उज्जैन: एमबीबीएस के नाम पर छात्रा से 8 लाख की ठगी, कजाकिस्तान भेजकर किया धोखा

उज्जैन में एक छात्रा के साथ एमबीबीएस करवाने के नाम पर 8 लाख की ठगी का मामला सामने आया। कजाकिस्तान भेजकर ना दाखिला दिया और ना रहने की सुविधा। भारतीय दूतावास की मदद से छात्रा भारत लौटी, पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।

उज्जैन: एमबीबीएस के नाम पर छात्रा से 8 लाख की ठगी, कजाकिस्तान भेजकर किया धोखा
छात्रा से एमबीबीएस के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी गिरफ्तार
हाइलाइट्स
  • उज्जैन की छात्रा कृति से एमबीबीएस के नाम पर 8 लाख रुपये की ठगी, कजाकिस्तान भेजा गया
  • छह महीने तक भटकने के बाद भारतीय दूतावास की मदद से भारत लौटी, डिग्री पूरी की
  • उज्जैन पुलिस ने चार आरोपियों—आरिफ, शाहरुख, गोमू, शाहीन—को गिरफ्तार किया

उज्जैन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक छात्रा के साथ एमबीबीएस करवाने के नाम पर 8 लाख रुपये की ठगी की गई। पीड़िता को ना तो कॉलेज में दाखिला मिला और ना ही रहने की कोई सुविधा। छह महीने तक विदेश में परेशान होने के बाद भारतीय दूतावास की मदद से वह भारत लौट पाई। अब उज्जैन पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आइए, इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

उज्जैन के महाकाल थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक, कृति यादव नाम की छात्रा ने 2018 में आरिफ खान के जरिए जॉर्जिया में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। लेकिन 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से चार साल की पढ़ाई के बाद उसे भारत लौटना पड़ा। अपनी बाकी बची एक साल की एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के लिए कृति ने फिर से आरिफ खान से संपर्क किया। आरिफ ने अपने साथियों शाहरुख मंसूरी, गोमू, और शाहीन मंसूरी के साथ मिलकर कृति को कजाकिस्तान के ताशकंद में मेडिकल एकेडमी उर्गेज ब्रांच में दाखिला दिलाने का वादा किया। इसके लिए उन्होंने कृति से 3 लाख रुपये लिए और उसके सभी जरूरी दस्तावेज, जैसे पासपोर्ट, मार्कशीट, और ट्रांसक्रिप्ट, ले लिए। लेकिन ना तो कोई रसीद दी और ना ही दाखिले की कोई पुष्टि।

जब कृति ने रसीद मांगी और कजाकिस्तान जाने से मना किया, तो आरोपियों ने उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। डर के मारे कृति के परिवार ने ऑनलाइन 5 लाख रुपये और ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद कृति को कजाकिस्तान भेज दिया गया, लेकिन वहां पहुंचने पर उसे पता चला कि ना तो उसका दाखिला हुआ था और ना ही रहने की कोई व्यवस्था थी।

छह महीने की परेशानी और भारतीय दूतावास की मदद

कजाकिस्तान में कृति को छह महीने तक भटकना पड़ा। आरोपियों और उनके विदेशी एजेंट्स ने उसे झूठे आश्वासन दिए। इतना ही नहीं, उसके सारे दस्तावेज जब्त कर लिए गए और उसे एक दूर-दराज के इलाके में भेज दिया गया। वहां से निकलना उसके लिए मुश्किल था। आखिरकार, कृति ने हिम्मत दिखाई और भारतीय दूतावास से संपर्क किया। दूतावास की मदद से वह वहां से निकल पाई और अपने खर्चे पर बिश्केक, किर्गिस्तान से अपनी डिग्री पूरी की।

भारत लौटने के बाद जब कृति ने आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे, तो उसे फिर से धमकियां मिलीं। हारकर उसने उज्जैन के महाकाल थाने में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों—शाहरुख मंसूरी (तोपखाना, उज्जैन), आरिफ खान (नागझिरी, उज्जैन), गोमू (गंजबासौदा, विदिशा, हाल इंदौर), और शाहीन मंसूरी (शाजापुर)—को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ धारा 318(4) और 308(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस की कार्रवाई और एसपी का बयान

उज्जैन के एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह की ठगी के मामले गंभीर हैं, और पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्ती से निपटेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि विदेश में पढ़ाई के लिए किसी भी एजेंट पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कोई कदम उठाएं।

लोगों के लिए सबक

कृति का यह मामला उन सभी छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक सबक है जो विदेश में पढ़ाई के लिए एजेंट्स पर निर्भर करते हैं। कई बार ऐसे एजेंट्स लुभावने वादों के साथ छात्रों को ठग लेते हैं। इसलिए, किसी भी एजेंट को पैसे देने से पहले उनके दस्तावेज, रजिस्ट्रेशन, और विश्वसनीयता की पूरी जांच कर लें। साथ ही, विदेश में पढ़ाई के लिए सीधे कॉलेज या विश्वविद्यालय से संपर्क करना ज्यादा सुरक्षित होता है।

सतर्कता और कार्रवाई का सबक

यह घटना न केवल ठगी का एक गंभीर मामला है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे भारतीय दूतावास विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। उज्जैन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह साफ है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। अगर आपके साथ भी ऐसा कोई मामला हो, तो तुरंत पुलिस या संबंधित दूतावास से संपर्क करें।