बुरहानपुर में हाल ही में प्रदर्शित हुई फिल्म काला एक बार फिर विवादों में गिरती हुई नजर आ रही है फिल्म निर्माता पर आरोप है कि उन्होंने सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म कला को कॉपी किया है वहीं इसके माध्यम से उन्होंने कॉपीराइट का भी उल्लंघन किया इसी के साथ सेंसर बोर्ड से फिल्मों को किसी प्रकार का कोई सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है जो की नियमों का उल्लंघन है इसी के साथ फिल्म निर्माता के द्वारा मनोरंजन टैक्स की भी चोरी का मामला सामने आया है इस पूरे मामले पर फिल्म निर्माता और मल्टीप्लेक्स के खिलाफ कार्रवाई के हिंदू महासभा ने कलेक्टर को एक ज्ञापन छुपा है और साथ ही उचित कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है
फिल्म प्रदर्शन और निर्माण को लेकर नियम
फिल्म “काला” के मामले में उठे विवादों पर चर्चा करने से पहले, हम इसके विभिन्न पहलुओं और संबंधित नियमों को देख लेते हैं
1. कॉपीराइट का उल्लंघन
अगर किसी फिल्म पर यह आरोप है कि वह दूसरी फिल्म की कॉपी है, तो यह कॉपीराइट उल्लंघन का मामला बन सकता है। भारतीय कॉपीराइट अधिनियम के तहत:
कॉपीराइट के अधिकार: मूल सामग्री के निर्माता के पास अपने काम के प्रति अधिकार होते हैं। बिना अनुमति के उसके काम का उपयोग करना अवैध है।
न्यायालय में मामला: ऐसे मामलों में, प्रभावित पक्ष न्यायालय में कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दायर कर सकता है।
2. सेंसर बोर्ड की अनुमति
फिल्मों को रिलीज करने से पहले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है:
प्रमाणन प्रक्रिया: फिल्म को प्रमाणित करने के लिए सबमिट करना पड़ता है। यदि फिल्म बिना प्रमाणन के प्रदर्शित होती है, तो यह कानून का उल्लंघन है।
कानूनी कार्रवाई: सेंसर सर्टिफिकेट के बिना फिल्म प्रदर्शित करने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की जा सकती है।
3. मनोरंजन टैक्स की चोरी
मनोरंजन कर की चोरी एक गंभीर अपराध है:
राज्य कानून: प्रत्येक राज्य में मनोरंजन कर के लिए अलग नियम और दरें होती हैं।
आर्थिक दंड: अगर किसी फिल्म पर टैक्स चोरी का आरोप है, तो उसे दंडित किया जा सकता है।
4. मल्टीप्लेक्स संचालकों के नियम
मल्टीप्लेक्स संचालकों को भी कानूनी और प्रशासनिक नियमों का पालन करना होता है:
प्रमाणन अनिवार्य: फिल्म का प्रदर्शन केवल तब तक किया जा सकता है जब तक उसे CBFC से प्रमाणन प्राप्त न हो।
नियमों का उल्लंघन: अगर संचालक बिना अनुमति के फिल्म प्रदर्शित करते हैं, तो उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
नशे के खिलाफ संदेश देती फिल्म ”काला” का विवाद
युवाओं में बढ़ते नशे के खिलाफ बुरहानपुर के कलाकार और फिल्म के डायरेक्टर हनीफ खान (अन्नू दादा) ने एक स्टोरी क्रिएट की और इस पर उन्होंने काम भी शुरू किया बुरहानपुर जिले के स्थानीय स्थलों पर स्थानीय कलाकारों को साथ लेकर उन्होंने फिल्म की शूटिंग शुरू की इसके पीछे उनके उपदेश बहुत ही साफ नजर आ रहा है कि युवाओं में बढ़ते नशे की लत को लेकर एक फिल्म के माध्यम से जन आंदोलन खड़ा किया जाए और इससे होने वाले दुष्परिणाम और परिवार कैसे बर्बाद होता है इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने इसका जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया है कुछ महीने की मेहनत के बाद आखिरकार उनकी यह फिल्म काला पूरी तरह से तैयार हो गई अब बड़ी थी फिल्म को प्रदर्शित करने की तो उन्होंने स्थानीय मल्टीप्लेक्स के ऑनर से बात कर उसे उनके यहां प्रोजेक्टर पर दिखाने की बात की और इस पर वह मां भी गए और फिल्म का प्रदर्शन शुरू हो गया फिल्म को कुछ लोगों ने सराहा तो कुछ ने इसका विरोध भी अब शुरू कर दिया है
फिल्म “काला” को लेकर क्या है विवाद
