उज्जैन: बेटियों की शादी में मिले उपहार से गौशाला को लाखों का दान, ईश्वर सिंह कराड़ा ने दिया मानवता का संदेश
उज्जैन के ईश्वर सिंह कराड़ा ने अपनी बेटियों की शादी में मिली 1.68 लाख रुपये की राशि श्री गोपाल गौशाला को दान कर मिसाल कायम की। जानिए कैसे इस कदम से वे समाज को बदलने का संदेश दे रहे हैं।

उज्जैन। कहते हैं कि शादी के मौके पर मिलने वाले आशीर्वाद और उपहार जीवन भर के लिए यादगार बन जाते हैं, लेकिन उज्जैन के घटिया तहसील निवासी ईश्वर सिंह कराड़ा ने अपनी बेटियों की शादी में आई लाखों की राशि को एक अनोखे काम के लिए दान कर मिसाल कायम कर दी। बेटियों की शादी में मिले 1 लाख 68 हजार 718 रुपये उन्होंने अपनी खुशी को गौ सेवा में बदलते हुए एक गौशाला को समर्पित कर दिए। उनका यह नेक काम आज सभी के लिए एक मिसाल बन गया है।
गौ माता के लिए उठाया सराहनीय कदम
ईश्वर सिंह कराड़ा, जो घटिया जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि भी हैं, ने अपनी दोनों बेटियां - शिवानी और शीतल - की शादी के बाद यह बड़ा फैसला लिया। शादी समारोह में हल्दी, मेहंदी और माता पूजन जैसी तमाम रस्में पूरे रीति-रिवाजों के साथ निभाई गईं। शादी संपन्न होने के बाद कराड़ा ने निर्णय लिया कि इस खुशी के मौके को सिर्फ परिवार तक सीमित नहीं रखा जाए, बल्कि इसका विस्तार गौ सेवा के रूप में किया जाए।
उन्होंने पूरी शादी में मिले उपहार और नकद राशि को उज्जैन जिले की तराना तहसील के ग्राम कचनारिया स्थित श्री गोपाल गौशाला को दान कर दिया।
दिखावे से दूर, मानवता के लिए काम करने की सीख
राशि दान करते वक्त ईश्वर सिंह कराड़ा ने कहा, "हम अपने बच्चों की खुशी के लिए सब कुछ करते हैं, लेकिन समाज और मानवता के लिए भी हमें कुछ अच्छा करना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि हम केवल गौ सेवा करें, हम अनाथालय, अपंग आश्रम और अन्य जरूरतमंद जगहों पर भी मदद कर सकते हैं।"
उनका मानना है कि सेवा कार्यों का मकसद दिखावा नहीं होना चाहिए, बल्कि दिल से मानवता के लिए काम करना चाहिए।
परिवार से मिली प्रेरणा
ईश्वर सिंह कराड़ा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही माता-पिता से गौ सेवा करने की प्रेरणा मिली थी। इस संस्कार ने उन्हें हमेशा कुछ अलग और अच्छा करने के लिए प्रेरित किया। कराड़ा पहले भी कई बार गौ सेवा से जुड़े कार्य कर चुके हैं, लेकिन इस बार उन्होंने शादी जैसे बड़े आयोजन से मिले धन को भी इसी सेवा में लगाने का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा, "मेरे इस फैसले में मेरा पूरा परिवार मेरे साथ खड़ा रहा। सभी ने इस निर्णय का समर्थन किया, तभी मैं गौ माता के लिए कुछ बड़ा कर सका।"
ग्रामीणों में हो रही जमकर सराहना
ईश्वर सिंह कराड़ा के इस अनूठे कार्य की हर ओर प्रशंसा हो रही है। गांव के लोग और आस-पास के क्षेत्र के निवासी उनके इस कदम को सराहते नहीं थक रहे। ग्रामीणों का कहना है कि आज के समय में जहां लोग शादी को दिखावे का माध्यम बना चुके हैं, वहां कराड़ा का यह कार्य सच्ची सेवा और संस्कारों की मिसाल है।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि गांवों में आज भी गौ माता के प्रति गहरी श्रद्धा है, लेकिन शहरों में गोवंश की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। यहां न सिर्फ उन्हें सड़कों पर बेसहारा छोड़ा जाता है, बल्कि कई बार उनके साथ दुर्व्यवहार भी होता है।
ईश्वर सिंह कराड़ा ने अपने कदम से यह संदेश दिया है कि यदि हम मिलकर प्रयास करें तो गौ माता के संरक्षण और सेवा के लिए बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
समाज के लिए सकारात्मक संदेश
ईश्वर सिंह कराड़ा का यह कार्य केवल एक राशि का दान नहीं, बल्कि समाज को एक सकारात्मक संदेश देने वाला कदम है। ऐसे उदाहरण हमें यह याद दिलाते हैं कि असली खुशी दूसरों की सेवा में ही है। अगर हर व्यक्ति अपने जीवन के खास पलों में मानवता के लिए कुछ योगदान दे, तो समाज में बदलाव निश्चित है।