इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही: पटवारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

इंदौर में लोकायुक्त इकाई ने पटवारी अक्षर जैन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। 10,000 रुपये की रिश्वत की मांग करने पर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्यवाही: पटवारी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला
फोटो आरोपी पटवारी

मध्य प्रदेश: इंदौर लोकायुक्त इकाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाही की है, जिसमें एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त ने यह कार्रवाई आवेदक की शिकायत पर की, जिसमें यह आरोप था कि आरोपी पटवारी ने कृषि भूमि के सीमांकन के लिए 40,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ स्थानीय प्रशासन का संघर्ष जारी है।

आवेदक की शिकायत:

श्री संदीप वैष्णव, एक किसान, ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके पास ग्राम रुणावदा, तहसील देपालपुर में कृषि भूमि है, जिसके सीमांकन के लिए पटवारी अक्षर जैन द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। आवेदक के अनुसार, पहले आरोपी ने 15,000 रुपये की रिश्वत ली थी और शेष 25,000 रुपये की मांग की थी। आज 7 मार्च 2025 को शेष 10,000 रुपये की रिश्वत लेनी तय हुई थी। संदीप ने शिकायत करने के बाद लोकायुक्त से मदद मांगी और पुलिस अधीक्षक, विपुस्था, श्री राजेश सहाय को 6 मार्च 2025 को शिकायत प्रस्तुत की।

लोकायुक्त की कार्यवाही:

शिकायत के सत्यापन के बाद लोकायुक्त इकाई ने तुरंत कार्यवाही की योजना बनाई और ट्रेप दल का गठन किया। आज सुबह 7 मार्च 2025 को लोकायुक्त ने ट्रैप दल का गठन किया, जिसमें निरीक्षक श्री आनंद चौहान, निरीक्षक श्री राहुल गजभिये, निरीक्षक श्रीमती रेणु अग्रवाल, प्रधान आरक्षक रणजीत द्विवेदी, आरक्षक चंद्रमोहन बिष्ट, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक आशीष आर्य, आरक्षक आदित्य भदौरिया, आरक्षक श्री कृष्ण अहिरवार, और चालक शेर सिंह ठाकुर शामिल थे। दल ने योजना के अनुसार कार्रवाई की और आरोपी पटवारी अक्षर जैन को 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।

आरोपी के खिलाफ कार्रवाई:

आरोपी पटवारी अक्षर जैन को रंगे हाथ पकड़ने के बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई है। इस मामले में लोकायुक्त की तेज और सख्त कार्यवाही से यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन कोई भी समझौता नहीं करेगा। आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बनी रहे और भ्रष्टाचार की जड़ें समाप्त हो सकें।

लोकायुक्त का संदेश:

लोकायुक्त श्री जयदीप प्रसाद ने इस कार्रवाई के संदर्भ में कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और ऐसे भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवाई जाए जो जनता का शोषण कर रहे हैं। यह कार्रवाई एक कदम है हमारी दृढ़ता को दिखाने का कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि जनता का विश्वास और लोक सेवा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए लोकायुक्त की कार्यवाही जारी रहेगी। अगर किसी को भी भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी है, तो वे बिना किसी डर के लोकायुक्त कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लोकायुक्त की बढ़ती सफलता:

लोकायुक्त द्वारा की गई यह कार्रवाई इंदौर के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह केवल इंदौर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में लोकायुक्त की गतिविधियों को लेकर एक सकारात्मक सन्देश पहुंचा है। लोकायुक्त ने कई ऐसे मामलों में सफलतापूर्वक कार्रवाई की है, जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले व्यक्तियों को न्याय मिला है।

इस कार्रवाई से यह भी साबित होता है कि अगर नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं और संबंधित अधिकारियों से शिकायत करते हैं, तो प्रशासन उनकी मदद करने के लिए तत्पर रहता है। इसलिए, अगर कोई नागरिक भ्रष्टाचार का शिकार होता है, तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। लोकायुक्त एक भरोसेमंद मंच है, जहां से भ्रष्टाचार के खिलाफ न्याय प्राप्त किया जा सकता है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत संदेश

इंदौर लोकायुक्त की यह कार्रवाई इस बात का प्रतीक है कि प्रशासन भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की सख्त कार्रवाई से न केवल भ्रष्टाचारियों को सजा मिलती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव की भी शुरुआत होती है। लोकायुक्त का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है और यह सुनिश्चित करता है कि जनता को सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता मिले।