- Jabalpur में महिला और उसका नाबालिग भांजा पुलिस के हत्थे चढ़े
- स्कूल फीस जमा करने के दबाव में महिला ने एटीएम तोड़ने की कोशिश की
- पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से आरोपी को पकड़कर कोर्ट में पेश किया
Jabalpur ATM Theft Attempt: मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने हर किसी को चौंका दिया। यहां एक महिला ने अपने भांजे की पढ़ाई बचाने के लिए चोरी का रास्ता चुना और नतीजा यह हुआ कि वह पुलिस के शिकंजे में फंस गई।
घटना शनिवार रात (30 अगस्त) की है, जब संजीवनी नगर इलाके के एक एटीएम में चोरी की कोशिश हुई। जैसे ही पुलिस को शिकायत मिली, मौके पर टीम पहुंची और जांच शुरू की। एटीएम की नकदी तिजोरी को तोड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन आरोपी कामयाब नहीं हो सकी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाला और उसके आधार पर महिला को पहचान कर गिरफ्तार कर लिया।
फीस के दबाव ने बदला जिंदगी का रास्ता
पुलिस पूछताछ में महिला ने कबूल किया कि यह कदम उसने मजबूरी में उठाया। महिला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली है और अपने पति के साथ वहीं रहती है। कुछ दिन पहले ही वह अपनी बहन के घर, संजीवनी नगर, जबलपुर आई थी। यहीं उसे पता चला कि उसका भांजा, जो 11वीं कक्षा में पढ़ता है, फीस न भरने की वजह से स्कूल से निकाला जा सकता है।
भांजे की पढ़ाई रुक जाने का डर महिला के लिए असहनीय था। उसने तनाव में आकर एटीएम तोड़कर पैसे निकालने की योजना बनाई। यह योजना न केवल गलत थी, बल्कि खतरनाक भी साबित हुई। पुलिस ने बताया कि महिला ने इस काम में अपने नाबालिग भांजे को भी शामिल कर लिया और उसे एटीएम तक साथ ले गई।
सीसीटीवी फुटेज बना गवाह
संजीवनी नगर थाना प्रभारी बीडी द्विवेदी ने बताया कि जैसे ही पुलिस को चोरी की शिकायत मिली, टीम तुरंत मौके पर पहुंची। मौके पर जांच करने पर पता चला कि किसी ने एटीएम की नकदी तिजोरी पर लोहे की छड़ से हमला करने की कोशिश की थी। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें महिला की हरकतें साफ दिखाई दे रही थीं। इसी फुटेज की मदद से पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के बाद महिला के पास से लोहे की छड़ और कुछ अन्य औजार भी बरामद किए गए। पुलिस का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई न होती तो महिला एटीएम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती थी।
कोर्ट का फैसला और कानूनी कार्रवाई
रविवार को महिला और उसके नाबालिग भांजे को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने महिला को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया, वहीं नाबालिग भांजे को सुधार गृह में रखा गया है। पुलिस ने पूरे मामले में केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है।
समाज के लिए सबक
यह घटना सिर्फ चोरी की कोशिश भर नहीं है, बल्कि समाज की सच्चाई और आर्थिक दबाव की तस्वीर भी सामने लाती है। पढ़ाई के लिए फीस न भर पाने की चिंता ने एक महिला को अपराध की राह पर धकेल दिया। यह सवाल उठाता है कि आखिर क्यों शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतें आज भी कई परिवारों के लिए बोझ बन जाती हैं।
जबलपुर की यह वारदात हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। ऐसे हालात पैदा न हों कि किसी बच्चे की पढ़ाई बीच में छूट जाए और परिवार अपराध की ओर बढ़ जाए।
लोग क्या कह रहे हैं?
घटना के बाद इलाके में चर्चा तेज हो गई है। कई लोग मानते हैं कि महिला को चोरी करने का हक नहीं था, चाहे हालात कितने भी खराब क्यों न हों। वहीं कुछ लोग इसे सामाजिक-आर्थिक मजबूरी मानते हैं और कहते हैं कि सिस्टम में सुधार जरूरी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून से ऊपर कुछ भी नहीं है। चाहे कारण कितना भी भावनात्मक क्यों न हो, चोरी की कोशिश को जायज नहीं ठहराया जा सकता।
सबक और सीख
जबलपुर में हुए इस ATM चोरी के प्रयास का मामला हमें एक सच्चा सबक देता है। कभी-कभी मजबूरी और मुश्किल हालात इंसान को गलत रास्ते पर ले जा सकते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। किसी भी समस्या का समाधान हमेशा कानून और सही तरीके से ही खोजा जाना चाहिए।