तेजतर्रार आईएएस अफसर भव्या मित्तल: खरगोन कलेक्टर बनीं, जानिए उनकी कार्यशैली और विवादों के बारे में
मध्य प्रदेश की तेजतर्रार आईएएस अफसर भव्या मित्तल को खरगोन का कलेक्टर बनाया गया है। जानिए उनके करियर, विवादों और सरकारी कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, उनकी सफलता की कहानी।
मध्य प्रदेश की तेजतर्रार और चर्चित आईएएस अफसर भव्या मित्तल, जिनकी कार्यशैली और फैसलों ने हमेशा सुर्खियां बटोरी हैं, अब खरगोन के कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालने जा रही हैं। इससे पहले, वह बुरहानपुर जिले में कलेक्टर के रूप में कार्यरत थीं, जहां उनके कुछ फैसलों ने उन्हें विवादों और चर्चा में ला दिया था। उनके ट्रांसफर के बाद से एक बार फिर उनका नाम चर्चा में है।
भव्या मित्तल का करियर और शिक्षा
आईएएस अफसर भव्या मित्तल का जन्म दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से पूरी की और बाद में आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद, उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में ही एमटेक भी किया। 2013 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद, उन्हें 34वीं रैंक प्राप्त हुई, और वह आईएएस अधिकारी के रूप में मध्य प्रदेश कैडर में शामिल हुईं।
कलेक्टर के रूप में कार्य और चर्चाएं
2014 बैच की आईएएस अफसर भव्या मित्तल को बुरहानपुर जिले के कलेक्टर के रूप में पहली बार जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके काम की गुणवत्ता और सख्त फैसलों ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई। उन्होंने सरकारी महकमे में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए। एक मामले में, उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी बाबू को चपरासी बना दिया, जो सरकारी अधिकारियों के लिए एक चेतावनी बन गया।
बुरहानपुर कलेक्टर के रूप में काम
बुरहानपुर में कलेक्टर रहते हुए, भव्या मित्तल ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इनमें से एक बड़ा फैसला था जब उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए एक सरकारी बाबू को चपरासी के पद पर पदावनत कर दिया। यह फैसला इसलिए चर्चा में आया था क्योंकि बाबू पर आरोप था कि उसने आंगनवाड़ी सहायिका भर्ती के लिए रिश्वत मांगी थी। उनका यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए एक कड़ा संदेश था और यह दर्शाता है कि वह भ्रष्टाचार के प्रति कितनी गंभीर हैं।
विवादों का सामना
भव्या मित्तल को अपनी कार्यशैली के कारण कई बार विवादों का सामना करना पड़ा है। एक प्रमुख विवाद तब सामने आया, जब बुरहानपुर में उनके द्वारा जारी किया गया जिला बदर आदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। इस आदेश के खिलाफ अंतराम अवासे नामक एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में अपील की, और कोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही, राज्य शासन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि सरकारी अधिकारी राजनीतिक दबाव में आकर कोई भी निर्णय न लें। इस फैसले ने भव्या मित्तल को फिर से सुर्खियों में ला दिया।
प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित
भव्या मित्तल के कार्यों की सराहना केवल मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में जल जीवन मिशन में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया। इस सम्मान ने उन्हें और भी प्रेरित किया और उनकी कार्यशैली को और भी मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद, भव्या मित्तल को सरकारी सेवा में एक मिसाल के तौर पर देखा जाने लगा।
भव्या मित्तल के द्वारा किए गए प्रमुख कार्य
- भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई: भव्या मित्तल ने बुरहानपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। उन्होंने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की, जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए थे।
- जल जीवन मिशन में योगदान: जल जीवन मिशन में उनके योगदान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा था।
- जनसुनवाई में पारदर्शिता: जनसुनवाई के दौरान उन्होंने लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और तत्काल समाधान के लिए कार्य किए।
भविष्य में उनके कार्य
अब जब भव्या मित्तल को खरगोन का कलेक्टर नियुक्त किया गया है, यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस नए पद पर आकर किस तरह से जिले की प्रगति और विकास को सुनिश्चित करती हैं। उन्हें अपने पिछले अनुभव से कई महत्वपूर्ण सिखने को मिला है, जो उन्हें अपने नए पद पर सही दिशा में निर्णय लेने में मदद करेगा।
भव्या मित्तल को मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित और तेजतर्रार आईएएस अफसरों में गिना जाता है। उनके कार्यों और फैसलों ने न केवल सरकारी महकमे में बदलाव लाने की दिशा में योगदान दिया, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक संदेश दिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कड़ी नीतियां और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किए जाने जैसे कारणों से, भव्या मित्तल का नाम भविष्य में और भी प्रमुखता से लिया जाएगा। खरगोन जिले के कलेक्टर के रूप में उनका योगदान भी प्रदेश और देश के विकास में अहम साबित होगा।