बुरहानपुर के धूलकोट क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत, किसान और आदिवासी सड़क पर उतरने की दे रहे चेतावनी
बुरहानपुर के आदिवासी बाहुल्य धूलकोट क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों में पीने के पानी की गंभीर समस्या, किसान और आदिवासी आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। जानें पूरी खबर।

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के आदिवासी बाहुल्य धूलकोट क्षेत्र के 40 से अधिक गांवों के लोग इन दिनों पीने के पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल मार्च और अप्रैल महीने में पानी की कमी शुरू हो जाती है, जिससे उनकी दैनिक जीवनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इन गांवों में लगभग 40,000 से 50,000 लोगों की आबादी रहती है, जिन्हें पीने के पानी के लिए कई किलोमीटर दूर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। अब स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या का हल शीघ्र नहीं निकाला गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
पानी की समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन की धमकी
गांवों के किसान और आदिवासी महिला-पुरुष इस मुद्दे को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और वहां पर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने अपनी पानी की समस्या के समाधान की मांग की और यह भी कहा कि खेती के लिए सिंचाई का पानी भी उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने प्रशासन से तत्काल इस समस्या का समाधान करने की अपील की है, अन्यथा सड़कों पर उतरकर चक्का जाम और उग्र आंदोलन किया जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पीने का पानी लाने के लिए 3 से 5 किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। खासकर महिलाएं और बच्चे इस कठिनाई का सामना करते हैं।
हर घर नल योजना का दावा और धूलकोट क्षेत्र की असलियत
बुरहानपुर जिला को "हर घर नल योजना" के तहत एक सर्टिफाइड जिला घोषित किया गया था और इसके लिए तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह को राष्ट्रपति द्वारा सम्मान भी प्राप्त हुआ था। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक घर को स्वच्छ और निर्मल जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत बुरहानपुर के अधिकांश हिस्सों में जल आपूर्ति का कार्य किया गया। हालांकि, धूलकोट क्षेत्र में इस योजना का कोई असर नहीं दिख रहा है। यहां के 40 से अधिक गांवों में आज भी लोग स्वच्छ पानी से वंचित हैं और सरकारी आंकड़ों की पोल धीरे-धीरे खुल रही है।
मिर्च के किसानों को हो रहा नुकसान
धूलकोट क्षेत्र के किसान नेता और कांग्रेस कार्यकर्ता धन सिंह पटेल ने कहा कि क्षेत्र में पानी की समस्या बहुत गंभीर है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में मिर्च की खेती प्रमुख है, लेकिन पानी की कमी के कारण मिर्च के पौधे सूख जाते हैं और किसानों को भारी नुकसान होता है। उनका कहना है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में तालाब निर्माण की योजना बनानी चाहिए, ताकि पीने का पानी भी उपलब्ध हो सके और सिंचाई के लिए भी पानी की व्यवस्था हो सके।
20 साल से पानी की समस्या का समाधान नहीं
पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि धूलकोट क्षेत्र में पानी की समस्या पिछले 20 वर्षों से बनी हुई है। उन्होंने प्रशासन से यह अपील की है कि तालाबों का निर्माण शीघ्र किया जाए ताकि क्षेत्रवासियों को पीने के पानी की उपलब्धता हो और किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि यहां के लोग मार्च और अप्रैल के महीने में पानी की किल्लत के कारण पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। इससे पूरे गांवों में सन्नाटा पसर जाता है।
समस्या का समाधान कब होगा?
अब यह देखना यह होगा कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि धूलकोट क्षेत्र की पानी की समस्या का समाधान कब तक करेंगे। क्या वे ग्रामीणों की मांगों को सुनेंगे और क्षेत्र में जल संकट का समाधान करेंगे, या फिर किसानों और आदिवासियों को आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर किया जाएगा।
ग्रामीणों की स्थिति को देखते हुए, अगर शीघ्र ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। यह मामला केवल धूलकोट क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे राज्य में जल संकट के मुद्दे को उजागर कर सकता है।
निवारण के उपाय
धूलकोट क्षेत्र में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन को कई कदम उठाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, क्षेत्र में जल संचयन की योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए। तालाबों का निर्माण, वर्षा जल संचयन, और पानी की पाइपलाइन व्यवस्था को मजबूत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए जल संरक्षण उपायों को अपनाना होगा। यदि इन कदमों को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो इस क्षेत्र की जल संकट की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है।
यह मुद्दा केवल पानी की कमी से संबंधित नहीं है, बल्कि यह लोगों की जिंदगी की गुणवत्ता से जुड़ा हुआ है। यदि प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस दिशा में कदम नहीं उठाते हैं, तो यह समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।
जल संकट का समाधान आवश्यक
बुरहानपुर के धूलकोट क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर किसानों और आदिवासियों द्वारा उठाए गए सवाल बेहद गंभीर हैं। अगर समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन का रूप ले सकता है। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए यह एक बड़ा चैलेंज है कि वे इस समस्या का समाधान कर जनता के विश्वास को बनाए रखें। इस पूरे मामले पर आगे क्या होता है, यह आनेवाला समय ही बताएगा।