गुना: हनुमान जयंती जुलूस पर पथराव, 9 गिरफ्तार, पुलिस की सख्त कार्रवाई

मध्य प्रदेश के गुना में हनुमान जयंती जुलूस पर पथराव की घटना ने तनाव बढ़ाया। पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया, स्थिति नियंत्रण में। पूरी जानकारी पढ़ें।

गुना: हनुमान जयंती जुलूस पर पथराव, 9 गिरफ्तार, पुलिस की सख्त कार्रवाई
हनुमान जयंती जुलुस पर पथराव

मध्य प्रदेश के गुना जिले में हनुमान जयंती के मौके पर निकाले गए एक जुलूस के दौरान पथराव की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह घटना 12 अप्रैल 2025 को कर्नलगंज क्षेत्र में हुई, जहां जुलूस के पास मस्जिद के सामने विवाद शुरू हुआ और देखते ही देखते बात पथराव तक पहुंच गई। इस घटना में कई लोग घायल हुए, और शहर में तनाव का माहौल बन गया। लेकिन पुलिस की तुरंत कार्रवाई और सख्ती की वजह से अब स्थिति काबू में है। आइए, जानते हैं कि आखिर हुआ क्या था और इस घटना ने क्या सवाल खड़े किए।  

क्या हुआ था गुना में?

हनुमान जयंती के दिन गुना के कर्नलगंज इलाके में श्रद्धालु हर साल की तरह जुलूस निकाल रहे थे। इस बार जुलूस में डीजे की तेज आवाज और कुछ नारेबाजी को लेकर मस्जिद के पास मौजूद लोगों के साथ कहासुनी हो गई। बात इतनी बढ़ी कि कुछ लोगों ने जुलूस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। खबरों के मुताबिक, आसपास की छतों से भी पथराव हुआ, जिससे जुलूस में शामिल लोग डर गए और भगदड़ मच गई। इस दौरान कुछ लोगों को चोटें भी आईं।  

स्थानीय लोगों का कहना है कि कर्नलगंज पहले से ही संवेदनशील इलाका है, और छोटी-छोटी बातें यहां जल्दी तूल पकड़ लेती हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पथराव और लोगों के बीच अफरा-तफरी साफ दिख रही है। हालांकि, इस वीडियो में कुछ दावे, जैसे किसी को बेल्ट से पीटने की बात, पूरी तरह साफ नहीं हैं और इनकी पुष्टि नहीं हो सकी।  

पुलिस ने लिया तुरंत एक्शन

घटना की खबर मिलते ही गुना पुलिस हरकत में आ गई। कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला और तुरंत जांच शुरू की। बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश कुशवाहा उर्फ गब्बर ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें विक्की खान सहित कुछ लोगों का नाम लिया गया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 296, 324(4), 125, 191(2-3), 190 और 115(2) के तहत मामला दर्ज किया।  

अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है। शहर में शांति बनाए रखने के लिए हर चौराहे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। गुना के डीएम किशोर कुमार कन्याल ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।  

वायरल वीडियो ने बढ़ाया तनाव

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें पथराव और लोगों की भागदौड़ दिख रही है। इस वीडियो ने न सिर्फ गुना में, बल्कि पूरे देश में चर्चा छेड़ दी। कुछ लोगों ने इसे धार्मिक सौहार्द पर हमला बताया, तो कुछ ने इसे स्थानीय विवाद का नतीजा माना। लेकिन इस वीडियो ने यह सवाल जरूर खड़ा किया कि आखिर इतनी जल्दी स्थिति कैसे बिगड़ गई।  

कई न्यूज चैनलों ने इस वीडियो को दिखाया, लेकिन कुछ दावे, जैसे कि यह हमला पूरी तरह सुनियोजित था या किसी खास समुदाय की साजिश थी, अभी तक पूरी तरह साबित नहीं हुए। न्यूज18 और हिंदुस्तान जैसे स्रोतों ने इसे दो समुदायों के बीच का विवाद बताया है, न कि किसी एक पक्ष की पूरी गलती।  

प्रशासन की सख्ती, हालात काबू में

पथराव की घटना के बाद गुना में तनाव का माहौल बना, लेकिन पुलिस और प्रशासन की सतर्कता ने हालात को और बिगड़ने से रोक लिया। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस मामले में प्रशासन से बात की और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। पुलिस ने न सिर्फ आरोपियों को पकड़ा, बल्कि पूरे शहर में गश्त बढ़ा दी।  

स्थानीय लोग अब धीरे-धीरे सामान्य जिंदगी में लौट रहे हैं, लेकिन इस घटना ने कई सवाल छोड़ दिए। क्या इस तरह के विवादों को पहले ही रोका जा सकता था? क्या जुलूस के लिए बेहतर इंतजाम किए जा सकते थे? ये सवाल न सिर्फ गुना, बल्कि पूरे देश के लिए जरूरी हैं।  

क्या कहता है समाज?

यह घटना हमें याद दिलाती है कि त्योहारों को शांति और खुशी के साथ मनाने का हक हर किसी को है। लेकिन इसके लिए समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। गुना में जो हुआ, वह सिर्फ एक शहर की घटना नहीं, बल्कि एक सबक है कि छोटे-छोटे विवादों को नफरत में नहीं बदलने देना चाहिए।  

पुलिस ने साफ कर दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, और प्रशासन हर तरह से शांति बनाए रखने की कोशिश में है। लेकिन असली बदलाव तभी आएगा, जब हम सब मिलकर भाईचारे को बढ़ावा देंगे।  

आगे क्या?

गुना में हनुमान जयंती जुलूस पर पथराव की घटना अब जांच के दायरे में है। पुलिस और प्रशासन की सख्ती से यह संदेश साफ है कि कानून अपना काम करेगा। लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इसके लिए जरूरी है कि धार्मिक आयोजनों के लिए पहले से बेहतर प्लानिंग हो, संवेदनशील इलाकों में ज्यादा सतर्कता बरती जाए, और समाज में आपसी समझ बढ़े।