकायत:
- मेरी पत्नी मुझे धोखा दे रही है: पति ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी ने 2014 में उनसे दूसरी शादी की थी। पहले पति (वन विभाग में रक्षक) की 2012 में ड्यूटी के दौरान मौत के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। एसडीओ की पोस्टिंग भी पहले टीकमगढ़ में थी, जहां दोनों की जान-पहचान हुई।
- मोबाइल चैट से खुलासा: पति ने पत्नी के फोन में एसडीओ के साथ रोमांटिक मैसेज देखे थे। शुक्रवार को एसडीओ के आने की पूर्व सूचना मिलने पर उन्होंने यह "जाल" रचा।
- जान को खतरा: पति ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर कहा कि महिला ने उन्हें आत्महत्या का झूठा केस फंसाने की धमकी दी थी।
एसडीओ और महिला का पक्ष:
- विभागीय जांच के लिए आया था: महिला ने पुलिस को बताया कि उसकी एक विभागीय जांच चल रही है, जिसके तहत एसडीओ को उससे मिलना था। हालांकि, दूरी अधिक होने के कारण वह रात को पहुंचे।
- रात के समय मिलने का कारण?: एसडीओ इस सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए कि आधी रात को मुलाकात क्यों जरूरी थी।
- पति की साजिश: महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसे बदनाम करने के लिए यह सब किया है।
पुलिस और विभाग की भूमिका
- पूछताछ के बाद छोड़ा गया: देहात थाना पुलिस ने दोनों को लगभग एक घंटे तक पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया।
- विभागीय जांच जारी: पश्चिमी वन मंडल के डीएफओ ने बताया कि एसडीओ ने सरकारी वाहन का उपयोग और अवकाश की अवधि के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। आगे की कार्रवाई इसी रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।
- महिला की पेशी: महिला क्लर्क ने बताया कि 4 फरवरी को उसकी कोर्ट में पेशी है, जिसके लिए वह एसडीओ से मिलने आई थी।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- गांव में चर्चा: इस घटना के बाद टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ से लेकर मंडला तक सोशल मीडिया पर इस मामले की चर्चा है।
- पति की शैक्षणिक पृष्ठभूमि: पति डबल एमए और बीएड** हैं, जो पहले अतिथि शिक्षक थे, लेकिन अब प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनका कहना है कि पत्नी का व्यवहार पिछले कुछ समय से बदला हुआ था।
- वन विभाग का इतिहास: एसडीओ पहले टीकमगढ़ में रेंजरके पद पर थे, जहां उनकी इसी महिला से नजदीकियां बढ़ीं। बाद में उनका तबादला मंडला हो गया।
निष्कर्ष: क्या है आगे की राह?
यह मामला व्यक्तिगत संबंधों और पेशेवर दायित्वों के बीच की धुंधली रेखा को उजागर करता है। जहां एक ओर पति के सबूतों (मोबाइल चैट, रात की मुलाकात) ने स्थानीय समुदाय को हिला दिया है, वहीं एसडीओ और महिला का दावा है कि यह विभागीय प्रक्रिया का हिस्सा था। अब सभी की नजरें वन विभाग की आंतरिक जांच और पुलिस की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या एसडीओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे? या फिर पति के आरोप बेबुनियाद साबित होंगे? यह समय ही बताएगा।
टीकमगढ़ की जनता इस मामले को लेकर दो हिस्सों में बंटी हुई है—कुछ इसे "प्रेम प्रसंग" की संज्ञा दे रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि यह पारिवारिक झगड़े का विस्तार है। जो भी हो, यह घटना प्रशासनिक अधिकारियों के आचरण पर सवाल उठाने के साथ-साथ सामाजिक नैतिकता की बहस को भी हवा दे रही है।