मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में लोक माता अहिल्या देवी मंडल ने आज मराठा साम्राज्य की महान रानी, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की पुण्यतिथि पर भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। यह रैली नगर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए कमल टॉकीज तिराहे पर जाकर संपन्न हुई। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और माता के आदर्शों को वर्तमान युग में जीवंत करने का संकल्प लिया।
मंडल अध्यक्ष अमोल भगत ने कहा कि अहिल्याबाई की पुण्यतिथि सिर्फ एक धार्मिक या औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह श्रद्धा, सम्मान और जागरूकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “अहिल्या देवी के आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। उन्होंने नारी शक्ति, धार्मिकता और जनसेवा का जो मार्ग दिखाया, वही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
कौन थीं अहिल्याबाई होल्कर?
अहिल्याबाई होल्कर मराठा साम्राज्य की एक अद्वितीय रानी थीं, जिन्होंने इंदौर रियासत को कुशल प्रशासन और जनता के कल्याण से सुव्यवस्थित किया। वे न केवल एक सक्षम शासक थीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और लोकहित के लिए उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।
- उन्होंने काशी, गया, सोमनाथ, द्वारका, बद्रीनाथ जैसे कई प्रमुख धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण कराया।
- महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए कई फैसले लिए।
- शासन में पारदर्शिता और न्याय की मिसाल कायम की।
गजेन्द्र पाटिल ने बताया कि अहिल्याबाई का जीवन महिला सशक्तिकरण का जीता-जागता उदाहरण है। उनका शासनकाल बताता है कि नेतृत्व में संवेदनशीलता और दृढ़ता दोनों जरूरी हैं।
तिरंगा यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
सुबह से ही शहर के अलग-अलग इलाकों से लोग हाथों में तिरंगा लेकर यात्रा में शामिल होने पहुंचे। यात्रा लोक माता अहिल्या देवी मंडल के नेतृत्व में निकाली गई, जिसमें नगर के कई प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक चेहरे नजर आए।
रैली नगर के प्रमुख मार्गों — स्टेशन रोड, गांधी चौक, नेहरू मार्ग, शिवाजी चौक और मुख्य बाजार से होते हुए कमल टॉकीज तिराहे तक पहुंची। पूरे रास्ते में देशभक्ति और जय माता अहिल्या के नारों से वातावरण गूंजता रहा।
कार्यक्रम में मौजूद रहे ये चेहरे
इस अवसर पर पूर्व महापौर अनिल भोसले, तिरंगा यात्रा के मंडल प्रभारी विपुल कानूगो, गजेन्द्र पाटील, मंडल अध्यक्ष अमोल भगत, पार्षद भरत मराठे, नितेश दलाल, राजा इंगले, राजेश महाजन, अमित नवलखे, अमित वारूडे, विनोद सुगंधी, ललित शाह, राजा जगाले, हीरालाल बडगुजर, कुलदीप शर्मा, चरण पासी, हिदायत उल्ला समेत मंडल के सभी साथी मौजूद रहे।
वर्तमान पीढ़ी के लिए संदेश
अमोल भगत ने कहा कि अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में जो आदर्श और मूल्य स्थापित किए, उनकी आज के समय में और भी ज्यादा जरूरत है। उन्होंने समाज में एकता, धार्मिक सौहार्द और सेवा भाव का संदेश दिया।
उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे उनके जीवन से प्रेरणा लें और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।
गजेन्द्र पाटिल ने कहा, “हमारे लिए यह दिन सिर्फ श्रद्धांजलि का नहीं, बल्कि उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का दिन है। अगर आज की पीढ़ी अहिल्याबाई जैसे नेतृत्व को अपनाए, तो समाज में कई सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।”
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें सभी ने यह वचन लिया कि अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।