कोड-योगी कार्यशाला: बुरहानपुर में कौशल विकास की दिशा में अहम कदम
बुरहानपुर में आयोजित कोड-योगी कार्यशाला में विद्यार्थियों को साफ्टस्किल और कौशल विकास की दिशा में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। कलेक्टर भव्या मित्तल की अध्यक्षता में कार्यशाला में शिक्षा क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में आयोजित ‘कोड-योगी कार्यशाला’ ने विद्यार्थियों के कौशल विकास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कार्यशाला जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के लिए एक सशक्त मंच साबित हुई। कार्यशाला का आयोजन परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में किया गया, और इसकी अध्यक्षता जिले की कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने की।
कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों में साफ्टस्किल और तकनीकी कौशल विकसित करना था ताकि वे भविष्य में अपनी पेशेवर जिंदगी में सक्षम और आत्मनिर्भर बन सकें। इस कार्यशाला का मुख्य फोकस कोडिंग, प्रोग्रामिंग और तकनीकी ऐप्स पर था, ताकि छात्र-छात्राएं भविष्य की डिजिटल दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हो सकें।
कार्यशाला का आयोजन: उद्देश्य और विषय
कोड-योगी कार्यशाला का आयोजन विद्यार्थियों को विभिन्न डिजिटल कौशल सिखाने के लिए किया गया था। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से कोडिंग, प्रोग्रामिंग, और तकनीकी एप्लिकेशन के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी (टीपीओ) श्री विकास जाधव और कंप्यूटर के व्याख्याता श्री सुमित तोखारे ने विद्यार्थियों को विस्तार से इन विषयों पर जानकारी दी।
कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने विद्यार्थियों से कहा कि सिखना एक निरंतर प्रक्रिया है और हमें हमेशा नई-नई चीजों को सीखते रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि कौशल विकास सिर्फ एक तकनीकी आवश्यकता नहीं, बल्कि यह जीवन में सफलता प्राप्त करने का महत्वपूर्ण रास्ता है।
प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और प्रेरणा
कार्यशाला के दौरान, कोड-योगी के सीईओ श्री राकेश सहगल ने ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी सोच को विस्तार देने और तकनीकी क्षेत्र में अपने कौशल को निखारने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कोडिंग और प्रोग्रामिंग जैसी तकनीकी जानकारी भविष्य के रोजगार के अवसरों को बेहतर बना सकती है और विद्यार्थियों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार कर सकती है।
कार्यशाला में सम्मान और पुरस्कार
कार्यशाला के दौरान, महाविद्यालय की होनहार छात्रा कुमारी यशस्वी चौधरी ने अपनी सफलता की यात्रा साझा की और अपने अनुभवों को सभी के साथ बांटा। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने उन्हें शील्ड और प्रमाणपत्र प्रदान किया। यह एक प्रेरणादायक क्षण था, जो अन्य छात्रों के लिए भी एक आदर्श साबित हुआ।
कार्यशाला के अन्य प्रमुख अतिथि और उनके विचार
इस कार्यशाला में डिप्टी कलेक्टर श्री अजमेर सिंह गौड़, अग्रणी महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मनीषा साकल्ले, जिला शिक्षा अधिकारी श्री संतोष सिंह सोलंकी, और डीपीसी श्री रविंद्र महाजन ने भी अपना सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान किया। इन सभी ने विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम मानकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने जोश और उत्साह से भाग लिया। महाविद्यालय के व्याख्याता श्री अरविंद अहिरवार, श्री दीपक लढे, श्री आयुष शर्मा, श्री एन.के.ठोसरे, श्री अल्पित सोनी, श्री महेन्द्र मण्डलोई, श्री रेवलराम मासरे ने भी इस आयोजन में विशेष योगदान दिया।
कार्यशाला का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यशाला का समापन श्री संजय गुप्ता ने किया और इसके बाद आभार प्रदर्शन जीजामाता शासकीय पॉलिटेकनिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. दीपक शाह ने किया। सभी अतिथियों ने अपने विचारों से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।
विद्यार्थियों के लिए एक नई दिशा
यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए एक नई दिशा की तरह थी। इसमें न केवल तकनीकी ज्ञान प्राप्त हुआ, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन में कौशल विकास की महत्ता का भी अहसास हुआ। ऐसे आयोजनों से न केवल छात्रों का व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि यह पूरे समाज को एक नई दिशा देने में मदद करता है। इस प्रकार की पहल से बुरहानपुर जैसे छोटे शहरों में भी शिक्षा और तकनीकी कौशल के क्षेत्र में बदलाव की लहर उत्पन्न होती है।
कोड-योगी कार्यशाला का प्रभाव और महत्व
कोड-योगी कार्यशाला बुरहानपुर में एक महत्वपूर्ण प्रयास था, जो न केवल तकनीकी कौशल को बढ़ावा देता है, बल्कि विद्यार्थियों को एक नई सोच और प्रेरणा भी प्रदान करता है। ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों का मानसिक विकास होता है, और वे अपने भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो पाते हैं। हमें उम्मीद है कि इस तरह के आयोजन आगे भी होते रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं इसका लाभ उठा सकें।