- बुरहानपुर में कांग्रेस घमासान, अरुण यादव समर्थक नाराज।
- हेमंत पाटिल ने इस्तीफा देकर खोली पार्टी की पोल।
- बीजेपी बोली – कांग्रेस का संगठन नहीं, विसर्जन हो रहा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) ने अपने संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत प्रदेशभर में नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। सूची आते ही कई जिलों में पार्टी के अंदर नाराजगी की लहर दौड़ गई। बुरहानपुर में यह नाराजगी सबसे ज्यादा दिखाई दे रही है, जहां पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव के समर्थकों को पूरी तरह से नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
बुरहानपुर में घमासान, हेमंत पाटिल ने दिया इस्तीफा
कांग्रेस की नई लिस्ट जारी होते ही बुरहानपुर जिले में सोशल मीडिया पर विरोध की आग भड़क उठी। दो बार से कांग्रेस जिलाध्यक्ष की रेस में शामिल रहे हेमंत पाटिल ने नाराज होकर अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं, पाटिल ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर खुलकर आरोप लगाए और कहा कि कांग्रेस योग्य कार्यकर्ताओं की कद्र नहीं करती।
पाटिल का आरोप है कि उन्हें सिर्फ इसलिए दरकिनार किया गया क्योंकि वह अरुण यादव के करीबी माने जाते हैं। नाराज कार्यकर्ताओं ने भी इस दावे का समर्थन किया और कहा कि पार्टी में मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज कर दिया गया।
बीजेपी ने खोला दरवाजा, कहा – कांग्रेस का विसर्जन जारी
हेमंत पाटिल की नाराजगी का फायदा उठाने में बीजेपी ने देर नहीं की। 32 साल कांग्रेस में रहने के बाद पिछले साल ही बीजेपी में शामिल हुए दुर्गेश शर्मा ने बयान दिया कि “कांग्रेस अच्छे कार्यकर्ताओं को कभी महत्व नहीं देती। ऐसे कार्यकर्ता अगर बीजेपी में आना चाहें, तो उनका स्वागत है।”
वहीं, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजहर उल हक ने कांग्रेस पर मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में “पट्ठावाद” चलता है और नई नियुक्तियां इसका बड़ा उदाहरण हैं।
बुरहानपुर के बीजेपी जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज माने ने तो यहां तक कह दिया कि – “आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि कांग्रेस का विसर्जन कर देना चाहिए, लेकिन उस वक्त नेताओं ने उनकी बात नहीं मानी। अब मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व संगठन सृजन नहीं, बल्कि कांग्रेस का विसर्जन कर रहा है।”
कांग्रेस बोली – नाराजगी मामूली है, जल्द होगी बैठक
कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष हर्ष रिंकू टाक ने नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि “सिर्फ एक-दो कार्यकर्ता नाराज हैं, लेकिन जल्द ही समन्वय समिति की बैठक कर सभी को मना लिया जाएगा। पार्टी का लक्ष्य 2027 चुनाव है और हम सब मिलकर जीत की रणनीति बनाएंगे।”
बीजेपी द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को न्योता दिए जाने पर हर्ष टाक ने पलटवार करते हुए कहा – “लगता है अब बीजेपी भी कांग्रेस के भरोसे है। कांग्रेस का संगठन मजबूत है और हम सब मिलकर आगामी चुनाव की तैयारी करेंगे।”
अरुण यादव के करीबी बोले – कोई अनदेखी नहीं हुई
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और अरुण यादव के करीबी अजय सिंह रघुवंशी ने कहा कि किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अरुण यादव समर्थकों को नज़रअंदाज करने की बात गलत है।
रघुवंशी ने बीजेपी के तंज का जवाब देते हुए कहा – “बीजेपी कांग्रेस के विसर्जन की बात कर रही है, लेकिन यह बताए कि बीते 20 साल से प्रदेश में उनकी सरकार है तो विकास कहां है? कांग्रेस मजबूत है और रहेगी।”
कांग्रेस बनाम बीजेपी की राजनीति तेज
कांग्रेस में संगठन सृजन के बाद से ही प्रदेशभर में खींचतान तेज हो गई है। बुरहानपुर इसका बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। जहां एक तरफ नाराज कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे अपने लिए मौके के रूप में देख रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या कांग्रेस नाराज कार्यकर्ताओं को मना पाएगी या फिर बीजेपी इस असंतोष को अपने पक्ष में बदल लेगी।