बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों की गाड़ी में आग, नाटकीय मोड़ पर बची जान

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नीदरलैंड के दो पर्यटकों की गाड़ी में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। पुलिस और अग्निशमन दल ने समय पर काबू पाया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों की गाड़ी में आग, नाटकीय मोड़ पर बची जान
विदेशी पर्यटकों की गाड़ी में आग

मध्य प्रदेश: नीदरलैंड से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व घूमने आए दो विदेशी पर्यटक एक बड़े हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बच गए। पर्यटकों के सफर के दौरान उनके वाहन में अचानक शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई, लेकिन ड्राइवर की सतर्कता और तुरंत गाड़ी छोड़ने के चलते दोनों सुरक्षित बच निकले।

घटना का विवरण: कुछ पलों की दूरी थी मौत से

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां पर जंगल सफारी का रोमांच दुनियाभर के वाइल्डलाइफ प्रेमियों को अपनी ओर खींचता है। नीदरलैंड से आए एक महिला और एक पुरुष पर्यटक भी इसी रोमांच का अनुभव करने पहुंचे थे।

ताला पुलिस चौकी प्रभारी वीरेन्द्र यादव के अनुसार, दोनों विदेशी पर्यटक बांधवगढ़ के तथास्तु होटल में ठहरे हुए थे। उनकी योजना नाइट सफारी करने की थी, जिसके लिए वे इनोवा क्रिस्टा (वाहन क्रमांक: MP 18 T 3354) से ताला बुकिंग काउंटर की ओर जा रहे थे। लेकिन जैसे ही उनकी कार ताला मोड़ से करीब 10 मीटर आगे बढ़ी, तभी अचानक बोनट के अंदर से आग की लपटें उठने लगीं।

ड्राइवर की सतर्कता से बची जान

आग की लपटें देख चालक ने तुरंत सतर्कता दिखाई और बिना देरी किए गाड़ी रोक दी। ड्राइवर और दोनों विदेशी पर्यटक फौरन गाड़ी से बाहर कूद गए, जिससे उनकी जान बच गई। गनीमत रही कि यह हादसा किसी सुनसान इलाके में नहीं हुआ, जिससे तुरंत मदद मिल सकी।

पुलिस और अग्निशमन दल ने दिखाई तत्परता

घटना की सूचना मिलते ही ताला पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गए। आग पर काबू पाने के बाद जले हुए वाहन का निरीक्षण किया गया। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया गया। पुलिस ने बताया कि दोनों पर्यटक सुरक्षित रूप से दूसरे वाहन से सफारी के लिए रवाना हो गए।

क्या हो सकती है आग लगने की वजह?

फिलहाल, प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। हालांकि, पुलिस और तकनीकी विशेषज्ञ इसकी विस्तृत जांच कर रहे हैं कि आखिर कार में शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ।

पर्यटकों की प्रतिक्रिया: "यह एक चमत्कार था"

 हालांकि पर्यटकों ने मीडिया से बात नहीं की, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे इस घटना से स्तब्ध थे। होटल स्टाफ ने बताया कि पर्यटकों ने सफारी जारी रखने का फैसला किया, जो उनके साहस को दर्शाता है।

सफारी जारी रही, नहीं रुका पर्यटकों का उत्साह

हैरान करने वाली बात यह रही कि इस डरावने हादसे के बावजूद विदेशी पर्यटकों ने सफारी का आनंद उठाने का फैसला किया। हादसे के बाद तुरंत एक दूसरे वाहन की व्यवस्था की गई, जिसमें सवार होकर दोनों पर्यटक सफारी के लिए रवाना हो गए। इससे यह साफ होता है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का आकर्षण और जंगल सफारी का रोमांच, किसी भी मुश्किल से बड़ा होता है।

बांधवगढ़: रोमांच और खतरे का संगम

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को अपनी घनी जंगलों की जैव विविधता और बाघों की मौजूदगी के लिए जाना जाता है। यहां हर साल हजारों देशी-विदेशी पर्यटक जंगल सफारी का आनंद लेने आते हैं। हालांकि, जंगल क्षेत्र में वाहन संबंधी हादसे भी कई बार सामने आते रहते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि जंगल सफारी और वाइल्डलाइफ पर्यटन जितना रोमांचक है, उतना ही सतर्क रहने की भी जरूरत होती है। पर्यटन विभाग और वाहन संचालकों को इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अधिक कड़े नियमों का पालन करना चाहिए।

वन्यजीव पर्यटन और सुरक्षा पर सवाल

यह घटना वन्यजीव पर्यटन में वाहन सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाती है। बांधवगढ़ जैसे अभयारण्यों में सफारी वाहनों की नियमित जांच और बिजली व्यवस्था की समीक्षा जरूरी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

प्रशासन की ओर से जारी हुआ बयान

उमरिया जिला प्रशासन ने घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी सफारी वाहनों की जांच के आदेश दिए हैं। एक अधिकारी ने कहा, "पर्यटकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इस घटना की गहन जांच की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।"

कैसे बचे पर्यटक?

  1. शीघ्र प्रतिक्रिया: ड्राइवर और पर्यटकों ने आग का धुआं देखते ही तुरंत वाहन छोड़ दिया।
  2. स्थानीय लोगों की मदद: घटनास्थल के नजदीकी दुकानदारों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया।  
  3. आपातकालीन प्रशिक्षण: होटल प्रबंधन द्वारा पर्यटकों को सुरक्षा दिशा-निर्देश दिए गए थे।  

निष्कर्ष: सबक और भविष्य की तैयारी

यह घटना याद दिलाती है कि प्राकृतिक सुंदरता के बीच भी तकनीकी खामियों से खतरा हो सकता है। पर्यटन विभाग को वाहनों की नियमित मैंटेनेंस और ड्राइवरों को आपातकालीन प्रशिक्षण देना चाहिए। वहीं, पर्यटकों को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।