उज्जैन का विक्रम व्यापार मेला: 35,000 वाहनों की बिक्री के साथ टूटे सारे रिकॉर्ड!
उज्जैन के विक्रम व्यापार मेले ने 64 दिनों में 35,000 गाड़ियाँ बेचकर बनाया नया रिकॉर्ड। 175 करोड़ का राजस्व, 50% टैक्स छूट और 9 लाख में VIP नंबर—जानें इस मेले की पूरी कहानी!

उज्जैन, एक धार्मिक नगरी, अब सिर्फ मंदिरों और महाकाल के लिए ही नहीं, बल्कि गाड़ियों की खरीदारी के लिए भी सुर्खियों में है। यहाँ आयोजित होने वाला **उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेला** अब देश भर में चर्चा का विषय बन चुका है। सोचिए, एक ऐसा मेला जहाँ आप अपनी ड्रीम कार न सिर्फ छूट पर खरीद सकते हैं, बल्कि VIP नंबर प्लेट के लिए बोली भी लगा सकते हैं! इस मेले ने महज दो साल में वो कमाल कर दिखाया है, जो सालों से चल रहे ग्वालियर मेले को भी पीछे छोड़ गया। इस साल 64 दिनों में 35,000 वाहनों की बिक्री और शासन को 175 करोड़ रुपये का राजस्व—ये आंकड़े अपने आप में इस मेले की सफलता की कहानी बयां करते हैं।
दो साल में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
2023 में शुरू हुआ यह मेला पहले ही साल से चर्चा में आ गया था, जब इसने 23,000 गाड़ियों की बिक्री के साथ 125 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया। लेकिन 2024 में तो इसने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। 64 दिनों तक इंजीनियरिंग कॉलेज में चले इस मेले में 35,000 गाड़ियाँ बिकीं और सरकार के खजाने में 175 करोड़ रुपये आए। RTO अधिकारी संतोष मालवीय इसे "नई ऊँचाइयों को छूने वाला आयोजन" बताते हैं। उनका कहना है, "हर साल यह मेला नया कीर्तिमान बना रहा है।"
देश भर से आए खरीदार, BMW से लेकर ऑडी तक की बिक्री
इस मेले की खासियत सिर्फ छूट या संख्या नहीं, बल्कि इसकी विविधता भी है। यहाँ साधारण गाड़ियों से लेकर **BMW, मर्सिडीज और ऑडी** जैसी लग्जरी कारें भी बिक्री के लिए उपलब्ध थीं। 230 रजिस्टर्ड डीलरों में से 152 कंपनियों ने हिस्सा लिया और देश भर से लोग अपनी पसंदीदा गाड़ियाँ खरीदने पहुँचे। संतोष मालवीय बताते हैं, "लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। मेले की शुरुआत से ही भीड़ जुटने लगी थी।"
न सिर्फ मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे भारत से खरीदारों ने इस मेले में शिरकत की। यहाँ की व्यवस्था और ऑफर्स ने सभी को प्रभावित किया। चाहे बजट में गाड़ी चाहिए हो या लग्जरी कार, यह मेला हर किसी के लिए कुछ न कुछ लेकर आया।
50% टैक्स छूट और 9 लाख में VIP नंबर
इस मेले में खरीदारों को **50% टैक्स छूट** का फायदा मिला, जिसने बिक्री को और बढ़ावा दिया। लेकिन सबसे रोचक बात रही VIP नंबर प्लेट्स की बोली। एक नंबर के लिए 9 लाख रुपये तक की बोली लगी! संतोष मालवीय कहते हैं, "लोग अपनी पसंद के नंबर के लिए कितना उत्साहित हैं, ये देखकर हैरानी होती है।" यह नंबर प्लेट्स न सिर्फ स्टेटस सिंबल हैं, बल्कि लोगों के लिए अपनी गाड़ी को खास बनाने का मौका भी।
ग्वालियर मेले को छोड़ा पीछे
ग्वालियर में सालों से एक ऐसा ही मेला आयोजित होता रहा है, लेकिन उज्जैन के विक्रम व्यापार मेले ने पहले साल में ही इसके रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस साल तो यह अंतर और साफ हो गया। जहाँ ग्वालियर का मेला अपनी जगह पर कायम रहा, वहीं उज्जैन का मेला अब देश भर में अपनी पहचान बना चुका है। मालवीय गर्व से कहते हैं, "हमने वो कर दिखाया जो पहले कभी नहीं हुआ। यह मेला अब एक बेंचमार्क बन गया है।"
क्यों है यह मेला खास?
- स्थान: उज्जैन, जो पहले से ही धार्मिक पर्यटन के लिए मशहूर है, अब इस मेले की वजह से भी लोगों को आकर्षित कर रहा है।
- छूट: 50% टैक्स डिस्काउंट ने इसे बजट-फ्रेंडली बनाया।
- विविधता: सस्ती गाड़ियों से लेकर लग्जरी कारों तक, हर किसी के लिए विकल्प।
- VIP नंबर: बोली की सुविधा ने इसे और रोमांचक बनाया।
भविष्य की उम्मीदें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर शुरू हुआ यह मेला अब एक ब्रांड बन चुका है। पहले साल से ही इसने उम्मीदों को पार किया और अब हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है। अगर आप नई गाड़ी खरीदने की सोच रहे हैं, तो अगले **उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेले** का इंतज़ार करें। यहाँ न सिर्फ अच्छे डील्स मिलेंगे, बल्कि एक शानदार अनुभव भी आपका इंतज़ कीमत से ज्यादा खुशी देगा।
तो अगली बार जब आप गाड़ी खरीदने का प्लान बनाएँ, उज्जैन की ओर रुख करें—शायद आप अपनी ड्रीम कार के साथ-साथ एक VIP नंबर भी ले आएँ!