- अरुण सुभाषचंद्र यादव ने 20 साल में पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर सवाल उठाए।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर 27% आरक्षण लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।
- सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के बावजूद सभी पार्टियों ने आरक्षण लागू करने का समर्थन किया।
मध्य प्रदेश के भोपाल में गुरुवार (28 अगस्त) को मध्य प्रदेश में OBC Reservation in Madhya Pradesh यानी पिछड़े वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण को लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मुद्दे पर सभी पार्टियों को आमंत्रित किया। इस बैठक में बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व एमपी अध्यक्ष अरुण सुभाषचंद्र यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 20 साल में प्रदेश में चार मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से रहे, फिर भी पिछड़े वर्ग के लोगों को 27 फीसदी आरक्षण नहीं मिल सका। उन्होंने कहा, “2019 में कमलनाथ की सरकार ने पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण की पहल की थी। लेकिन आज 2025 में भी इसे लागू नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ने चिंता जताई है और सर्वदलीय बैठक बुलाई है। हमारी उनसे यही प्रार्थना है कि जो कहा है, उसे जल्दी लागू करें।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के लिए लाए गए OBC आरक्षण के कानूनी अड़चनों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “कानून के मुताबिक कई तरह के तर्क सामने आ सकते हैं। अगर कोई रास्ता निकाला जाता है जिससे पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण जल्दी लागू हो सके, तो यह एक सकारात्मक कदम होगा।”
पटवारी ने आगे कहा, “स्वाभाविक रूप से यह सोच सरकार और सभी पार्टियों की जिम्मेदारी है कि कानून का पालन हो। जिन लोगों ने पिछले 6 साल में इसे रोकने की कोशिश की, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। पार्टी लाइन से ऊपर उठकर पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण लागू करना स्वागत योग्य कदम है।”
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला
बता दें कि ओबीसी को 14% से बढ़ाकर 27% आरक्षण देने का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मुद्दे पर बुधवार को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी और गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई।
बैठक में यह चर्चा भी हुई कि कैसे कानूनी प्रक्रियाओं के चलते आरक्षण को जल्दी लागू किया जा सके। सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई कि पिछड़े वर्ग के अधिकारों की सुरक्षा और उनके लिए आरक्षण लागू करना प्राथमिकता होनी चाहिए।
OBC आरक्षण क्यों महत्वपूर्ण है
मध्य प्रदेश में पिछड़े वर्ग के लोग शिक्षा, रोजगार और सरकारी नौकरियों में पिछड़ते रहे हैं। 14% आरक्षण में कई लोग शामिल नहीं हो पाते थे। इसी वजह से पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण की मांग लगातार उठती रही है।
सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद, सर्वदलीय बैठक में यह साफ किया गया कि सभी पार्टियां चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी पिछड़े वर्ग के लिए यह आरक्षण लागू हो।
मुख्यमंत्री की भूमिका
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाना उनका प्राथमिक काम है। उन्होंने सभी पार्टियों से यह आग्रह किया कि मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाला जाए। बैठक में यह भी तय हुआ कि कानूनी अड़चनें दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
अगले कदम
सर्वदलीय बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि ओबीसी आरक्षण को लागू करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाए, जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले और कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए समाधान तलाशे। सभी पार्टियों ने इसे सकारात्मक कदम बताया।
आम सवाल और जवाब
Q1: ओबीसी को 27% आरक्षण कब दिया जाएगा?
A1: अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों ने इसे जल्दी लागू करने की बात कही है, लेकिन फाइनल तारीख कोर्ट के फैसले और कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करेगी।
Q2: पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण क्यों जरूरी है?
A2: 14% आरक्षण में कई पिछड़े वर्ग के लोग शामिल नहीं हो पाते थे। 27% आरक्षण लागू होने से शिक्षा, रोजगार और सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग को अधिक अवसर मिलेंगे।
Q3: कांग्रेस ने क्या कहा?
A3: कांग्रेस ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू होना चाहिए। पार्टी ने सर्वदलीय बैठक में कानूनी अड़चनों पर चर्चा की और इसे जल्दी लागू करने का समर्थन किया।
Q4: मुख्यमंत्री ने क्या प्रतिक्रिया दी?
A4: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई और सभी पार्टियों से मिलकर समाधान निकालने की अपील की।
Q5: सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन शामिल हुए?
A5: इस बैठक में बीजेपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए।
Q6: अगले कदम क्या होंगे?
A6: बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि एक विशेष कमेटी बनाई जाए, जो कानूनी अड़चनें दूर कर और सुप्रीम कोर्ट के मामले को ध्यान में रखते हुए जल्दी समाधान निकाले।
आरक्षण लागू होना अब प्राथमिकता
OBC Reservation लागू करना अब सभी पार्टियों की प्राथमिकता बन गया है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी साफ किया कि पिछड़े वर्ग के लिए 27% आरक्षण लागू होना चाहिए और इसे रोकने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई भी होनी चाहिए।