ग्वालियर में शादी का ड्रामा: पति की दूसरी शादी रोकने पहुंची पत्नी, तलाक को लेकर हुआ विवाद
ग्वालियर के शुजाबाद धर्मशाला में नेहा परिहार ने पति उपेंद्र सिंह की दूसरी शादी में हंगामा किया। उनका दावा है कि 2012 में हुई उनकी शादी कानूनी रूप से खत्म नहीं हुई। पुलिस और कोर्ट के दस्तावेजों के बीच यह केस चर्चा में।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जनकगंज थाना क्षेत्र में एक शादी का माहौल अचानक ड्रामे में बदल गया, जब एक महिला ने अपने पति की दूसरी शादी रोकने के लिए पुलिस के साथ धर्मशाला पहुंचकर हंगामा खड़ा कर दिया। यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां पत्नी ने दावा किया कि उसका पति उसे बिना कानूनी तलाक दिए दूसरी शादी कर रहा है।
केस की पृष्ठभूमि: 12 साल पुराना रिश्ता, अधूरा तलाक?
नेहा परिहार और उपेंद्र सिंह परिहार की शादी 25 नवंबर 2012 को हुई थी। हालांकि, रिश्ते में दरार आने के बाद उपेंद्र ने 16 अक्टूबर 2024 को तलाक के लिए कोर्ट का रुख किया। उनका दावा है कि तलाक के कानूनी दस्तावेज पूरे हो चुके हैं और वे दूसरी शादी करने के हकदार हैं। वहीं, नेहा इसका विरोध करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें तलाक की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली और शादी अभी कानूनी रूप से बरकरार है।
शादी में हुआ हंगामा: पुलिस और पत्नी की मौजूदगी
जब उपेंद्र सिंह की दूसरी शादी की तैयारियां शुजाबाद स्थित धर्मशाला में चल रही थीं, तभी नेहा पुलिस के साथ वहां पहुंच गईं। उन्होंने शादी रोकने की गुहार लगाते हुए कहा कि तलाक की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस दौरान उन्होंने शादी स्थल पर जमकर हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के दस्तावेजों की जांच शुरू की।
पुलिस की कार्रवाई: क्या कहते हैं दस्तावेज?
पुलिस ने उपेंद्र सिंह से तलाक के कागजात मांगे, जिन्हें देखने के बाद अधिकारियों ने नेहा के दावों को खारिज कर दिया। पुलिस का कहना है कि उपेंद्र के पास तलाक के सभी कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं, जो कोर्ट द्वारा मंजूर किए गए हैं। हालांकि, नेहा अब भी इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठा रही हैं और कोर्ट में केस दर्ज कराने की बात कह रही हैं।
नेहा का आरोप: "तलाक की सूचना ही नहीं मिली!
नेहा परिहार ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मुझे कभी भी तलाक की कोर्ट नोटिस नहीं मिली। मेरे पति ने धोखे से दस्तावेज तैयार किए हैं। मैंने 12 साल इस रिश्ते को निभाया, अब वे बिना मुझे बताए दूसरी शादी कर रहे हैं।" उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि उनकी बातों को गंभीरता से नहीं सुना गया।
कानूनी विशेषज्ञों की राय: क्या है हिंदू मैरिज एक्ट?
वकील अनुज शर्मा के अनुसार, "हिंदू विवाह अधिनियम के तहत, अगर तलाक के दस्तावेज कोर्ट द्वारा सील किए गए हैं और दोनों पक्षों को सूचित किया गया है, तो दूसरी शादी वैध होती है। हालांकि, अगर पत्नी को सूचना नहीं दी गई, तो यह केस कानूनी लड़ाई का आधार बन सकता है।"
स्थानीय प्रतिक्रिया: समाज में बहस का विषय
यह मामला ग्वालियर के स्थानीय समाज में भी बहस का कारण बना हुआ है। कुछ लोग नेहा के समर्थन में हैं, तो वहीं कई लोग उपेंद्र के पक्ष में भी दिख रहे हैं।
आगे की कार्रवाई: कोर्ट होगी अंतिम फैसले की गवाह
नेहा अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं। उनकी टीम का कहना है कि वे तलाक के दस्तावेजों की जांच करवाएंगी और अगर धोखाधड़ी पाई गई, तो उपेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। दूसरी ओर, उपेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा, "मैंने सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की हैं। यह केस सिर्फ मेरे चरित्र को बदनाम करने की कोशिश है।"
यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि भारतीय तलाक कानूनों की जटिलताओं को भी उजागर करता है। जब तक कोर्ट इस केस पर अंतिम फैसला नहीं सुनाती, तब तक दोनों पक्षों के लिए यह लड़ाई जारी रहने की उम्मीद है।
यह मामला न सिर्फ एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि भारतीय तलाक कानूनों की जटिलताओं को भी उजागर करता है। जब तक कोर्ट इस केस पर अंतिम फैसला नहीं सुनाती, तब तक दोनों पक्षों के लिए यह लड़ाई जारी रहने की उम्मीद है।