Mangalnath Mandir Ujjain: श्रद्धालु से मारपीट का वीडियो वायरल, जानिए क्यों भड़के लोग और कैसे पहुंची पुलिस
Mangalnath Mandir Ujjain: बनारस से आए श्रद्धालु के साथ मारपीट का वीडियो वायरल। कंप्यूटर ऑपरेटर ने गर्भग्रह से निकाला, मारा चांटा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। पूरी घटना और मंदिर की व्यवस्था पर सवाल।

Mangalnath Mandir Ujjain: उज्जैन के प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां बनारस से आए एक श्रद्धालु के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना ने मंदिर की व्यवस्था और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बनारस से भात पूजन के लिए आए श्रद्धालु सुमित कुमार के साथ मंदिर के कंप्यूटर ऑपरेटर ओमप्रकाश ठाकुर ने न केवल अभद्रता की, बल्कि उन्हें गर्भग्रह से बाहर निकालकर चांटा भी मारा। इस घटना के बाद चिमनगंज थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में श्रद्धालु के साथ मारपीट का चौंकाने वाला वीडियो वायरल! बनारस से आए श्रद्धालु को गर्भग्रह से निकालकर मारा चांटा। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, लेकिन क्या धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं का सम्मान सुरक्षित है?#MangalnathTemple #UjjainNews #ViralVideo pic.twitter.com/0k69XAxFAv
— Fact Finding (@factfindingmp) April 16, 2025
क्या है पूरा मामला?
बनारस निवासी सुमित कुमार, जो विदेश मंत्रालय में अधिकारी हैं, अपने परिवार के साथ उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में भात पूजन के लिए आए थे। उनके परिवार में पत्नी, 10 वर्षीय बेटा, माता-पिता, सास और ससुर शामिल थे। सुमित को सलाह दी गई थी कि उनके बेटे के हाथों भात पूजन करवाने से बच्चे का भविष्य उज्ज्वल होगा। इसी उद्देश्य से वह धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचे।
मंगलनाथ मंदिर में सुमित ने अपने बेटे के साथ सभा मंडप में पूजा-अर्चना की। इसके बाद, शासकीय रसीद कटवाकर वह अपने बेटे को गर्भग्रह में ले गए। यहीं पर मंदिर के कंप्यूटर ऑपरेटर ओमप्रकाश ठाकुर ने उन्हें गर्भग्रह से बाहर निकाला और अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया। सुमित ने जब पूजन की रसीद दिखाई, तो ओमप्रकाश और भड़क गया। उसने सुमित के साथ धक्का-मुक्की की और चांटा मार दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
सुमित कुमार ने इस घटना की शिकायत चिमनगंज थाना में दर्ज कराई। पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर ओमप्रकाश ठाकुर के खिलाफ भादंसं की धारा 351 के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से श्रद्धालुओं में कुछ राहत तो मिली, लेकिन मंदिर प्रशासन की लचर व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।
मंगलनाथ मंदिर की व्यवस्था पर सवाल
मंगलनाथ मंदिर, जहां मंगल ग्रह की उत्पत्ति मानी जाती है, देश-विदेश से श्रद्धालुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। लेकिन इस घटना ने मंदिर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। मंदिर में सुरक्षा के लिए 6 नगर सैनिक और 10 प्राइवेट गार्ड तैनात हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कर्मचारियों की कमी साफ दिखाई देती है। सूत्रों के अनुसार, मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बावजूद पर्याप्त स्टाफ नहीं है।
मंदिर प्रशासन ने दो कंप्यूटर ऑपरेटर, एक केशियर, एक लेखपाल, एक सुपरवाइजर और एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा, जिम्मेदार अधिकारियों से समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण की मांग भी की गई है, ताकि मंदिर की सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार हो सके।
मंदिर प्रशासक का बयान
मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक केके पाठक ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “इस तरह की घटनाएं मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन की छवि को खराब करती हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” उनकी यह टिप्पणी इस बात की ओर इशारा करती है कि मंदिर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।
श्रद्धालुओं में आक्रोश, सोशल मीडिया पर बहस
वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं। कई यूजर्स ने मंदिर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए, तो कुछ ने मांग की कि मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए। यह घटना न केवल मंगलनाथ मंदिर की छवि को प्रभावित कर रही है, बल्कि उज्जैन जैसे धार्मिक शहर की साख पर भी सवाल उठा रही है।
आगे क्या?
इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह मंगलनाथ मंदिर की व्यवस्था को सुधारें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही, कर्मचारियों की ट्रेनिंग और उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करने की भी मांग उठ रही है।
आवश्यक है व्यवस्था में सुधार
मंगलनाथ मंदिर में हुई इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को उजागर किया है। पुलिस ने भले ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन यह घटना मंदिर प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। यदि समय रहते व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में भी मंदिर की छवि को धूमिल कर सकती हैं।