बुरहानपुर में डेढ़ वर्ष पूर्व डॉक्टर की लापरवाही के चलते पत्नी की मौत के बाद पति न्याय के लिए दर-दर भटकने पर हुआ मजबूर इस घटना में डॉक्टर की लापरवाही हुई थी उजागर लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिलने से मृतका के पति और परिजन सीने पर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई के स्लोगन लगाकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे अभी विगत दिनों भी इसी डॉक्टर पर परिजनों ने महिला की मृत्यु पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं
जानिए पूरा मामला
मामला बुरहानपुर के पासी मोहल्ले का है जहां पर भगवान दास पासी अपनी पत्नी के साथ निवास करते थे पत्नी 7 महीने की गर्भवती थी और जांच में पता चला कि बच्चा गर्भ में ही मर चुका है इसके बाद अस्पताल में डॉ दीपक देवरे को अबॉर्शन करना था लेकिन डॉक्टर समय पर पहुंचे ही नहीं जिसके चलते गर्भवती महिला की मृत्यु हो गई यह मामला डेढ़ वर्ष पुराना बताया जा रहा है अगर डॉक्टर समय पर पहुंचकर गर्भ में मृत्यु होने पर अबॉर्शन के माध्यम से बच्चों को निकाल लेते तो महिला की जान नहीं जाती यह गंभीर आरोप मृत महिला के पति भगवानदास पासी डॉक्टर दीपक देवरे पर लगाए हैं और डॉक्टरों की पैनल ने बाकायदा इस पूरे मामले की जांच भी की और डॉक्टर दीपक देवर की लापरवाही भी इसमें उजागर हुई थी लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी इन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई परिजन बार-बार प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया आज परिजन अपने सीने पर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई करने को लेकर स्लोगन लिखकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे यहां भी उन्हें फिलहाल कार्रवाई का आश्वासन ही मिला है
डॉक्टर का विवादों से है गहरा नाता
बिना अनुमति के सोनोग्राफी सेंटर चलने पर जिला अस्पताल की टीम ने दबीच देकर डॉ दीपक देवर को सोनोग्राफी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा और डॉक्टर ने भी अपनी गलती को स्वीकार करते हुए टीम को लिखकर दिया है लेकिन बावजूद आज तक डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई नियम यह कहता है कि इन पर बाकायदा FIR दर्ज होना थी लेकिन अभी तक नहीं हो पाई है इसके बाद डेढ़ वर्ष पूर्व गर्भवती महिला की मृत्यु का कारण भी डॉक्टर देवर को ही माना जा रहा है तीन डॉक्टरों की टीम ने जांच की और यह पाया है कि डॉक्टर देवर की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला की मृत्यु होगी लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई ताजा मामला गुड हॉस्पिटल का है जहां पर डिलीवरी के दौरान महिला की मृत्यु होने पर भी परिजनों को इसकी सूचना नहीं दी और परिजनों से पैसे और मृत महिला को ब्लड चढ़ाने की मांग की परिजनों को जब पता चला तो परिजनों ने खूब हंगामा किया और आरोप लगाया कि उन्होंने नवजात शिशु को भी बंधक बना कर रखा जब इतने लगने के बाद भी डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं होना यह अपने आप में कानून व्यवस्था पर एक प्रश्न चिन्ह लगता है
क्या डॉक्टर के प्रैक्टिस पर लगना चाहिए प्रबंध
मध्य प्रदेश शासन मरीज को बेहतर इलाज के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए तरह-तरह के नित्य नए प्रयास कर रही है लेकिन ऐसे डॉक्टर जो विवादों में घिरे रहते हैं और जिनके लापरवाही के चलते मरीज के जान पर बनती है और वह अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठते हैं ऐसे डॉक्टरों की प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाकर उन पर उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए और उन पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए तभी इस तरह के मामलों की पुनरावृति नहीं होगी जहां एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार सुशासन की बात करती है और उसके ही राज्य में डॉक्टरों की लापरवाही उजागर होना जिसके चलते मरीजों की जान भी जा रही है उन पर कार्रवाई न होना भी सुशासन और न्याय व्यवस्था पर एक प्रश्न चिन्ह लगता है ऐसे डॉक्टरों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होना चाहिए ताकि आगे चलकर ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति ना हो और पीड़ित को न्याय मिल पाए
फिलहाल इस पूरे मामले पर देखना यह होगा कि प्रदेश सरकार और प्रदेश सरकार का जवाबदार विभाग दोषी पाए जाने पर ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई कर पता है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा
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