- इंदौर लोकायुक्त ने जूनियर इंजीनियर को ₹10,000 रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
- बिजली कनेक्शन के लिए ₹40,000 शुल्क के अलावा ₹10,000 की अवैध मांग की थी।
- Cलोकायुक्त ने ट्रैप ऑपरेशन कर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया।
मध्य प्रदेश के इंदौर में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त ने एक और सख्त कार्रवाई की है। मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एक जूनियर इंजीनियर को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई ने बुधवार को अंजाम दी।
शिकायत से लेकर ट्रैप तक का मामला
आवेदक सूर्यकांत सोनोने, निवासी पंचमूर्ति नगर, इंदौर ने बताया कि उन्होंने श्री विष्णु प्रसाद चौहान से नलिया बाखल इलाके में स्थित गोदाम नंबर 101 और 14 किराये पर लिया था। यहां स्टीम मशीन का कारोबार शुरू करने के लिए उन्हें 10 किलोवाट का बिजली कनेक्शन चाहिए था।
इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग में आवेदन किया, लेकिन ज़िम्मेदार जूनियर इंजीनियर शैलेन्द्र पाटकर ने उनसे ₹40,000 का शासकीय शुल्क लेने के अलावा ₹10,000 अलग से रिश्वत की मांग कर डाली।
आवेदक ने 6 अगस्त 2025 को इंदौर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय को इसकी शिकायत दी। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त टीम ने जांच शुरू की और सत्यापन के दौरान रिश्वत मांगने की बात सही पाई।
ट्रैप ऑपरेशन और गिरफ्तारी
7 अगस्त 2025 को ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई गयी। योजना के अनुसार आवेदक ने तय रकम देने के लिए आरोपी को बुलाया और जैसे ही आरोपी ने ₹10,000 नकद लिए, टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
टीम में शामिल अधिकारी
इस ट्रैप कार्रवाई में निरीक्षक रेनू अग्रवाल और निरीक्षक सचिन पटेरिया के साथ प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक आशीष आर्य, चेतन परिहार, राकेश मिश्रा और कमलेश परिहार शामिल रहे। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई ताकि कोर्ट में पुख्ता सबूत पेश किए जा सकें।
आरोपी के खिलाफ मामला
लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी शैलेन्द्र पाटकर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है और आगे की जांच जारी है।
लोकायुक्त का सख्त रुख
लोकायुक्त महानिदेशक योगेश देशमुख ने कहा है कि आम लोगों को सरकारी सेवाओं के लिए रिश्वत देने की मजबूरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी।
आम जनता के लिए संदेश: लोकायुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी काम के बदले रिश्वत मांगता है तो तुरंत शिकायत करें। लोकायुक्त हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल के जरिए शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। आपकी पहचान सुरक्षित रखी जाएगी।।
नोट: अगर आपको भी किसी सरकारी विभाग में रिश्वत मांगी जा रही है, तो इंदौर लोकायुक्त कार्यालय या हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।