उज्जैन में हनुमान जयंती पर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा: 50,000 श्रद्धालुओं को टेबल-कुर्सी पर मिलेगी प्रसादी
उज्जैन में हनुमान जयंती पर होने वाले मध्यप्रदेश के सबसे बड़े भंडारे में 50,000 श्रद्धालुओं को टेबल-कुर्सी पर दाल, बाफले और लड्डू की प्रसादी दी जाएगी। गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने की उम्मीद।

उज्जैन, जिसे बाबा महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, वो जगह है जहाँ हर दिन कोई न कोई धार्मिक आयोजन होता रहता है। ये आयोजन इतने खास होते हैं कि सिर्फ उज्जैन में ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में इनकी चर्चा होती है। इस बार हनुमान जयंती के मौके पर भी कुछ ऐसा ही धमाल होने वाला है। कल, रविवार की शाम को उज्जैन में एक शानदार भंडारा होने वाला है, जिसे मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा माना जा रहा है। इस भंडारे में लगभग 50,000 श्रद्धालुओं को टेबल और कुर्सी पर बैठाकर दाल, बाफले और लड्डू की प्रसादी परोसी जाएगी। आयोजन समिति ने इसे "नगर भोज" का नाम दिया है, क्योंकि इतने सारे लोग बाबा जयवीर हनुमान की प्रसादी लेने के लिए मंदिर जाने वाले हैं।
कहाँ और कब होगा ये भंडारा?
ये शानदार भंडारा उज्जैन के आंबापुरा इलाके में स्थित प्राचीन जयवीर हनुमान मंदिर पर होगा। रविवार की शाम को पहले भगवान का खास पूजन, अर्चन और महाआरती होगी। इसके बाद नगर भोज शुरू होगा, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे। अगर आप भी इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो रविवार शाम को जयवीर हनुमान मंदिर पहुँच जाएँ।
आयोजक ने क्या बताया?
इस भंडारे को आयोजित करने वाले समाजसेवी सुनील चावंड ने हमें बताया कि वो पिछले 20 सालों से हनुमान जयंती को इस तरह से मनाते आ रहे हैं। उनके लिए बाबा जयवीर हनुमान के प्रति बहुत श्रद्धा है, और यही वजह है कि हर साल ये आयोजन इतने जोश के साथ होता है। सुनील जी ने कहा, "शुरुआत में हम इसे शोभायात्रा के रूप में मनाते थे, लेकिन पिछले 10 सालों में ये इतना बड़ा हो गया है कि अब हजारों लोग इस नगर भोज में शामिल होते हैं।" उनका कहना है कि इस बार भी वो इसे यादगार बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
इस भंडारे की खास बात क्या है?
इस भंडारे की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहाँ हर श्रद्धालु को टेबल और कुर्सी पर बैठाकर प्रसादी दी जाती है। आमतौर पर भंडारों में लोग जमीन पर बैठकर खाते हैं, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है। यहाँ दाल, बाफले और लड्डू की प्रसादी परोसी जाएगी, और हर किसी को सम्मान के साथ खाना खिलाया जाएगा। सुनील चावंड बताते हैं कि यही वजह है कि हर साल यहाँ आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार तो करीब 50,000 लोग आने की उम्मीद है!
गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड का मौका
इस साल का भंडारा और भी खास होने वाला है, क्योंकि इसमें इतने सारे लोग शामिल होंगे कि इसे गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी है। आयोजन समिति ने इसके लिए गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम को बुलाया है, जो रविवार को इस भव्य आयोजन को देखेगी और इसे रिकॉर्ड में शामिल करेगी। अगर ऐसा हुआ, तो ये उज्जैन और मध्यप्रदेश के लिए बहुत गर्व की बात होगी।
तैयारियाँ जोरों पर
इस भंडारे की तैयारी पिछले 15 दिनों से चल रही है। सुनील चावंड ने बताया कि उनकी मित्र मंडली के लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि ये आयोजन शानदार तरीके से हो सके। भंडारे में दाल, बाफले और लड्डू बनाए जाएंगे, जिसके लिए 75 क्विंटल आटा और 400 किलो शुद्ध घी इस्तेमाल होगा। खाना बनाने का जिम्मा 60 हलवाइयों ने लिया है, जबकि 600 कार्यकर्ता प्रसादी परोसने और बाकी व्यवस्था संभालेंगे।
सुनील जी ने ये भी बताया कि महिलाओं और पुरुषों के लिए बैठने की अलग-अलग व्यवस्था की गई है। शनिवार रात से ही प्रसादी बनना शुरू हो गया है, ताकि रविवार को सब कुछ तैयार रहे। महाआरती के बाद भगवान को भोग लगाया जाएगा, और फिर भंडारा शुरू होगा।
कौन संभाल रहा है रसोई?
इस विशाल भंडारे की रसोई की जिम्मेदारी उज्जैन के मशहूर हलवाई प्रकाश चावंड के कंधों पर है। वो पिछले 10 सालों से इस आयोजन का खाना तैयार कर रहे हैं। उनके साथ 60 हलवाई और 30 कारीगरों की टीम है, जो हर साल इस भंडारे को स्वादिष्ट और यादगार बनाती है। प्रकाश चावंड की मेहनत और लगन की वजह से ही ये भंडारा इतना खास बन पाता है।
पिछले सालों का हाल और इस बार क्या नया?
सुनील चावंड बताते हैं कि हर साल इस भंडारे में कुछ न कुछ नया जोड़ा जाता है। पहले ये शोभायात्रा तक सीमित था, लेकिन अब ये नगर भोज का रूप ले चुका है। पिछले साल भी यहाँ हजारों लोग आए थे, लेकिन इस बार 50,000 श्रद्धालुओं का लक्ष्य है। गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड की संभावना ने इसे और खास बना दिया है। आयोजन समिति का मानना है कि ये भंडारा न सिर्फ धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी अहम है।
क्यों है ये भंडारा खास?
उज्जैन में हनुमान जयंती का ये भंडारा सिर्फ खाने-पीने का आयोजन नहीं है, बल्कि ये लोगों को जोड़ने का भी एक जरिया है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु न सिर्फ प्रसादी ग्रहण करते हैं, बल्कि एक-दूसरे के साथ इस पर्व को सेलिब्रेट करते हैं। इस बार का आयोजन इसलिए भी खास है, क्योंकि ये मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा बनने जा रहा है और गोल्डन वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर सकता है।
तो, अगर आप उज्जैन में हैं या आसपास रहते हैं, तो इस रविवार को जयवीर हनुमान मंदिर जरूर पहुँचें। ये भंडारा न सिर्फ आपके पेट को भरेगा, बल्कि आपके दिल को भी सुकून देगा।