उमरिया: 18 घंटे बाद नाबालिक बच्ची का अपहरण करने वाले आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया

उमरिया जिले में 9 वर्षीय बच्ची का अपहरण 18 घंटे बाद नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। आरोपी को हिरासत में लिया गया, जबकि बच्ची खुद स्कूल पहुंच गई। जानिए इस पूरी घटना की तफसील।

उमरिया: 18 घंटे बाद नाबालिक बच्ची का अपहरण करने वाले आरोपी को पुलिस ने हिरासत में लिया
18 घंटे बाद नाबालिक का अपहरण करने वाला आरोपी पुलिस हिरासत में

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के चंदिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिक बच्ची के अपहरण का मामला सामने आया है, जो 18 घंटे के भीतर नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। यह घटना 9 वर्षीय राधिका चौधरी के अपहरण से जुड़ी है, जिसे स्कूल से घर लौटते वक्त किसी अज्ञात बाइक सवार ने अगवा कर लिया था। हालांकि, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की कड़ी मेहनत के बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया और बच्ची की सुरक्षित वापसी हुई।

अपहरण की घटना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई

कल शाम लगभग 4 बजे राधिका चौधरी, जो चंदिया नगर के लाल मस्जिद के पास स्थित एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ती है, अपनी परीक्षा देकर बाहर निकली थी और घर लौट रही थी। इसी दौरान किसी अज्ञात बाइक सवार ने उसका अपहरण कर लिया। बाइक सवार बच्ची को लेकर गांव के जंगल की ओर बढ़ गया। राधिका के दादा, मोलई चौधरी ने यह दृश्य देखा और शोर मचाना शुरू कर दिया, लेकिन आसपास कोई व्यक्ति न होने के कारण वह उसका पीछा नहीं कर सके।

राधिका के दादा ने शाम करीब 6 बजे चंदिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बताया कि उनकी पोती को किसी अज्ञात बाइक सवार ने अपहरण कर लिया है। रिपोर्ट मिलते ही पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझा और उच्च अधिकारियों को सूचित किया। उमरिया जिले की पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार जिलों की पुलिस को सक्रिय किया। लगभग 200 पुलिसकर्मियों और 40 टीमों के सहयोग से लगातार पूरे रात भर जंगलों में सर्च अभियान चलाया गया। साइबर टीम ने बच्ची के लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

नाटकीय तरीके से बच्ची की वापसी

अचानक, सुबह होते-होते राधिका अपने स्कूल वापस लौट आई, जहां उसके शिक्षक ने स्कूल प्रशासन को सूचित किया कि बच्ची आ गई है। बच्ची की सूचना मिलते ही पुलिस ने उसे सुरक्षित रूप से दस्तयाब किया और उससे पूछताछ की। पूछताछ में राधिका ने बताया कि उसे चंद्रशेखर कुशवाहा नाम के व्यक्ति ने बाइक से लेकर अपने घर तक पहुँचाया था और फिर सुबह उसे बस से चंदिया भेज दिया। चंद्रशेखर कुशवाहा का परिवार पहले राधिका के दादा के घर के पास रहता था, लेकिन बाद में वह ग्राम करौंदी, कटनी में बस गया था। दोनों परिवार एक दूसरे से परिचित थे।

पुलिस की जांच और आरोपी की गिरफ्तारी

जांच के दौरान उमरिया एसपी निवेदिता नायडू ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से लेकर चार जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों तक नाकाबंदी कर दी थी और हर संभव प्रयास किया था ताकि बच्ची का पता चल सके। उन्होंने बताया कि पूरे ऑपरेशन में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अतिरिक्त बल तैनात थे, जिसमें कटनी, शहडोल और अनूपपुर जिलों से भी मदद ली गई थी।

इसके अलावा, पुलिस ने गांववालों, पंचायत सचिव, सरपंच, वन विभाग और अन्य स्थानीय लोगों से भी सहयोग लिया। पुलिस ने बताया कि चंद्रशेखर कुशवाहा को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। डीआईजी शहडोल, सविता सुहाने ने भी बताया कि राधिका की वापसी में थाना प्रभारी और स्थानीय लोगों का बहुत बड़ा सहयोग रहा।

अपराध और सुरक्षा को लेकर समाज में जागरूकता

यह घटना समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है। अपहरण जैसी घटनाएं बच्चों के अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं, और यह घटना विशेष रूप से इस बात की याद दिलाती है कि बच्चों को सार्वजनिक स्थानों पर अधिक सतर्कता और सुरक्षा की आवश्यकता है।

इस मामले में पुलिस का त्वरित और समन्वित प्रयास सराहनीय है। चार जिलों की पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि यदि प्रशासन और समाज मिलकर काम करें, तो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सकता है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि प्रशासन की तत्परता और लोगों का सहयोग अपराध की घटनाओं को रोकने में सहायक हो सकता है।

समाज और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई 

उमरिया जिले के चंदिया थाना क्षेत्र में अपहृत हुई 9 वर्षीय बच्ची का मामला हालांकि डरावना था, लेकिन पुलिस की तत्परता और समाज के सहयोग से बच्ची को सुरक्षित ढंग से वापस लाया गया। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है। इस घटना ने यह भी साबित किया कि पुलिस और समाज के बीच बेहतर तालमेल से किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटना संभव है।