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श्रावण सोमवार को भस्म रमाकर सजे बाबा महाकाल, बारिश में भी भक्तों की आस्था रही अडिग

श्रावण के तीसरे सोमवार को उज्जैन में बाबा महाकाल की भस्म आरती में हजारों भक्त पहुंचे। बारिश में भी उमड़ी आस्था, महाकाल ने गणेश रूप में दिए दर्शन।

On: July 30, 2025 7:27 PM
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मध्य प्रदेश: सावन के तीसरे सोमवार की सुबह उज्जैन की फिज़ा कुछ और ही थी। रात ढाई बजे से बारिश हो रही थी, लेकिन आसमान से बरसते पानी के बीच भी बाबा महाकाल के भक्तों की आस्था जरा भी नहीं डगमगाई। सुबह 2:30 बजे जब बाबा महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर के पट खुले, तब तक हजारों श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच चुके थे।

भीगते हुए लोग “जय श्री महाकाल” के जयघोष कर रहे थे और आंखों में बाबा के भस्मारती दर्शन की ललक साफ झलक रही थी। हर सोमवार की तरह आज भी महाकाल की भस्म आरती बेहद खास रही।

भक्तों ने चलित भस्म आरती में भी लिए बाबा के दिव्य दर्शन

श्रावण मास के इस तीसरे सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की शुरुआत 2:30 बजे हुई। मंदिर के नंदी हॉल में जहां कुछ लोग बैठे थे, वहीं हज़ारों श्रद्धालुओं ने चलित भस्म आरती में शामिल होकर बाबा के श्रृंगार दर्शन किए। भक्तों ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य बताया।

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मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हर साल की तरह इस बार भी श्रावण सोमवार को लेकर भक्तों में ज़बरदस्त उत्साह है। बरसात के बावजूद हजारों लोग उज्जैन पहुंचे हैं।

पंचामृत स्नान और गणेश स्वरूप में दर्शन

भस्म आरती से पहले महाकाल बाबा का दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पारंपरिक पंचामृत स्नान किया गया। इसके बाद बाबा का श्रृंगार भगवान श्री गणेश के स्वरूप में किया गया।

आज चतुर्थी तिथि होने के कारण बाबा ने गणेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए। पूरे मंदिर परिसर में “जय श्री महाकाल” और “जय श्री गणेश” के स्वर गूंज उठे। भक्तों ने हाथ जोड़कर बाबा से परिवार की सुख-शांति और मंगल की कामना की।

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गुजरात-महाराष्ट्र से भी पहुंचे हजारों श्रद्धालु

पंडित आशीष गुरु ने बताया कि उज्जैन के महाकाल मंदिर की पूजा पद्धति महाराष्ट्र के पंचांग के अनुसार होती है। इसी वजह से जब महाराष्ट्र और गुजरात में आज से श्रावण की शुरुआत मानी गई, तो वहां से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन को पहुंचे।

ट्रेन और बसों से पहुंचे भक्तों ने कहा कि चाहे बारिश हो या कोई परेशानी, सावन में बाबा महाकाल के दर्शन के बिना चैन नहीं मिलता।

आज निकलेगी बाबा की तीसरी सवारी – 3 रूपों में होंगे दर्शन

श्रावण-भादों माह में बाबा महाकाल की सवारियां उज्जैन शहर में निकाली जाती हैं। आज शाम 4 बजे बाबा की तीसरी सवारी निकलेगी जो रामघाट तक जाएगी। वहां मां शिप्रा के जल से पूजन अर्चन किया जाएगा।

इस बार बाबा महाकाल तीन स्वरूपों में भक्तों को दर्शन देंगे:

  • पालकी में चंद्रमोलेश्वर स्वरूप
  • हाथी पर मनमहेश स्वरूप
  • गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप

पुलिस बैंड की धुन, भक्तों के जयघोष और भक्ति की भीड़ के बीच यह सवारी परंपरागत मार्गों से होती हुई मंदिर लौटेगी।

श्रद्धा की मिसाल बना उज्जैन

श्रावण सोमवार पर उज्जैन का ये नज़ारा देख हर कोई यही कह रहा है – “महाकाल बुलाते हैं तो आना ही पड़ता है।” बरसते पानी में भी भक्तों का उमड़ता जनसैलाब यही दर्शाता है कि श्रद्धा और भक्ति की कोई सीमा नहीं होती।

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Ravi Sen

रवि सेन महाकाल की नगरी उज्जैन के निवासी हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता में कदम रखा और दैनिक लोकस्वामी के उज्जैन एडिशन के स्थानीय संपादक के रूप में 12 साल तक अपनी सेवाएं दी। इसके बाद, रवि सेन नेशनल न्यूज़ चैनल TV9 भारतवर्ष के उज्जैन ब्यूरो के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अपना खुद का साप्ताहिक अखबार हेडलाइन टुडे भी उज्जैन से प्रकाशित करते हैं और Fact Finding न्यू एज डिजिटल मीडिया से भी जुड़े हैं। रवि सेन को क्राइम, राजनीति और ग्राउंड रिपोर्टिंग में गहरी पकड़ के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने करियर में कई विशेष रिपोर्ट्स की हैं, जिन्होंने समाज को नई दिशा देने में मदद की है।

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