Monday, November 18, 2024
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धनतेरस: बुरहानपुर के स्वामीनारायण मंदिर में माता लक्ष्मीजी के अद्वितीय चरणों के दर्शन

बुरहानपुर के 200 वर्ष पुराने स्वामीनारायण मंदिर में धनतेरस पर माता लक्ष्मीजी के चरणों के दर्शन का अद्वितीय अनुभव। जानें पूजा का महत्व, समय और माता लक्ष्मी की कथा।

बुरहानपुर का स्वामीनारायण मंदिर, जिसकी स्थापना 200 वर्ष पहले हुई थी, हर साल धनतेरस के अवसर पर श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है। इस दिन माता लक्ष्मीजी के कुमकुम से भरे चरणों के दर्शन करने का अनोखा अवसर मिलता है, जो भक्तों को धन और समृद्धि की प्राप्ति का आश्वासन देता है।

धार्मिक मान्यता

धनतेरस को धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन माँ लक्ष्मी हमारे घरों में आती हैं। मान्यता है कि जो लोग स्वामीनारायण मंदिर में माता लक्ष्मीजी के चरणों का दर्शन करते हैं, उनके जीवन में धन की कमी नहीं रहती। कुमकुम को माथे पर लगाने से व्यक्ति को लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे वह आर्थिक और मानसिक रूप से समृद्ध बनता है।

पूजा का महत्व

धनतेरस की पूजा का महत्व अत्यधिक है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह समृद्धि और भाग्य को आमंत्रित करने का एक तरीका है। इस दिन की गई पूजा से मन की शांति और जीवन में सकारात्मकता आती है। भक्त इस दिन विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं, जो उनके जीवन में बदलाव लाने में सहायक होती है।

पूजा का समय

धनतेरस के दिन पूजा का विशेष समय होता है, जो आमतौर पर सूर्योदय से लेकर शाम तक रहता है। इस दौरान भक्त माता लक्ष्मी की प्रतिमा को स्नान कराकर, उन्हें नई वस्त्र पहनाते हैं और उन्हें फूल, मिठाइयाँ और अन्य भोग अर्पित करते हैं। विशेष रूप से, इस दिन कुमकुम का उपयोग बहुत महत्व रखता है।

माता लक्ष्मी की विशेष पूजा

इस दिन भक्त स्वामीनारायण मंदिर में पहुँचकर माता लक्ष्मीजी की विशेष पूजा करते हैं। पूजा के समय, दीप जलाना, मिष्ठान्न का भोग लगाना और मन्त्रों का उच्चारण करना आवश्यक होता है। इसके बाद भक्त अपने घरों में भी लक्ष्मी पूजा करते हैं, जिससे समृद्धि की कामना की जाती है।

माता लक्ष्मी की कथा

माता लक्ष्मी की कथा हिन्दू धर्म में बहुत प्रसिद्ध है। देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु की संगिनी मानी जाती हैं और उन्हें धन, समृद्धि और भाग्य की देवी माना जाता है। उनकी उपासना से भक्तों को जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।

बुरहानपुर के स्वामीनारायण मंदिर का इतिहास

स्वामीनारायण मंदिर का इतिहास समृद्ध और प्रेरणादायक है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर भी इसे विशेष बनाती है। यहां हर साल धनतेरस के अवसर पर हजारों भक्त आते हैं, जिससे इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है।

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