बुरहानपुर: असीरगढ़ में मुग़ल कालीन सोने के सिक्के मिलने की अफवाह, वायरल वीडियो से जानें क्या है सच?

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ में सोने के सिक्के मिलने की अफवाहें फैल रही हैं। लोग रात के समय टोर्च की रोशनी और आधुनिक उपकरण के साथ खेतों में सिक्के ढूंढते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो के साथ जानिए इस खजाने की सच्चाई और विशेषज्ञों की राय।

बुरहानपुर: असीरगढ़ में मुग़ल कालीन सोने के सिक्के मिलने की अफवाह, वायरल वीडियो से जानें क्या है सच?
असीरगढ़ में मुग़ल कालीन सोने के सिक्के खोजने की अफवाह

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ में एक बार फिर से मुग़ल कालीन सोने के सिक्के मिलने की अफवाहें तेज हो गई हैं। इस अफवाह ने आसपास के क्षेत्रों में हड़कंप मचा दिया है, और अब लोग रात के अंधेरे में टोर्च की रोशनी के साथ खेतों में सोने के सिक्के ढूंढते नजर आ रहे हैं। यह घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, जिससे इस रहस्यमयी खोज को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

असीरगढ़ का ऐतिहासिक महत्व

असीरगढ़, जो अब बुरहानपुर जिले के एक गांव के रूप में जाना जाता है, कभी मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण था और यहां पर कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटित हुई थीं। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि असीरगढ़ एक समय में एक समृद्ध शहर था, जहां 7 से 8 लाख लोगों की जनसंख्या हुआ करती थी। यहां के पास स्थित सराय गांव में सैनिक छावनियां और घोड़े का अस्तबल हुआ करते थे, और युद्ध के समय सैनिकों द्वारा लूट का सामान यहां छुपाए जाने की घटनाएं आम थीं। यही कारण है कि आज भी इस क्षेत्र में सोने के सिक्के मिलने की घटनाएं सामने आती हैं।

सोने के सिक्के मिलने की कहानी

हाल ही में बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ में फिर से सोने के सिक्के मिलने का मामला सामने आया है। यह घटनाएँ गेहूं की फसल की कटाई के बाद शुरू हुईं, जब खेतों में खुदाई के दौरान पुराने सिक्के मिलने लगे। खेतों में काम करने वाली महिलाओं ने सबसे पहले इन सिक्कों को देखा, और फिर खबर फैलते ही गांव के लोग भी इन सिक्कों की खोज में जुट गए। इन सिक्कों पर उर्दू और अरबी में कुछ अंकित होने की बात की जा रही है, जिससे माना जा रहा है कि ये मुग़ल कालीन सिक्के हो सकते हैं।

खेतों में सिक्के ढूंढने का सिलसिला

असीरगढ़ के खेतों में सिक्कों की खोज को लेकर कई लोग सैकड़ों की तादाद में रात के समय आधुनिक उपकरणों के साथ पहुंचने लगे हैं। इन उपकरणों में मेटल डिटेक्टर्स और अन्य तकनीकी साधन शामिल हैं, जिन्हें लोग खेतों में गहरे तक खुदाई करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। इस दौरान महिला, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी खेतों में सिक्के ढूंढते हुए नजर आ रहे हैं, जिनमें से कुछ ने तो पीतल और सोने के सिक्कों की पहचान की है।

जयप्रकाश, जो इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं, बताते हैं कि बुधवार और गुरुवार की रात को भी उन्होंने इन सिक्कों की खोज को देखा। वे कहते हैं कि उन्हें लोगों से सुना था कि यहां सोने के सिक्के मिल रहे हैं और कुछ लोगों ने उन्हें पीतल के सिक्के भी दिखाए थे, जो मुग़ल कालीन प्रतीत होते थे। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सैकड़ों की संख्या में लोग खेतों में सिक्के ढूंढने के लिए जुटे हुए हैं। जयप्रकाश, एक स्थानीय निवासी, जिन्होंने इस घटनाक्रम का गवाह बनने के बाद वीडियो भी शेयर किया है, कहते हैं कि पहले उन्होंने सुना था कि इस इलाके में मुग़ल कालीन सिक्के मिल रहे हैं। जब वे खुद इस घटनाक्रम का पता लगाने पहुंचे, तो वहां महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग और बच्चे सभी मिलकर सिक्के ढूंढ रहे थे। वीडियो में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए लोग गहरे गड्ढे खोदते नजर आ रहे हैं।

क्या सच में मिलेगा खजाना?

इस पूरे मामले पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। जिला पुरातत्व संघ के सदस्य डॉ. मनोज अग्रवाल का कहना है कि असीरगढ़ में पुराने समय के सिक्के मिलने की संभावना है, क्योंकि यह क्षेत्र एक बड़ा ऐतिहासिक केंद्र रहा है। इस क्षेत्र में कई ऐतिहासिक घटनाएँ घटीं थीं, और यहां कई सम्राटों का शासन रहा। वे यह भी मानते हैं कि जब कोई बैंक नहीं हुआ करते थे, तो लोग अपना खजाना जमीन में गड्ढा खोदकर छुपा लिया करते थे, और हो सकता है कि उन खजानों में से कुछ अब बाहर आ रहे हों।

हालांकि, डॉ. अग्रवाल यह भी कहते हैं कि यह जांच का विषय है कि जो सिक्के मिल रहे हैं, क्या वे सच में सोने के हैं या फिर ये कोई अन्य धातु के सिक्के हो सकते हैं। उनके अनुसार, अगर कोई ऐतिहासिक सिक्के या अन्य वस्तुएं मिलती हैं, तो पुरातत्व विभाग का अधिकार होगा उन पर।

प्रशासन का दखल

पिछली बार जब असीरगढ़ में सिक्के मिलने की अफवाहें फैली थीं, तो पुलिस और प्रशासन ने सख्ती से हस्तक्षेप किया था। उन्होंने लोगों को खेतों में खुदाई करने से रोका था। हालांकि, अब जब गेहूं की फसल कट चुकी है और खेत खाली हो गए हैं, तो लोग फिर से इन सिक्कों की खोज में जुट गए हैं।

प्रशासन का कहना है कि अगर कोई ऐतिहासिक वस्तु मिलती है, तो उसे तुरंत पुरातत्व विभाग के पास भेजा जाएगा और जांच की जाएगी। साथ ही, उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि वे किसी प्रकार की खुदाई या अवैध खोज में शामिल न हों, क्योंकि यह कानूनन अपराध हो सकता है।

क्या होगा आगे?

असीरगढ़ के खेतों में सोने के सिक्कों की खोज को लेकर अब तक कोई स्पष्ट निष्कर्ष सामने नहीं आया है। हालांकि, यह निश्चित है कि यहां का ऐतिहासिक महत्व और प्राचीन काल की घटनाएं इस क्षेत्र में छुपे हुए खजाने के होने की संभावनाओं को और बढ़ाती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह सिक्के मुग़ल कालीन होते हैं, तो यह हमारे इतिहास के लिए एक महत्वपूर्ण खोज हो सकती है।

वहीं, प्रशासन और पुरातत्व विभाग से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले की गहरी जांच की जाएगी और सही तथ्यों का पता लगाया जाएगा। फिलहाल, असीरगढ़ के लोग और आसपास के क्षेत्रों के निवासी इस रहस्यमयी खजाने के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षारत हैं।