ग्वालियर के कामता प्रसाद की कुंभ भगदड़ में मौत: परिवार की दर्दभरी कहानी

ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता प्रसाद बघेल की कुंभ मेले में भगदड़ के दौरान मौत हो गई। जानिए उनके परिवार की दर्दभरी कहानी, यूपी पुलिस की कार्रवाई और मृतक के फुफेरे भाई मान सिंह के सनसनीखेज खुलासे।

ग्वालियर के कामता प्रसाद की कुंभ भगदड़ में मौत: परिवार की दर्दभरी कहानी
ग्वालियर के कामता प्रसाद की मौत का रहस्य!

मध्य प्रदेश: 27 जनवरी 2025 को ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता प्रसाद बघेल अपने छह साथियों के साथ प्रयागराज कुंभ मेले में अमृत स्नान करने पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि यह यात्रा उनकी जिंदगी की आखिरी यात्रा साबित होगी। कुंभ मेले में भगदड़ के दौरान कामता प्रसाद की मौत हो गई, और उनके परिवार के लिए यह घटना एक बड़ा सदमा बनकर आई।  

क्या हुआ था उस दिन?

27 जनवरी को कामता प्रसाद और उनके साथी कार से प्रयागराज पहुंचे थे। 28 और 29 जनवरी की दरमियानी रात संगम घाट पर भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। इस भगदड़ में कामता प्रसाद कुचलकर गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई। उनके साथियों ने बताया कि घटना के बाद एक डॉक्टर श्रद्धालु ने कामता प्रसाद का स्वास्थ्य परीक्षण किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।  

पोस्टमार्टम और पंचनामे में विवाद

कामता प्रसाद के शव को उनके साथियों ने अपनी गाड़ी से पोस्टमार्टम हाउस ले जाया। पोस्टमार्टम के दौरान पुलिस ने पंचनामा तैयार किया, लेकिन इसमें कामता प्रसाद की मौत का कारण भगदड़ नहीं बताया गया। पंचनामे में उनकी मौत का कारण "तबियत खराब होना" बताया गया, जबकि उनके साथियों और परिवार का दावा है कि उनकी मौत भगदड़ में कुचलने से हुई थी।  

कामता प्रसाद के फुफेरे भाई मान सिंह ने इस मामले में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पंचनामे में भगदड़ का जिक्र नहीं किया गया, जबकि उनके साथियों ने पंचनामे की फोटो भी ली थी। मान सिंह ने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद ही कामता प्रसाद का शव ग्वालियर लाने के लिए वाहन मिल सका।  

परिवार पर मौत का सदमा

कामता प्रसाद ग्वालियर के टेकनपुर में इलेक्ट्रिक की दुकान चलाते थे और परिवार में इकलौते कमाने वाले थे। उनकी मौत ने परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया है। उनके परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा हैं। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है, जबकि बेटा शिवम् अभी स्कूली छात्र है।  

कामता प्रसाद की मौत की खबर सुनकर उनकी बेटी प्रियंका, जो हार्ट पेशेंट हैं, की हालत बिगड़ गई। डॉक्टरों को घर पर ही उनका इलाज करना पड़ रहा है। प्रियंका की शादी को अभी सिर्फ 4-5 महीने हुए हैं, और पिता की मौत ने उन्हें गहरा सदमा पहुंचाया है।  

शव लाने में परेशानी

घटना की सूचना मिलते ही कामता प्रसाद के बड़े भाई के बेटे दिनेश पाल और कुछ रिश्तेदार शव लेने प्रयागराज पहुंचे। मान सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद भी मृतक के परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट या अन्य दस्तावेज नहीं दिए गए। यह मामला यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करता है।  

कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

कामता प्रसाद की मौत ने कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मान सिंह ने दावा किया है कि इस भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, लेकिन अधिकारी इसकी सही संख्या छिपा रहे हैं। यह घटना प्रशासन की लापरवाही और भीड़ प्रबंधन में कमी को उजागर करती है।  

परिवार की मांग

कामता प्रसाद के परिवार ने मांग की है कि उनकी मौत की सही वजह सामने लाई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही, परिवार को मुआवजा और आर्थिक सहायता दी जाए, क्योंकि कामता प्रसाद ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले थे।  

कामता प्रसाद बघेल की मौत न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा सवाल है। कुंभ जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की कमी ने एक और जान ले ली। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।  

कामता प्रसाद के परिवार को इस दुखद घटना से उबरने में समय लगेगा, लेकिन उनकी मौत का सच सामने आना चाहिए और जिम्मेदारों को सजा मिलनी चाहिए।