- विदेश से सैकड़ों राखियां पहुंचीं उज्जैन के 118 साल पुराने बड़ा गणेश मंदिर
- अमेरिका, सिंगापुर, हांगकांग से बहनों ने भेजा भाई गणेश के लिए प्यार भरा तोहफ़ा
- रक्षाबंधन पर दिनभर चलेगा राखी बांधने का सिलसिला, होगी भव्य सजावट और महाआरती
मध्य प्रदेश: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में त्यौहार का जादू कुछ और ही होता है। हर पर्व की शुरुआत जहां श्री महाकालेश्वर मंदिर से होती है, वहीं इसके पास स्थित 118 साल पुराना बड़ा गणेश मंदिर भी अपनी अलग ही पहचान रखता है। यहां विराजमान भगवान श्री गणेश को न सिर्फ उज्जैन और देशभर से, बल्कि विदेशों में रहने वाली बहनें भी अपना भाई मानती हैं और हर साल रक्षाबंधन पर राखी भेजना नहीं भूलतीं।
इस साल भी रक्षाबंधन से एक हफ्ता पहले से ही भगवान बड़ा गणेश के लिए राखियों का आना शुरू हो गया था। अमेरिका, सिंगापुर, हांगकांग समेत देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों से आई इन राखियों में बहनों का अपार स्नेह और आशीर्वाद झलकता है।
विदेश से आती हैं सैकड़ों राखियां
मंदिर के पुजारी पंडित सुधीर व्यास बताते हैं कि भगवान बड़ा गणेश की सैकड़ों बहनें देश-विदेश में रहती हैं। हर साल वे विशेष रूप से उनके लिए राखियां भिजवाती हैं। इस बार भी विदेशों से रंग-बिरंगी और खूबसूरत राखियों के साथ मिठाइयां और उपहार भी आए हैं।
पंडित व्यास के मुताबिक, भगवान को भेजी गई इन राखियों को बांधने का क्रम पूरे दिन चलता है। हर राखी को मंत्रोच्चार और पूर्ण विधि-विधान के साथ बांधा जाता है, ताकि बहनों की भावनाओं और आस्था का सम्मान हो।
दिनभर चलेगा राखी बांधने का सिलसिला
रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही मंदिर में खास सजावट होगी। फूलों, झालरों और रोशनी से सजे इस पवित्र स्थान पर भक्तों की भीड़ जुटेगी। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं तक भगवान गणेश की कलाई पर राखी बांधेंगी और उनकी लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करेंगी।
मंदिर में इस अवसर पर विशेष पूजन-अर्चन, भजन-कीर्तन और महाआरती का आयोजन होगा। बहनों द्वारा भेजी गई मिठाइयों को प्रसाद के रूप में भक्तों में वितरित किया जाएगा।
क्यों मानते हैं गणेश को भाई?
महाकाल की नगरी में भगवान शिव को पिता और मां पार्वती को माता मानने की परंपरा है। ऐसे में गणेश को स्वाभाविक रूप से भाई के रूप में पूजा जाता है। यही वजह है कि रक्षाबंधन के दिन यहां बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां पहुंचती हैं।
मंदिर के इतिहास की बात करें तो बड़ा गणेश मंदिर 118 वर्ष पुराना है और यहां के प्रति लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। खासकर रक्षाबंधन के दिन, यह मंदिर भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की एक अद्भुत मिसाल बन जाता है।
भावनाओं से जुड़ा पर्व
रक्षाबंधन केवल राखी बांधने का पर्व नहीं, बल्कि यह भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। बड़ा गणेश मंदिर में यह पर्व और भी खास हो जाता है, क्योंकि यहां भगवान स्वयं बहनों के भाई हैं। देश-विदेश से आने वाली राखियों से मंदिर में ऐसा माहौल बनता है, जो हर किसी के दिल को छू लेता है।
भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र
रक्षाबंधन पर बड़ा गणेश मंदिर सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी खास महत्व रखता है। यहां का माहौल इतना भव्य और आत्मीय होता है कि जो भी एक बार इस दिन यहां आता है, वह जीवनभर इस अनुभव को भूल नहीं पाता।
इस बार भी, रक्षाबंधन पर उज्जैन का बड़ा गणेश मंदिर भाई-बहन के इस पवित्र रिश्ते का साक्षी बनेगा। विदेश से आई राखियां, देशभर से पहुंचे भक्त और भगवान गणेश की भव्य सजावट—सब मिलकर इस पर्व को यादगार बना देंगे।