वही फिल्म के डायरेक्टर और स्थानीय कलाकार पर आरोप है कि उन्होंने सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म कला को हूबहू कॉपी किया है और इसी के साथ उन्होंने सेंसर बोर्ड से फिल्में के प्रदर्शन को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया तो वही उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर इस फिल्म की शूटिंग बुरहानपुर के अलग-अलग स्थलों पर की जिसकी भी उन्होंने कोई अनुमति लेना उचित नहीं समझा तो वही मनोरंजन टैक्स की चोरी का भी मामला सामने आ रहा है बताया जा रहा है कि फिल्म को देखने के लिए दशकों से 50 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है इसी अनियमित और टैक्स चोरी को लेकर सर्वप्रथम बुरहानपुर के युवा और हिंदू नेता प्रियांशु सिंह ठाकुर ने भी इस फिल्म को लेकर कलेक्टर को शिकायत की थी तब यह फिल्म मल्टीप्लेक्स से कुछ दिनों के लिए प्रदर्शित होना बंद हो गई थी लेकिन अब फिर से यह फिल्म प्रदर्शित की जा रही है
सुपरस्टार रजनीकांत की कला फिल्म की कॉपी है “काला”
इसके बाद फिर अब हिंदू महासभा ने उपरोक्त मामले पर कलेक्टर को शिकायत की है इसके पीछे हिंदू महासभा के दिनेश सुगंधी ने तर्क दिया है कि फिल्म का प्रदर्शन और प्रस्तुतीकरण स्थानीय स्तर पर अच्छी बात है लेकिन इसके सारे नियमों को मनाना चाहिए लेकिन फिर मैं निर्माता ने सारे नियम कानून कार्यों को ताक पर रख दिया फिल्म के निर्माण की ना ही कोई परमिशन और ना ही फिल्म के प्रदर्शन को लेकर सेंसर बोर्ड से किसी भी प्रकार का कोई सर्टिफिकेट नहीं लिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है और फिल्म मनोरंजन टैक्स की चोरी भी कर रही है स्थानीय मल्टीप्लेक्स के संचालक भी इस गोरख धंधे में शामिल है वही सबसे बड़ी बात यह है कि फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म कला की हूबहू कॉपी है जो की कॉपीराइट का सरासर उल्लंघन है अब उन्होंने इस पर कलेक्टर को ज्ञापन दिया है और मांग की है कि फिल्म के प्रदर्शन को तत्काल रोका जाए और गंभीर मामलों पर संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई की जाए आगर जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता तो हिंदू महासभा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी
फिल्म निर्माता का पक्ष
वही इस पूरे मामले पर फिल्म निर्माता और स्थानीय कलाकार ने भी अपना पक्ष रखा है उनके अनुसार बुरहानपुर में नशे के खिलाफ इस फिल्म को सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए क्योंकि आजकल युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है और जिससे कैसे एक हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो जाता है इसको लेकर एक संदेश भी दिया है तो स्थानीय स्तर पर इसका विरोध न करते हुए समर्थन करना चाहिए रही बात सेंसर बोर्ड की तो वहां पर परमिशन के लिए लाखों करोड़ों रुपए लगते हैं हमने बहुत ही छोटे पैमाने पर फिल्म को बनाया है इसमें लूम चलने वाले मजदूरों से लेकर ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने अपनी एक्टिंग का हुनर दिखाया है जिसे स्थानीय स्तर पर सराहना मिलना चाहिए इसका विरोध नहीं होना चाहिए
वहीं जिला प्रशासन ने भी इस पूरे मामले पर शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया है कि वह सभी बिंदुओं की विस्तार से जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे लेकिन फिलहाल बार-बार इस फिल्म को लेकर शिकायत और विवाद को देखते हुए ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन को इस पर त्वरित करवाई करना चाहिए फिलहाल अब इस पूरे मामले पर प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा
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