बुरहानपुर की महापौर माधुरी अतुल पटेल ने एक विवादास्पद बयान दिया था उन्होंने ताप्ती नदी के छोटे पुल पर स्टॉप डैम बनाकर वास्तु दोष दूर करने की बात कही थी अब उनके इस बयान से श्रद्धालु और साधु संतों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है उन्होंने कहा है कि महापौर को अपने इस बयान को वापस लेकर जीवन दायिनी मां ताप्ती नदी से क्षमा याचना करना चाहिए यह बयान हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है जिसके चलते उन्होंने ताप्ती नदी के राजघाट पर पहुंचकर एक क्षमा याचना पूजन अर्चन किया और मां ताप्ती नदी से क्षमा प्रार्थना की हैं
जानिए पूरा मामला और विवादास्पद बयान
दरअसल विगत दिनों जन संसाधन मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट अपने दौरे पर बुरहानपुर पहुंचे थे इस दौरान शहर की महापौर माधुरी अतुल पटेल ने उन्हें ताप्ती नदी के पुराने और छोटे पुल पर स्टॉप डैम बनाने के लिए एक ज्ञापन दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि ताप्ती नदी पर स्टॉप डैम बन जाने से गर्मी के दिनों में नदी का पानी काम हो जाता है और स्टॉप डैम अगर बन जाता है तो ताप्ती नदी के आसपास रहने वाले गांव और अधिकतर किसानों को इससे फायदा होगा पानी की उपलब्धता से जमीन का जलस्तर भी बढ़ेगा जिसका उपयोग किसान अपनी फसल को सिंचने के लिए कर पाएंगे और वास्तुशास्त्र के अनुसार, नदी का प्रवाह विपरीत दिशा में होना वास्तुदोष होता है स्टापडेम बनने से यह वास्तुदोष दूर होगा और शहर के विकास में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
यह महापौर ने कहा था अब इसके पीछे शहर की महापौर माधुरी अतुल पटेल की मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहचाने कि नहीं थी लेकिन अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है और ताप्ती सेवा समिति और साधु संतों ने इस पर आपत्ती दर्ज करवाई है
महापौर के बयान पर क्षमा प्रार्थना यज्ञ का आयोजन
समिति के अध्यक्ष सरिता भगत के अनुसार महापौर का यह बयान बिना किसी प्रमाण के है और यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता हैं और जीवन दायिनी मां ताप्ती नदी के समक्ष हमें अपराध बहुत महसूस हो रहा है जिस पर चलते हमने पंडित तपन महाराज के मार्गदर्शन में और सानिध्य में क्षमा याचना और प्रार्थना यज्ञ का आयोजन किया ताकि जीवन दायिनी मां ताप्ती नदी शहर वासियों पर अपनी कृपा बनाए रखें और हमें क्षमा करें
महापौर के बयान पर साधु संतों की प्रतिक्रिया
समिति के सचिव धर्मेंद्र सोनी ने बताया कि हजारों वर्षों से अविरल बहती मां ताप्ती नदी में साधु संतों और हमारे धार्मिक ग्रंथो में भी किसी भी प्रकार का कोई वास्तु दोष नहीं बताया गया है मां ताप्ती नदी में स्नान मात्र से ही सारे पापों से मुक्ति मिलती है और इंसान का उद्धार हो जाता है
ताप्ती महोत्सव के संयोजक महेश खंडेलवाल ने महापौर के इस बयान का खंडन करते हुए कहा कि जीवन दाहिनी मां ताप्ती नदी पर किसी भी साधु संत ने इस तरह के बयान का समर्थन अभी तक नहीं किया महापौर को अपने इस बयान पर साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए अन्यथा मां ताप्ती नदी से क्षमा याचना करें यह हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है
महंत पुष्करणंद महाराज और महंत नर्मदा गिरी महाराज ने किसी भी तरह के वास्तु दोष को ना करते हुए मां ताप्ती नदी का बखान करते हुए कहा कि सूर्य पुत्री मां ताप्ती नदी का नाम मात्र लेने से ही संसार के सारे पापों से मुक्ति मिलती है और हमारे धार्मिक ग्रंथो में इस तरह के किसी भी वास्तु दोष का वर्णन नहीं है महापौर को अपने इस बयान को वापस लेना चाहिए
धार्मिक आस्था और महत्व
सूर्यपुत्र मां ताप्ती नदी के किनारे रहने और बसने वाले साधु संतों ने महापौर के इस बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि उनके इस बयानों से मां ताप्ती नदी के प्रति आस्था को ठेस पहुंचती है मां ताप्ती नदी के किनारे कई ऋषि मुनियों ने तपस्या की है तो वही हमारे धार्मिक ग्रंथो में भी मां ताप्ती नदी की महिमा का उल्लेख मिलता है यहां पर इस तरह से किसी भी प्रकार के दोष होने का प्रमाण नहीं है सूर्य पुत्री माताप्ती नदी तो जीवन दायिनी है इनके तट पर धार्मिक अनुष्ठान करने से कई लाख पुण्य प्राप्त होता है और व्यक्ति अपने सारे पापों से मुक्त हो जाते हैं मां ताप्ती नदी के तट पर पिंडदान और अस्थि विसर्जन करने से अमृत आत्मा को शांति और सद्गति प्राप्त होती है ऐसा हमारे धार्मिक ग्रंथो और पुराणों में वर्णित है
महापौर द्वारा दिए गए बयान के मामले में तूल पकड़ने के बाद अब देखना यह होगा कि क्या महापौर अपने इस बयान को वापस लेती है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा
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