इंदौर लोकायुक्त की कार्रवाई: 22,500 रुपये रिश्वत लेते धार के पुलिस अधिकारी और सहयोगी गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के धार जिले में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई, झूठे केस से नाम हटाने के लिए मांगी गई 50,000 रुपये की रिश्वत, प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार और भारत डामर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज।

इंदौर लोकायुक्त की कार्रवाई: 22,500 रुपये रिश्वत लेते धार के पुलिस अधिकारी और सहयोगी गिरफ्तार
आरोपी गिरफ्तार

मध्य प्रदेश: महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद के निर्देश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई द्वारा धार जिले के सरदारपुर तहसील में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस कार्रवाई में पुलिस थाना राजौंद के प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार और एक निजी व्यक्ति भारत डामर को 22,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।

यह कार्रवाई झिन्झापाडा गांव के 28 वर्षीय नानूराम ओसारी की शिकायत पर की गई, जिन्होंने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में विशेष पुलिस स्थापना के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

घटनाक्रम: भजन संध्या से लौटे युवक का नाम झूठे केस में शामिल

मामले के अनुसार, नानूराम ओसारी 14 मार्च 2025 को दोपहर में ग्राम बोला, तहसील सरदारपुर में भजन संध्या में शामिल होने गए थे। उसी दिन उनके गांव में भगवान सिंह भाभर और सुरेश औसारी के बीच एक विवाद हुआ था। इस विवाद की शिकायत भगवान सिंह की पत्नी श्रीमती छन्नुबाई ने पुलिस थाना राजौंद में दर्ज कराई थी, जिसमें सुरेश औसारी के साथ-साथ नानूराम के परिवार के करीब 8 सदस्यों के नाम भी शामिल किए गए थे।

इस प्रकरण की जांच प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा की जा रही थी। 15 मार्च को जब नानूराम को थाने बुलाया गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह घटना के समय गांव में मौजूद ही नहीं थे और 14 मार्च को भजन संध्या में शामिल होने ग्राम बोला गए हुए थे। उन्होंने 15 मार्च की सुबह ही अपने गांव वापस लौटे थे और उनका नाम झूठे तौर पर एफआईआर में शामिल किया गया था।

50,000 रुपये की मांग से शुरू हुआ भ्रष्टाचार का मामला

नानूराम के इस स्पष्टीकरण के बावजूद, प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार ने केस से उनका नाम हटाने के बदले में 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी। इस मांग से परेशान होकर नानूराम ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई।

शिकायत के सत्यापन के बाद और इसके सही पाए जाने पर, 21 मार्च 2025 को लोकायुक्त विभाग द्वारा एक ट्रैप दल का गठन किया गया। इस दल में डीएसपी श्री सुनील तालान, निरीक्षक श्री राहुल राजभिये और अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।

रंगे हाथों गिरफ्तार हुए आरोपी

ट्रैप की कार्रवाई के दौरान, प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार के निर्देश पर भारत डामर ने नानूराम से 22,500 रुपये की रिश्वत राशि प्राप्त की। रिश्वत लेते समय भारत डामर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इस प्रकरण में दोनों आरोपियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 एवं धारा 61(2) बी.एन.एस. 2023 के अंतर्गत कार्रवाई शुरू की गई है।

वर्तमान में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस सरदारपुर में दोनों आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्यवाही जारी है।

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई

यह कार्रवाई मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त विभाग की बढ़ती सख्ती का परिणाम है। महानिदेशक लोकायुक्त श्री जयदीप प्रसाद ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसका परिणाम इस तरह के ट्रैप ऑपरेशन के रूप में सामने आ रहा है।

इंदौर लोकायुक्त इकाई द्वारा किए गए इस ऑपरेशन ने स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और आम लोगों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार की कार्रवाई से पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को रोकने और कानून का पालन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

भ्रष्टाचार के शिकार हुए लोगों के लिए प्रेरणा

इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश जाता है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, भ्रष्टाचार के मामले में कानून से ऊपर नहीं है। नानूराम ओसारी जैसे साधारण नागरिकों द्वारा अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और लोकायुक्त जैसी संस्थाओं का सहारा लेने से न्याय सुनिश्चित होता है।

यह मामला अन्य पीड़ितों के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ आवाज उठाएं और सक्षम अधिकारियों से शिकायत करें। लोकायुक्त विभाग ने भी आम जनता से अपील की है कि वे भ्रष्टाचार के किसी भी मामले की सूचना तुरंत दें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

भविष्य में और अधिक सख्त होगी कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, महानिदेशक लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने प्रदेश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान और तेज करने के संकेत दिए हैं। विशेष रूप से सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

इस प्रकार के ट्रैप ऑपरेशन न केवल भ्रष्ट अधिकारियों को सीधे पकड़ने में मदद करते हैं, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी एक चेतावनी का काम करते हैं। प्रदेश सरकार भी भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है।

इस मामले में, दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है और आने वाले दिनों में उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। लोकायुक्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।