- केनरा बैंक मैनेजर ने सरकारी योजना की राशि दिलाने के बदले 75,000 की रिश्वत मांगी थी।
- लोकायुक्त इंदौर ने 5,000 रुपये की दूसरी किस्त लेते समय आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा।
- आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई जारी है।
मध्य प्रदेश: खंडवा में लोकायुक्त इंदौर की टीम ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ये कार्रवाई महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख के सख्त निर्देशों के बाद की गई।
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी अधिकारी ने एक सरकारी योजना के तहत स्वीकृत लोन की राशि दिलाने के बदले आवेदक से मोटी रकम की मांग की थी। यह रिश्वत चरणबद्ध तरीके से ली जा रही थी, लेकिन आवेदक की सतर्कता और लोकायुक्त की मुस्तैदी से यह भ्रष्टाचार उजागर हो गया।
क्या है पूरा मामला?
खंडवा जिले के हरसूद तहसील के रामपुरी रेयक गांव निवासी विनोद लोवंशी ने आचार्य विद्यासागर योजना के तहत एक डेयरी खोलने के लिए 6 लाख रुपये की सरकारी सहायता राशि के लिए आवेदन किया था। यह राशि आवेदक के खाते में डालने की प्रक्रिया के दौरान केनरा बैंक छनेरा नया हरसूद शाखा के ब्रांच मैनेजर राधा रमन सिंह राजपूत ने 75,000 रुपये की रिश्वत मांगी।
आरोपी मैनेजर ने पहले ही 10,000 रुपये की पहली किस्त ले ली थी। दूसरी किस्त के तौर पर आज 5,000 रुपये की डील तय हुई थी, जिसे देने की तैयारी में आवेदक था।
लोकायुक्त से की शिकायत, फिर बिछाया गया जाल
इस भ्रष्टाचार से परेशान होकर आवेदक ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय के एसपी श्री राजेश सहाय को पूरे मामले की लिखित शिकायत दी। लोकायुक्त टीम ने जब मामले की जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद आज, दिनांक 5 अगस्त 2025, को ट्रैप ऑपरेशन प्लान किया गया।
जैसे ही आरोपी ने 5,000 रुपये रिश्वत की रकम अपने हाथ में ली, वहां मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
इन धाराओं में हुई कार्रवाई
इस कार्रवाई के तहत आरोपी ब्रांच मैनेजर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया गया है। आगे की जांच जारी है और आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया के तहत कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कौन-कौन थे ट्रैप ऑपरेशन में शामिल?
इस ट्रैप कार्रवाई का नेतृत्व डीएसपी लोकायुक्त सुनील तालान ने किया। टीम में निरीक्षक सचिन पटेरिया, आरक्षक विजय सेलार, अनिल परमार, पवन पटोरिया, टाइपिस्ट प्रभात मोरे, चालक शेर सिंह ठाकुर, और दो पंच साक्षी मौजूद रहे।
लोगों में संदेश – अब रिश्वतखोरी नहीं चलेगी
इस कार्रवाई से क्षेत्र में एक सख्त संदेश गया है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार करता है, तो वह कानून की पकड़ से नहीं बच सकता। लोकायुक्त की सख्त निगरानी और आम जनता की जागरूकता ही मिलकर सिस्टम को साफ बना सकती है।