- बुरहानपुर में लोकायुक्त की कार्रवाई, उपयंत्री महेन्द्र कोठारी रिश्वत लेते पकड़ा गया
- ठेकेदार से प्रवेश द्वार निर्माण की रिपोर्ट जमा करने के लिए 20 हजार की मांग की गई थी
- लोकायुक्त टीम ने 12 हजार रुपये लेते ही आरोपी को रंगेहाथ दबोचा, केस दर्ज
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में लोकायुक्त इंदौर की टीम ने सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई की। जनपद पंचायत खकनार में पदस्थ उपयंत्री महेन्द्र कोठारी को 12,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया गया। यह कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के निर्देश पर की गई।
ठेकेदार से मांगी गई थी 20 हजार की रिश्वत
मामला बुरहानपुर जिले के नेपानगर तहसील के ग्राम देवरीमल का है। यहां रहने वाले राजू वाघमारे ठेकेदारी का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें ग्राम पंचायत हिंगना में प्रवेश द्वार बनाने का काम मिला था। करीब पांच लाख रुपये के ठेके का यह काम तीन महीने पहले ही पूरा कर लिया गया था।
काम पूरा होने के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने और उसे पंचायत में जमा करने की जिम्मेदारी उपयंत्री महेन्द्र कोठारी की थी। जब राजू वाघमारे ने उनसे संपर्क किया तो कोठारी ने रिपोर्ट जमा करने के एवज में 20,000 रुपये की रिश्वत मांगी।
शिकायत पर हुई कार्रवाई
रिश्वत मांगने से परेशान होकर ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय से की। शिकायत की जांच के बाद मामला सही पाया गया और आज (10 सितंबर 2025) ट्रैप की योजना बनाई गई। जैसे ही आरोपी उपयंत्री ने आवेदक से 12,000 रुपये की रिश्वत ली, लोकायुक्त टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया।
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज
लोकायुक्त टीम ने आरोपी महेन्द्र कोठारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल आगे की जांच जारी है।
लोकायुक्त की टीम में शामिल अधिकारी
इस कार्रवाई को सफल बनाने में कार्यवाहक निरीक्षक सचिन पटेरिया, प्रआर विवेक मिश्रा, आरक्षक विजय कुमार, पवन पटोरिया, शैलेन्द्र सिंह बघेल और श्रीकृष्ण अहिरवार की अहम भूमिका रही।
क्यों अहम है यह कार्रवाई
प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर लगातार शिकायतें सामने आती रही हैं। खासकर पंचायत और जनपद स्तर पर होने वाले कामों में अधिकारियों द्वारा रिश्वत मांगना आम हो गया है। इस कार्रवाई से एक बार फिर साफ हुआ है कि लोकायुक्त की टीम सक्रिय है और भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
लोगों में चर्चा
इस कार्रवाई की खबर फैलते ही बुरहानपुर जिले में चर्चा का माहौल बन गया। आम लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होना जरूरी है ताकि अधिकारियों में डर बने और सरकारी कामकाज पारदर्शी तरीके से हो।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की राशि का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। अगर लोकायुक्त इस तरह लगातार निगरानी रखे तो ठेकेदारों और आम लोगों को राहत मिल सकती है।