इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: अतिथि शिक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

इंदौर लोकायुक्त ने ठीकरी, बड़वानी में अतिथि शिक्षक हीरालाल गुप्ता को 6,600 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा। महानिदेशक लोकायुक्त के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई। पूरी खबर पढ़ें।

इंदौर लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: अतिथि शिक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
अतिथि शिक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लोकायुक्त ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के सख्त निर्देशों के बाद इंदौर लोकायुक्त इकाई ने ठीकरी, जिला बड़वानी में एक अतिथि शिक्षक को 6,600 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह कार्रवाई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मदरानिया के मुख्य द्वार पर की गई।

मामले का विवरण

शिकायतकर्ता संजय वर्मा (39 वर्ष), जो शासकीय विद्यालय मोरीपुरा, सकुल केंद्र मदरानिया, विकासखंड ठीकरी, जिला बड़वानी में प्राथमिक शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं, ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज की थी। संजय वर्मा ने बताया कि उनके जनवरी 2020 से अक्टूबर 2024 तक की वेतन विसंगति के अंतर की एरियर राशि 1,33,805 रुपये का भुगतान बाकी था। इस राशि का भुगतान करवाने के लिए जब वे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मदरानिया में पदस्थ अतिथि शिक्षक और प्रभारी लेखापाल हीरालाल गुप्ता (31 वर्ष) से मिले, तो गुप्ता ने एरियर राशि के 5% यानी 6,600 रुपये रिश्वत के रूप में मांगे।

रिश्वत की मांग से परेशान संजय वर्मा ने इसकी शिकायत इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सहाय से की। शिकायत का सत्यापन करने के बाद लोकायुक्त ने पाया कि शिकायत सही है। इसके बाद 28 अप्रैल 2025 को एक ट्रैप दल का गठन किया गया, जिसमें निरीक्षक आनंद चौहान, निरीक्षक राहुल गजभिये, आरक्षक विजय कुमार, आशीष नायडू, सतीश यादव, कमलेश परिहार, कृष्ण अहिरवार और चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।

रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

लोकायुक्त की टीम ने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया। जैसे ही संजय वर्मा ने हीरालाल गुप्ता को 6,600 रुपये की रिश्वत राशि दी, लोकायुक्त की टीम ने गुप्ता को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मदरानिया के मुख्य द्वार पर रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।

लोकायुक्त की सख्ती का असर

महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत इंदौर लोकायुक्त इकाई लगातार सक्रियता दिखा रही है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की कार्रवाइयों से न केवल भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, बल्कि आम नागरिकों का प्रशासन पर भरोसा भी बढ़ेगा।

आम जनता के लिए प्रेरणा

संजय वर्मा जैसे शिक्षक की हिम्मत और लोकायुक्त की त्वरित कार्रवाई इस बात का उदाहरण है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने से बदलाव संभव है। लोकायुक्त ने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति रिश्वत मांगता है, तो बिना डरे लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करें।

आगे की जांच

लोकायुक्त की टीम अब इस मामले में गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस तरह की गतिविधियां पहले भी हो चुकी हैं। आरोपी हीरालाल गुप्ता से पूछताछ जारी है, और जल्द ही इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।