उज्जैन महिला हत्याकांड: 150 CCTV से खुला राज, शवयात्रा में शामिल था हत्यारा – पढ़ें पूरी कहानी!
उज्जैन के नागदा में 68 वर्षीय महिला की हत्या का सनसनीखेज खुलासा। 150 CCTV कैमरे खंगालने के बाद आरोपी छात्र गिरफ्तार, जिसने गुस्से में पड़ोसी वृद्धा की कर दी थी हत्या। शवयात्रा में भी हुआ था शामिल।

मध्य प्रदेश: छोटा सा शक, एक थप्पड़ और फिर एक निर्दोष महिला की बेरहमी से हत्या। उज्जैन के नागदा में घटित यह मामला जितना चौंकाने वाला है, उतना ही दुखद भी। 68 वर्षीय प्रीति जैन की मौत के पीछे जो कहानी सामने आई है, वह न सिर्फ हैरान कर देने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि गुस्से और गलतफहमी में कोई कितना बड़ा अपराध कर सकता है।
नागदा पुलिस बीते 10 दिनों से इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी थी। शुरुआत में लगा कि वृद्धा की मौत सीढ़ियों से गिरने की वजह से हुई, लेकिन जैसे-जैसे मामले की तहकीकात आगे बढ़ी, परत दर परत सच्चाई सामने आती गई। आखिरकार, 150 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने और मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।
जब ईयर बड ने ले ली जान...
24 मार्च की शाम की घटना है। नागदा की प्रीति जैन अपने घर में गंभीर हालत में पाई गई थीं। परिजनों ने शुरुआत में इसे महज एक हादसा समझा और पुलिस को भी यही बताया कि संभवतः वे सीढ़ियों से गिर गई थीं। लेकिन जब उन्हें उज्जैन के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो डॉक्टरों ने पाया कि उनके सिर पर गंभीर चोटें थीं। वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थीं। इलाज के दौरान ही वृद्धा ने दम तोड़ दिया और यह मामला हत्या में तब्दील हो गया।
पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। एएसपी मयूर खंडेलवाल के नेतृत्व में पुलिस ने जांच तेज की और आसपास के 150 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तभी एक सुराग मिला – मृतका के घर के आसपास रहने वाला 12वीं कक्षा का छात्र यशवर्धन सिंह सोलंकी।
पड़ोसी ही निकला हत्यारा, शवयात्रा में भी था शामिल
जब यशवर्धन को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि घटना वाले दिन वह अपने घर पर एक्सरसाइज कर रहा था, तभी उसके कान में लगे ईयर बड पड़ोस में रहने वाली वृद्धा की छत पर गिर गए। उन्हें लेने के लिए वह उनकी छत पर गया, लेकिन लौटते समय प्रीति जैन ने उसे रोक लिया और आरोप लगाया कि वह चोरी करने आया है। इसी दौरान उन्होंने यशवर्धन को थप्पड़ जड़ दिया। यही बात उसे इतनी बुरी लगी कि उसने गुस्से में आकर उन पर हमला कर दिया और वहां से भाग गया।
हत्या के बाद यशवर्धन ने खुद को सामान्य दिखाने के लिए वृद्धा की शवयात्रा में भी हिस्सा लिया। इससे किसी को उस पर शक न हो सके।
सामूहिक जुलूस निकालकर पुलिस ने दिया कड़ा संदेश
पुलिस ने जब इस अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश किया, तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर सामूहिक जुलूस निकाला गया ताकि समाज को एक कड़ा संदेश मिल सके। एएसपी मयूर खंडेलवाल ने बताया कि आरोपी पहले किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं था, लेकिन उसने एक झटके में अपना जीवन बर्बाद कर लिया।
फिलहाल यशवर्धन को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसने अकेले ही इस वारदात को अंजाम दिया या इसके पीछे कोई और साजिश भी थी।
क्या कहती है यह घटना?
इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि गुस्से पर नियंत्रण न रख पाना और छोटी-छोटी बातों पर बड़ा कदम उठा लेना कितनी बड़ी त्रासदी बन सकता है। एक तरफ एक वृद्ध महिला की निर्दोष जान गई, वहीं दूसरी ओर एक युवा छात्र ने अपना भविष्य अंधेरे में झोंक दिया।
पुलिस की सतर्कता और तकनीक का इस्तेमाल इस केस में महत्वपूर्ण साबित हुआ। 150 से ज्यादा कैमरों की फुटेज देखकर आरोपी तक पहुंचने का तरीका साबित करता है कि अपराध कितनी भी सफाई से किया जाए, आखिरकार सच सामने आ ही जाता है।