- शिरपूर में पावरा डॉक्टर्स स्नेहसंमेलन 2025 का भव्य आयोजन पारंपरिक पूजा के साथ संपन्न हुआ।
- महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 150 से ज्यादा डॉक्टरों ने सहभागिता दर्ज कर समाज सेवा का संदेश दिया।
- वरिष्ठ डॉक्टरों को जीवन गौरव व विशेष कर्तृत्व पुरस्कार से सम्मानित कर नए डॉक्टरों को भी प्रोत्साहित किया गया।
महाराष्ट्र के धुले जिले के शिरपूर शहर के होटल सिटी प्राइड – उत्सव रेस्टो में पावरा डॉक्टर्स स्नेहसंमेलन 2025 का आयोजन बेहद उत्साह और पारंपरिक धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। इस खास कार्यक्रम में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से आए पावरा-बारेला समाज के करीब 150 से ज्यादा डॉक्टरों ने भाग लिया।
इस वर्ष की थीम “नवाई” रखी गई थी, जिसमें गिरहोण माता और याहा मोगी माता की परंपरागत पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। मांदल पूजन की इस परंपरा ने माहौल को पूरी तरह सांस्कृतिक रंग में रंग दिया।
आयोजन की झलकियां:
- कार्यक्रम की प्रस्तावना डॉ. विजय पवार ने की।
- “नवाई” की ऐतिहासिक जानकारी डॉ. चंद्रकांत बारेला ने साझा की।
- डॉक्टरों का स्वागत डॉ. हीरा पावरा ने किया।
- संचालन: डॉ. सचिन पावरा और डॉ. राहुल आर्य
समाज के गौरवों को किया गया सम्मानित:
- डॉ. प्रताप पवार को “जीवन गौरव पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
- 28 डॉक्टरों को विशेष कर्तृत्व पुरस्कार दिया गया।
क्षेत्रवार विशेष सम्मान:
नंदुरबार: डॉ. श्रीकांत पावरा, डॉ. संजय पटले, डॉ. सायसिंग पावरा, डॉ. प्रीती पटले
तळोदा: डॉ. विद्युलता पटले, डॉ. रिमान पावरा, डॉ. तृप्ती पटले
धडगाव: डॉ. शिवाजी पवार, डॉ. गणेश पावरा, डॉ. राकेश पावरा, डॉ. रतिलाल पावरा
शहादा: डॉ. बलराज पावरा, डॉ. संतोष निकुम, डॉ. प्रकाश पावरा, डॉ. प्रशांत पवार
शिरपूर: डॉ. विनोद पावरा, डॉ. रणजीत पावरा, डॉ. सुनील पावरा, डॉ. राकेश पावरा, डॉ. सुक्राम पावरा
धुळे: डॉ. अविनाश पावरा, डॉ. लक्ष्मण पावरा, डॉ. मुनिराम पावरा
नए डॉक्टरों को मिला प्रोत्साहन:
- 28 पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को आदर्श पुरस्कार दिया गया।
- 30 स्नातक डॉक्टरों को पदवी सम्मान से नवाजा गया।
आयोजन समिति की मेहनत रंग लाई:
इस सफल आयोजन के लिए डॉ. मनिलाल शेल्टे, डॉ. हीरा पावरा, डॉ. विजय पवार, डॉ. जितेंद्र भंडारी, डॉ. संदीप पावरा सहित दर्जनों डॉक्टरों ने मिलकर कड़ी मेहनत की।
कार्यक्रम का समापन डॉ. सुनील पावरा के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
यह आयोजन न सिर्फ एक सामाजिक मिलन था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा भी बन गया है। पावरा समाज के डॉक्टरों ने अपने सेवा भाव, संगठन और एकजुटता से यह साबित कर दिया कि अगर लक्ष्य समाज सेवा हो, तो हर आयोजन यादगार बन सकता है।