- जन्म प्रमाण पत्र के लिए मांगी गई रिश्वत
- Indore Lokayukt Trap में सहायक गिरफ्तार
- 1250 रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा गया
Indore Lokayukt Trap: मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में इंदौर लोकायुक्त टीम ने गुरुवार, 28 अगस्त 2025 को झाबुआ जिले में ट्रैप कार्रवाई करते हुए ग्राम रोजगार सहायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। मामला रानापुर तहसील के ग्राम डिग्गी का है, जहां आवेदक से बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर घूस मांगी गई थी।
जन्म प्रमाण पत्र के लिए मांगी गई रिश्वत
आवेदक कमल सिंह निंगवाल, उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम डिग्गी (तहसील रानापुर, जिला झाबुआ) खेती-किसानी करता है। उसके सात साल के बेटे पवन सिंह का जन्म प्रमाण पत्र पंचायत से बनवाना था। इस काम के लिए वह ग्राम पंचायत डिग्गी के रोजगार सहायक दिनेश कुमार पचाहा से मिला।
आरोप है कि दिनेश पचाहा ने आवेदक से कहा कि जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए 1600 रुपये देने होंगे। यह रिश्वत सीधे पंचायत से प्रमाण पत्र दिलवाने के एवज में मांगी गई थी।
लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत
आवेदक ने इस रिश्वतखोरी की शिकायत इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में पुलिस अधीक्षक (विपुस्था) श्री राजेश सहाय को दी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सत्यापन कराया गया। जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई का प्लान बनाया।
ट्रैप की कार्रवाई और गिरफ्तारी
28 अगस्त 2025 को इंदौर लोकायुक्त की ट्रैप टीम ने जाल बिछाया। तयशुदा योजना के तहत जब आवेदक ने 1250 रुपये आरोपी रोजगार सहायक दिनेश पचाहा को दिए, तभी टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी के पास से रिश्वत की रकम बरामद की गई और मौके पर ही गिरफ्तारी की कार्रवाई पूरी की गई।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि आरोपी दिनेश पचाहा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया भी जारी है।
कार्रवाई में शामिल टीम
इस ट्रैप ऑपरेशन को कार्यवाहक निरीक्षक आशुतोष मिठास और कार्यवाहक निरीक्षक सचिन पटेरिया की अगुवाई में अंजाम दिया गया। इनके साथ आरक्षक विजय कुमार, कमलेश परिहार, आशीष आर्य, बन्दमोहन सिंह बिष्ट और मनीष माधुर भी मौजूद रहे। टीम ने मिलकर इस कार्रवाई को सफल बनाया।
लोकायुक्त की सख्ती
महानिदेशक लोकायुक्त श्री योगेश देशमुख ने पहले ही भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। उसी निर्देश के तहत इंदौर लोकायुक्त इकाई लगातार सक्रिय है और रिश्वतखोरी में लिप्त कर्मचारियों पर शिकंजा कस रही है।
आम जनता के लिए राहत
इस तरह की कार्रवाई से गांव और कस्बों में रहने वाले आम लोगों को बड़ी राहत मिलती है। अक्सर देखा जाता है कि छोटे-छोटे सरकारी कामों, जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र या खसरे-खतौनी की कॉपी के लिए भी कर्मचारी घूस मांगते हैं। ऐसे मामलों में लोकायुक्त की छापेमारी और गिरफ्तारी जनता का भरोसा बढ़ाती है।
Indore Lokayukt Trap की यह कार्रवाई एक बार फिर साबित करती है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारी अब बच नहीं पाएंगे। चाहे मामला कितना ही छोटा क्यों न हो, अगर शिकायत सही है तो लोकायुक्त तुरंत एक्शन लेने के लिए तैयार है।