ग्वालियर के गोहद विधायक केशव देसाई को धमकी: जानें किसने दी और क्या है पूरा मामला?

ग्वालियर के गोहद विधायक केशव देसाई ने कांग्रेस नेता डॉ गोविंद सिंह के साथ पत्रकार वार्ता में बताया कि उन्हें व्यापम कांड के आरोपी डॉ अमित यादव और उनके भाई अंकित से धमकियां मिली हैं। विधायक ने विधानसभा में किए गए सवालों को लेकर आरोपियों से मिलने वाली धमकियों की जानकारी साझा की।

ग्वालियर के गोहद विधायक केशव देसाई को धमकी: जानें किसने दी और क्या है पूरा मामला?
ग्वालियर के गोहद विधायक केशव देसाई को धमकी

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के गोहद विधानसभा क्षेत्र के विधायक केशव देसाई ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए एक गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें व्यापम कांड के आरोपी डॉ अमित यादव और उनके भाई अंकित से धमकियां मिली हैं। इन धमकियों के कारण विधायक केशव देसाई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के साथ एक पत्रकार वार्ता आयोजित की, जिसमें उन्होंने पूरी घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

धमकी देने वाले कौन हैं?

डॉ अमित यादव और उनके भाई अंकित यादव, जिनके खिलाफ व्यापम कांड में गंभीर आरोप हैं, पर विधायक केशव देसाई ने धमकियां देने का आरोप लगाया है। गोहद विधायक ने कहा कि 26 और 27 फरवरी को उन्हें फोन कॉल्स के माध्यम से धमकाया गया। इस दौरान, आरोपियों ने उनसे विधानसभा में पूछे गए सवालों को वापस लेने की चेतावनी दी। इस धमकी के पीछे का कारण गोहद विधायक द्वारा विधानसभा में डॉ अमित यादव के एपिल हॉस्पिटल से जुड़े आयुष्मान योजना से संबंधित सवाल उठाना था।

धमकी देने की वजह क्या है?

गोहद विधायक केशव देसाई ने विधानसभा में एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा था, जिसमें डॉ अमित यादव के अस्पताल से जुड़ी कुछ गंभीर जानकारी मांगी थी। इस सवाल में आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जांच करने की मांग की गई थी। इस सवाल के उठाए जाने के बाद ही विधायक को धमकी मिलने की घटना सामने आई। विधायक ने कहा कि यह धमकी किसी दबाव बनाने के लिए नहीं बल्कि उनके सवालों का विरोध करने के लिए दी गई है। उनका आरोप है कि आरोपियों ने विधानसभा में उठाए गए सवालों को लेकर आपत्ति जताई और यह चेतावनी दी कि अगर सवाल वापस नहीं लिया गया तो परिणाम भुगतने होंगे।

मीडिया से साझा की गई पीड़ा

गोहद विधायक केशव देसाई ने मीडिया के सामने अपनी पीड़ा साझा की और बताया कि यह धमकियां उनके कामकाजी जीवन में एक बड़ी बाधा डालने की कोशिश हैं। विधायक का कहना है कि लोकतंत्र में सवाल उठाना और जनता के हित में काम करना उनका अधिकार है, और वे इस धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की धमकियों से वे अपने कार्यों से पीछे नहीं हटेंगे। उनका उद्देश्य केवल जनता की सेवा करना है और वे किसी भी दबाव के सामने नहीं झुकेंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह का बयान

पत्रकार वार्ता में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ गोविंद सिंह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विधायक के अधिकारों के खिलाफ है। डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि यह धमकियां लोकतंत्र की आवाज को दबाने की साजिश हैं और ऐसे कृत्यों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विधानसभा में उठाए गए सवाल

गोहद विधायक केशव देसाई ने विधानसभा में जो सवाल उठाए थे, वह आयुष्मान योजना से संबंधित थे, जो सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों का हिस्सा है। इस सवाल में यह पूछा गया था कि डॉ अमित यादव के अस्पताल में आयुष्मान योजना का लाभ कैसे दिया जा रहा है, और क्या वहां नियमों का पालन किया जा रहा है। विधायक का कहना था कि इस सवाल के माध्यम से वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से जनता तक पहुंचे और कोई भ्रष्टाचार न हो।

क्या है व्यापम कांड?

व्यापम कांड मध्य प्रदेश में हुआ एक बड़ा घोटाला था, जिसमें लाखों रुपए के बदले कई सरकारी नौकरियों, मेडिकल कॉलेजों में दाखिले और परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया गया था। इस कांड में कई प्रमुख नेता, सरकारी अधिकारी और व्यापम के कर्मचारी शामिल थे। डॉ अमित यादव भी इस कांड में आरोपी थे, और उनके ऊपर कई गंभीर आरोप लगे थे। अब इस कांड से जुड़े होने के कारण उनके खिलाफ कई कार्रवाईयों की प्रक्रिया चल रही है।

गोहद विधायक का भविष्य

विधायक केशव देसाई ने कहा कि वे इस धमकी के बावजूद अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस प्रकार की धमकियों से उनका हौंसला नहीं टूटेगा और वे हमेशा जनता के हित में कार्य करते रहेंगे। उनका यह भी कहना था कि उनके द्वारा उठाए गए सवाल न केवल गोहद बल्कि पूरे मध्य प्रदेश की जनता के हित में हैं।

लोकतंत्र में सवाल उठाना है अधिकार, धमकियां नहीं डिगा सकतीं

ग्वालियर के गोहद विधायक केशव देसाई द्वारा उठाए गए मुद्दे और उनसे जुड़ी धमकियों की घटना ने प्रदेश में एक नई राजनीति को जन्म दिया है। इस घटना से यह स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है, लेकिन ऐसे कृत्यों को लोकतंत्र में सहन नहीं किया जा सकता। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और पुलिस इस मामले में क्या कदम उठाती है।