मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में खेल एवं युवा कल्याण विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उनका मुख्य उद्देश्य राज्य में मलखंब और जिम्नास्टिक को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत उज्जैन में विशेष खेल अकादमियों का निर्माण किया जाएगा, जो इन खेलों के विकास में मददगार साबित होगा।
साहसिक खेलों का समावेश
मुख्यमंत्री ने साहसिक खेलों को पर्यटन और वन गतिविधियों के साथ जोड़ने का सुझाव दिया, जिससे इन खेलों को स्पोर्ट्स एडवेंचर के रूप में मुख्यधारा में लाया जा सके। उन्होंने सभी जिलों में साहसी खेल गतिविधियों के आयोजन की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिससे युवाओं का चयन कर उन्हें विभिन्न खेलों में भागीदारी का अवसर मिले।
खेल स्टेडियम में हेलीपेड की सुविधा
डॉ. यादव ने यह भी कहा कि हर जिले में खेल स्टेडियम का निर्माण इस तरह से किया जाएगा कि उसमें एक हेलीपेड की सुविधा भी हो। यह प्रस्ताव न केवल खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि आवश्यकतानुसार आपातकालीन सेवाओं को भी आसान बनाएगा।
काठियावाड़ी घोड़े और घुड़सवारी
मुख्यमंत्री ने काठियावाड़ी घोड़ों की विशेषता को उजागर करते हुए कहा कि ये घोड़े घुड़सवारी में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन घोड़ों को खेलों में शामिल किया जाए, जिससे मध्यप्रदेश की घुड़सवारी में और सुधार हो सके। मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने भी इस बात की पुष्टि की कि मध्यप्रदेश में घुड़सवारी और शूटिंग में अच्छी परफार्मेंस है।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए नौकरी का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ओलंपिक और एशियन गेम्स में पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी की नियुक्ति देने के प्रस्ताव को कैबिनेट में प्रस्तुत करने की बात कही। उन्होंने अन्य विभागों में खेल कोटे से नौकरी देने के लिए नियमों को स्पष्ट करने के निर्देश भी दिए।
युवा और खेलो-बढ़ो अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेलो-बढ़ो” अभियान को विस्तार देने की आवश्यकता है। इस योजना के तहत केवल अधोसंरचना का विकास नहीं होगा, बल्कि खेल गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। इस अभियान के अंतर्गत उच्च विद्यालय और हायर सेकेंडरी के छात्रों को जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी खेल भावना को विकसित किया जा सके।
खेल समारोह का आयोजन
मुख्यमंत्री ने खेल समारोहों के आयोजन को एक नियमित कैलेंडर के अनुसार करने की बात कही, जिससे इनका महत्व बढ़ सके। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय स्तर पर खेल मंथन शिविरों का आयोजन किया जाए, जिसमें खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के लिए समग्र योजना बनाई जाए।
महानिदेशक खेल की पदस्थापना
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने यह प्रस्ताव रखा कि संचालक खेल के पद को महानिदेशक खेल के रूप में उन्नत किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव पर विचार करने और नियमों के अनुसार इसे आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
प्रदेश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ये पहलकदमी मध्यप्रदेश में खेलों के प्रति युवाओं की रुचि को बढ़ाने और उनके सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होंगी। यह प्रयास न केवल खिलाड़ियों के लिए अवसर पैदा करेगा, बल्कि राज्य को खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगा।
इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल खेलों में सुधार होगा, बल्कि यह प्रदेश की पहचान को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करेगा।
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