मध्यप्रदेश: निर्माणाधीन कुआं धसने से 3 मजदूर मलबे में दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

छिंदवाड़ा जिले के खुनाझिर खुर्द गांव में निर्माणाधीन कुएं का मलबा धसने से तीन मजदूर दब गए। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। अपडेट जानें।

मध्यप्रदेश: निर्माणाधीन कुआं धसने से 3 मजदूर मलबे में दबे, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
फोटो रेस्क्यू ऑपरेशन

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के खुनाझिर खुर्द गांव में एक निर्माणाधीन कुएं का मलबा अचानक धसने के कारण बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में एक महिला और दो पुरुष मजदूर मलबे में दब गए। यह हादसा उस समय हुआ जब पुरानी कुएं के मलबे को निकालने का काम चल रहा था। इस हादसे के बाद प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि तीनों मजदूरों को जल्दी ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

क्या हुआ था?

यह हादसा छिंदवाड़ा जिले के खुनाझिर खुर्द गांव में एक किसान के कुएं में गहरीकरण के दौरान हुआ। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने इस घटना के बारे में मीडिया से बातचीत में बताया कि कुएं के गहरीकरण का काम चल रहा था, तभी अचानक कुआं धस गया और उसमें काम कर रहे तीन मजदूर मलबे के नीचे दब गए। इनमें से दो पुरुष मजदूर राशिद और बाशीद तथा एक महिला मजदूर शहजादी की पहचान की गई है। ये सभी मजदूर सीहोर जिले के निवासी हैं।

कलेक्टर ने आगे कहा कि रेस्क्यू टीम ने मलबे में दबे मजदूरों के चेहरे दिखने की जानकारी दी है, और ऑपरेशन के दौरान पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द तीनों मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। प्रशासन का कहना है कि वे रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं ताकि मजदूरों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो और वे जल्दी से बाहर आ सकें।

रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमें

घटना के तुरंत बाद एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मशीनों और उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि मलबे को धीरे-धीरे हटाकर मजदूरों तक पहुंचा जा सके। रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम ने मलबे को हटाना शुरू किया और तीनों मजदूरों के चेहरे को देखा, जिससे यह उम्मीद जताई गई कि वे सभी जीवित हैं। प्रशासन ने पूरी कोशिश की है कि इस ऑपरेशन में ज्यादा समय न लगे और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

सुरक्षा की अवहेलना या दुर्भाग्य?

यह हादसा निर्माण कार्यों में सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर करता है। निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन न करना कई बार बड़े हादसों का कारण बन जाता है। इस हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचने के लिए सभी निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाएगा।

स्थानीय निवासियों और मजदूरों का कहना है कि इस प्रकार के हादसे के कारण कई बार निर्माण कार्यों में लापरवाही देखी जाती है, लेकिन प्रशासन अब इस घटना के बाद सुरक्षा उपायों को सख्त करने की दिशा में काम करेगा।

स्थानीय लोगों का समर्थन और प्रशासन की मदद

मौके पर मौजूद स्थानीय लोग भी इस रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद करने के लिए आगे आए हैं। प्रशासन ने सभी से अपील की है कि वे रेस्क्यू ऑपरेशन में हस्तक्षेप न करें और उन्हें पूरी तरह से काम करने दें। आसपास के गांवों से भी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए दुआएं कर रहे हैं और इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि मजदूर जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाले जाएं।

सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी

यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना कितनी महत्वपूर्ण बात है। हादसे के बाद प्रशासन ने राहत कार्य में कोई कमी नहीं छोड़ी और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे को हटाने में पूरी मेहनत की है। हालांकि, इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सिर्फ रेस्क्यू ऑपरेशन ही नहीं, बल्कि सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी भी जरूरी है।

सभी की निगाहें अब इस घटना के परिणाम पर हैं और हर किसी की उम्मीद है कि मजदूरों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। इस खबर के अपडेट होते ही प्रशासन और स्थानीय अधिकारी इस पर और जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

नोट: यह खबर अपडेट हो रही है।