उज्जैन: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का बयान- 4 बच्चे पैदा करें अनुयायी, तेजस्वी नहीं बनेंगे CM

उज्जैन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा- अनुयायी कम से कम 4 बच्चे पैदा करें। वक्फ बोर्ड संशोधन की तारीफ की, अखिलेश और तेजस्वी पर साधा निशाना।

उज्जैन: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का बयान- 4 बच्चे पैदा करें अनुयायी, तेजस्वी नहीं बनेंगे CM
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी

मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन इन दिनों चर्चा में है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज हाल ही में यहां पहुंचे हैं। महाअष्टमी के मौके पर उन्होंने नगर पूजा में हिस्सा लिया और कन्या पूजन जैसे कार्यक्रमों में भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। जनसंख्या नियंत्रण से लेकर बिहार चुनाव, अखिलेश यादव और वक्फ बोर्ड संशोधन जैसे विषयों पर उनके बयानों ने सुर्खियां बटोरीं। आइए, उनके इन बयानों को विस्तार से समझते हैं।

"हमारे अनुयायी कम से कम 4 बच्चे पैदा करें"

रवींद्र पुरी महाराज ने जनसंख्या नियंत्रण पर एक अनोखा नजरिया पेश किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायियों को सिर्फ 2 बच्चों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उनका मानना है कि हर परिवार में कम से कम 4 बच्चे होने चाहिए। इसके पीछे उनकी दलील है कि एक बच्चा सन्यासी बनकर सनातन धर्म की सेवा कर सकता है। उन्होंने कहा, "अगर हर कोई 2 बच्चों तक रुक गया तो संतों की संख्या कम हो जाएगी। सनातन धर्म को आगे बढ़ाने और देशहित में काम करने के लिए कम से कम एक बच्चे को सन्यासी बनाना जरूरी है।" यह बयान सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है।

वक्फ बोर्ड संशोधन की तारीफ, गरीब मुसलमानों को फायदा

वक्फ बोर्ड में हाल ही में हुए संशोधन पर भी रवींद्र पुरी ने अपनी राय रखी। उन्होंने इसे गरीब मुसलमानों के लिए फायदेमंद बताया। उनके मुताबिक, इस बदलाव से जरूरतमंद मुस्लिम समुदाय को लाभ होगा। उन्होंने कहा, "हिंदुओं का इस बिल से कोई सीधा लेना-देना नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज के गरीब तबके के लिए यह एक अच्छा कदम है। पहले वक्फ संपत्तियों पर बड़े लोगों का कब्जा रहता था, लेकिन अब आम मुसलमानों को भी इसका फायदा मिलेगा।" यह बयान वक्फ बोर्ड संशोधन को लेकर चल रही बहस में एक नया आयाम जोड़ता है।

अखिलेश यादव और तेजस्वी पर निशाना

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने राजनीतिक मुद्दों पर भी खुलकर बात की। सबसे पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर तंज कसा। उनका कहना था कि अखिलेश मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने के लिए मुसलमानों के नेता बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "अखिलेश मुस्लिम त्योहारों पर चुप रहते हैं, लेकिन हिंदू त्योहारों पर उनका कटाक्ष साफ दिखता है। वे सनातन धर्म पर और काम करें तो बेहतर होगा।" हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अखिलेश व्यक्तिगत तौर पर अच्छे हैं।

बिहार की राजनीति पर बोलते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के सपने पर सवाल उठाया। रवींद्र पुरी ने कहा, "तेजस्वी का CM बनने का सपना अब पूरा नहीं होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में साफ कर दिया है कि बिहार में फिर से बीजेपी की सरकार बनेगी।" इसके साथ ही उन्होंने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चारा घोटाले की दोबारा जांच शुरू होने से लालू परिवार परेशान है।

उज्जैन में धार्मिक माहौल

उज्जैन में इन दिनों धार्मिक आयोजनों की धूम है। रवींद्र पुरी महाराज के दौरे ने इस माहौल को और खास बना दिया है। उनके बयानों ने न सिर्फ धार्मिक, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को भी हवा दी है। खास तौर पर जनसंख्या नियंत्रण और वक्फ बोर्ड जैसे मुद्दों पर उनकी राय ने लोगों का ध्यान खींचा है।

क्या रहेगा इन बयानों का असर?

रवींद्र पुरी महाराज के ये बयान निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में बहस का विषय बने रहेंगे। चाहे वह सनातन धर्म के लिए 4 बच्चों की सलाह हो या फिर बिहार और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर उनकी टिप्पणी, यह साफ है कि उनका हर बयान सुर्खियों में रहेगा।