- इंदौर लोकायुक्त ने प्राचार्य मनीषा पहाड़िया को रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा।
- शिक्षक आशीष मारू की शिकायत पर टीम ने सफल ट्रैप कार्रवाई की।
- आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया।
इंदौर लोकायुक्त टीम ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए सांवेर के सरकारी स्कूल की प्राचार्य को 2,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई, जिसमें टीम ने आरोपी को सबूतों सहित गिरफ्तार किया।
मामला क्या है?
शिकायतकर्ता आशीष मारू, उम्र 40 साल, शासकीय सांदीपनी मॉडल स्कूल कछालिया सांवेर में उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 के पद पर पदस्थ हैं। उनकी नियुक्ति 13 अक्टूबर 2021 को हुई थी और हाल ही में 13 अक्टूबर 2024 को उनकी परिवीक्षा अवधि पूरी हो चुकी थी।
नियमों के अनुसार, परिवीक्षा अवधि पूरी होने के बाद स्थाई नियुक्ति के लिए फाइल संकुल प्राचार्य के जरिए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय भेजी जानी चाहिए। इसी प्रक्रिया में 27 जनवरी 2025 को उनकी फाइल प्राचार्य श्रीमती मनीषा पहाड़िया के पास भेजी गई थी।
रिश्वत की मांग
आरोप है कि संकुल प्राचार्य मनीषा पहाड़िया ने फाइल आगे बढ़ाने के एवज में आशीष मारू और उनके साथी शिक्षक महेश गोयल से 2,000 रुपये रिश्वत मांगी। इसकी शिकायत पीड़ित शिक्षक ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय को की।
ट्रैप कार्रवाई
लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की और आरोप सही पाए जाने पर बुधवार, 10 सितंबर 2025 को ट्रैप की योजना बनाई। जैसे ही प्राचार्य मनीषा पहाड़िया ने आवेदक से 2,000 रुपये रिश्वत ली, टीम ने उन्हें रंगेहाथ पकड़ लिया।
लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम की धारा-7 के तहत केस दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
ट्रैप दल में कौन-कौन शामिल थे?
इस कार्रवाई में निरीक्षक रेनू अग्रवाल, सहायक उपनिरीक्षक रहीम खान, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक चंद्रमोहन बिष्ट, आरक्षक कमलेश परिहार, महिला आरक्षक कंचन राजपूत, महिला आरक्षक गोपाल कंवर और चालक शेरसिंह शामिल रहे।
लोकायुक्त की सख्ती
महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख ने सभी अधिकारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत इंदौर इकाई ने यह सफल कार्रवाई की है। लोकायुक्त विभाग का कहना है कि सरकारी पदों पर बैठे लोग यदि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आम जनता के लिए संदेश
यह कार्रवाई सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। वहीं, पीड़ित शिक्षक आशीष मारू के मुताबिक, यदि लोकायुक्त टीम ने समय पर कार्रवाई नहीं की होती तो उनकी स्थाई नियुक्ति की प्रक्रिया लंबित रह जाती।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई से आम जनता और सरकारी कर्मचारियों को यह विश्वास मिला है कि यदि वे साहस दिखाकर शिकायत करें, तो भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करना संभव है।