- भूपेश बघेल ने CBI और ED की जांच शक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में दी कानूनी चुनौती।
- आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, गिरफ्तारी रोकने और जमानत पर फैसला संभव।
- आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, गिरफ्तारी रोकने और जमानत पर फैसला संभव।
Bhupesh Baghel Petition पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय जांच एजेंसियों – CBI और ED – की कार्रवाई को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि उन्हें इस मामले में गिरफ्तार न किया जाए और जांच में सहयोग का मौका दिया जाए।
क्या है पूरा मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं। उन्होंने इसमें CBI और ED की जांच शक्तियों और अधिकार क्षेत्र (Jurisdiction) को चुनौती दी है। उनका कहना है कि एजेंसियों की कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है और इस तरह की जांच संविधान के खिलाफ है।
भूपेश बघेल की इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच सुनवाई करेगी।
बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से जुड़े हैं मामले
बता दें कि छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में ED ने 20 जुलाई को चैतन्य बघेल, यानी भूपेश बघेल के बेटे को गिरफ्तार किया था। उन्हें फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रायपुर की जेल में रखा गया है, जिसकी मियाद आज, 4 अगस्त को खत्म हो रही है।
चैतन्य बघेल ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। उनका कहना है कि ED की FIR में उनका नाम तक नहीं है, और न ही किसी गवाह ने उनके खिलाफ कुछ कहा है। बावजूद इसके, उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से गिरफ्तार किया गया।
जांच एजेंसियों की शक्तियों पर पहले भी सवाल
यह पहली बार नहीं है जब जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली को चुनौती मिली हो। इससे पहले भी ED की गिरफ्तारी की ताकत और जांच की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में कानूनी चुनौती दी जा चुकी है। कई बार कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि एजेंसियों को अपनी सीमाओं में रहकर काम करना चाहिए।
भूपेश बघेल ने क्या कहा?
भूपेश बघेल का साफ कहना है कि वह कानून का सम्मान करते हैं और जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही कार्रवाई को रोकने के लिए उन्होंने कोर्ट का रुख किया है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और अगर कोई दोषी है तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
कोर्ट का फैसला तय करेगा सियासी तापमान
आज की सुनवाई सिर्फ एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि Bhupesh Baghel Petition के बहाने केंद्र और राज्य की सियासत में बड़ी हलचल पैदा कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या फैसला देता है और क्या चैतन्य बघेल को राहत मिलती है या नहीं।