- गोविंदा की पत्नी ने काल भैरव गर्भगृह में पूजा की
- VIP पूजा का वीडियो वायरल, आम भक्त भड़के
- प्रशासन बोला- प्रोटोकॉल था, बहस तेज
मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध उज्जैन स्थित काल भैरव मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। वजह है बॉलीवुड अभिनेता गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा का एक वीडियो, जो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में सुनीता आहूजा मंदिर के गर्भगृह में बैठकर आराम से पूजा करती नजर आ रही हैं। अब सोशल मीडिया पर इस VIP दर्शन को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। आम श्रद्धालु सवाल उठा रहे हैं कि क्या भगवान के दरबार में भी आम और खास के लिए अलग-अलग नियम हैं?
जन्मदिन मनाने उज्जैन पहुंची थीं सुनीता
दरअसल, गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा अपने जन्मदिन के मौके पर उज्जैन आई थीं। इस दौरान वह काल भैरव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं। मंदिर में उन्होंने गर्भगृह में जाकर भगवान काल भैरव का विशेष पूजन-अर्चन किया। माथे पर चंदन का तिलक, हरे रंग का सूट पहने हुए सुनीता पूजा में पूरी तरह लीन नजर आईं। यह वीडियो सबसे पहले फेमस सेलेब्रिटी फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया।
वायरल वीडियो पर भड़के लोग
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर आया, लोगों की नाराजगी सामने आने लगी। कई यूजर्स ने लिखा कि आम श्रद्धालु तो घंटों लाइन में खड़े रहते हैं और फिर भी उन्हें मुश्किल से 2-3 सेकंड के लिए भगवान के दर्शन करने मिलते हैं। वहीं सेलेब्रिटी आराम से गर्भगृह में बैठकर खास पूजा करते हैं।
एक यूजर आशुतोष त्रिपाठी पाटिल ने कमेंट करते हुए लिखा, “आम श्रद्धालु को तो 3 सेकंड भी नहीं मिलते, लेकिन सेलेब्रिटी आराम से घंटों बैठकर पूजा करते हैं। पुजारी जी ने कितने पैसे खाए हैं? भगवान के दरबार को भी मार्केटिंग का अड्डा बना दिया है। जिसका जितना भारी चढ़ावा, उतना अच्छा दर्शन।”
वहीं एक और यूजर सोनू वर्मा ने लिखा, “महिलाएं और बच्चे 2 घंटे तक लाइन में खड़े रहते हैं, तब जाकर उन्हें चंद सेकंड के लिए दर्शन मिलते हैं। गर्मी में पंखा तक नहीं चलता लेकिन VIP को आराम से बैठा दिया जाता है। ये व्यवस्था पूरी तरह भेदभावपूर्ण है।”
प्रशासक ने दी सफाई
मंदिर में हो रहे इस विवाद पर काल भैरव मंदिर की प्रशासक संध्या मारकंडे ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि, “गोविंदा की पत्नी का प्रोटोकॉल पॉइंट आया था। ऐसे में उन्हें नियमों के तहत गर्भगृह में दर्शन की अनुमति दी गई। हम VIP ही नहीं, बल्कि आम श्रद्धालुओं के अच्छे दर्शन के लिए भी लगातार प्रयास करते हैं।”
आम और खास के लिए अलग व्यवस्था से नाराजगी
लोगों का कहना है कि भगवान के दर पर सभी बराबर होते हैं लेकिन मंदिर प्रशासन की व्यवस्था में साफ दिखता है कि खास लोगों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं। आम श्रद्धालु गर्मी में लाइन में खड़े रहकर घंटों इंतजार करते हैं, लेकिन VIP लोग सीधे गर्भगृह में जाकर पूजा कर लेते हैं।
गर्भगृह में आमतौर पर किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं होती, लेकिन VIP के लिए सारे नियम आसानी से बदल जाते हैं। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है।
VIP व्यवस्था पर पहले भी उठ चुके हैं सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब उज्जैन के किसी बड़े मंदिर में VIP व्यवस्था को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी महाकाल मंदिर में ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हर बार प्रशासन सफाई देता है कि प्रोटोकॉल के तहत यह व्यवस्थाएं होती हैं लेकिन आम श्रद्धालुओं के मन में यह सवाल उठते रहते हैं कि आखिर भगवान के दरबार में भेदभाव क्यों?
लोग मांग रहे व्यवस्था में सुधार
अब श्रद्धालुओं की मांग है कि मंदिरों में VIP और आम दर्शन की व्यवस्था में सुधार किया जाए। सभी को समान अवसर मिले ताकि श्रद्धा और भक्ति में भेदभाव न हो। भगवान सबके हैं, उनके दरबार में किसी का ओहदा नहीं चलता।