- BRC नीरज गर्ग रिश्वत लेते पकड़ा गया।
- स्कूल की मान्यता नवीनीकरण में रिश्वत की मांग।
- लोकायुक्त की टीम ने आरोपी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
मध्य प्रदेश के इंदौर में Indore Lokayukt Trap की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। शिक्षा विभाग में पदस्थ खंड श्रोत समन्वयक (BRC) नीरज गर्ग को 30 हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी अफसर पर स्कूल की मान्यता नवीनीकरण कराने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है।
कैसे हुआ खुलासा?
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब रामविलास गुर्जर, जो द सेंट पीटर्स कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, इंदौर के संचालक हैं, उन्होंने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय से शिकायत की। गुर्जर ने बताया कि BRC नीरज गर्ग उनसे स्कूल की मान्यता नवीनीकरण कराने के नाम पर ₹80,000 की रिश्वत मांग रहा है।
लोकायुक्त टीम ने शिकायत की तस्दीक कराई। जांच के दौरान आरोपी ने पड़ोस के ओएसिस स्कूल के कर्मचारी कमल सिंह वीरजी के जरिए 50 हजार रुपए पहले ही ले लिए थे। यह रकम आवेदक ने 25 अगस्त को दे दी थी।
दूसरा किस्त लेते ही पकड़ा गया अफसर
योजना के मुताबिक, बाकी के ₹30,000 देने का समय 26 अगस्त तय हुआ। आरोपी ने आवेदक को कालानी चौराहा, इंदौर पर शाम 6 बजे मिलने बुलाया। जैसे ही संचालक ने पैसे सौंपे, लोकायुक्त की पहले से तैयार टीम ने नीरज गर्ग को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया।
लोकायुक्त की टीम रही पूरी तरह अलर्ट
कार्रवाई के दौरान DSP सुनील कुमार तालान, कार्यवाहक निरीक्षक आशुतोष मिठास, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक आशीष नायडू, कमलेश परिहार, रामेश्वर निंगवाल, सतीश यादव और चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल रहे। टीम ने आरोपी को पकड़ने के बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है।
शिक्षा विभाग की छवि पर सवाल
इंदौर में शिक्षा विभाग के अफसर का रिश्वत लेते पकड़ा जाना विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्कूल संचालकों का कहना है कि मान्यता और नवीनीकरण जैसे नियमित कामों के लिए भ्रष्टाचार होना बेहद चिंताजनक है।
महानिदेशक लोकायुक्त का सख्त रुख
महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख ने इस तरह के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश पहले ही दे रखे हैं। इंदौर लोकायुक्त की टीम द्वारा की गई यह कार्रवाई उन्हीं निर्देशों का हिस्सा मानी जा रही है।
अब आगे क्या?
फिलहाल आरोपी BRC नीरज गर्ग पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ चल रही है। लोकायुक्त विभाग अब यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि इस रिश्वतखोरी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।
लोकायुक्त की कार्रवाई से बढ़ी उम्मीद
इंदौर में हुई यह Indore Lokayukt Trap कार्रवाई शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर करती है। 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़े गए अफसर के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई होगी। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की उम्मीद बढ़ती है।